आजादी के बाद हुए प्रदर्शनों के पीछे किसका था हाथ... अब जांच में जुटी पुलिस

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Last Updated:September 15, 2025, 08:10 IST

आजादी के बाद हुए प्रदर्शनों के पीछे किसका था हाथ... अब जांच में जुटी पुलिसअमित शाह ने आजादी के बाद के आंदोलनों का अध्ययन करने का निर्देश दिया है.

देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है. हाल ही में आयोजित ‘नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजीज कॉन्फ्रेंस-2025’ में शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) को निर्देश दिए हैं कि वह आजादी के बाद के सभी विरोध प्रदर्शनों खासकर 1974 के बाद की घटनाओं का गहन अध्ययन करे. इसका उद्देश्य भविष्य में किसी निजी स्वार्थ में किसी मास एगिटेशंस को रोकना है. इस अध्ययन में प्रदर्शनों के कारणों, उसमें लगे पैसों, उसके नतीजों और उसे पीछे से संचालित करने वाले लोगों का विश्लेषण किया जाएगा. ताकि भविष्य के प्रदर्शनों को लेकर एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) तैयार किया जा सके.

यह निर्देश इंटेलिजेंस ब्यूरो द्वारा जुलाई के आखिरी सप्ताह में नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन में दिए गए. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सम्मेलन में देश भर से लगभग 800 अधिकारी शामिल हुए. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि बीपीआरएंडडी को विशेष रूप से प्रदर्शनों के कारणों, पैटर्न्स, परिणामों और उसे पीछे के लोगों का विश्लेषण करने को कहा गया है. अध्ययन के आधार पर एक SOP तैयार किया जाए, जो भविष्य में वेस्टेड इंटरेस्ट्स द्वारा भड़काई जाने वाले बड़े आंदोलनों को रोकने में मदद करे.

यह कदम देश की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक रणनीतिक प्रयास है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का हिस्सा है. अमित शाह के निर्देशों के अनुपालन में गृह मंत्रालय के अधीन बीपीआरएंडडी एक टीम गठित करने की प्रक्रिया में है. यह टीम राज्य पुलिस विभागों से समन्वय कर पुरानी केस फाइलें, अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की रिपोर्ट्स और अन्य दस्तावेज एकत्र करेगी. एक अधिकारी के अनुसार शाह ने बीपीआरएंडडी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया (एफआईयू-आईएनडी) और सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (सीबीडीटी) जैसी वित्तीय जांच एजेंसियों को शामिल करने का निर्देश दिया है. इन एजेंसियों की मदद से प्रदर्शनों के वित्तीय पहलुओं की जांच की जाएगी, जैसे फंडिंग के स्रोत. इससे न केवल आंदोलनों के पीछे छिपे आर्थिक नेटवर्क का पता चलेगा, बल्कि टेरर फंडिंग को भी तोड़ा जा सकेगा.

इसके अलावा टेरर फंडिंग नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए ईडी, एफआईयू-आईएनडी और सीबीडीटी को अज्ञात टेरर नेटवर्क की पहचान, उनके लिंकेज और डिजाइन्स का विश्लेषण करने के लिए एक अलग SOP तैयार करने को कहा गया है. वित्तीय अनियमितताओं के माध्यम से इन नेटवर्क्स को ट्रेस किया जाएगा. शाह ने बीपीआरएंडडी को राज्य पुलिस के साथ समन्वय कर विभिन्न धार्मिक समागमों का अध्ययन करने का भी निर्देश दिया.

इसका फोकस हादसों जैसे भगदड़ की वजहों को समझना और ऐसे आयोजनों की निगरानी व नियमन के लिए SOP तैयार करना है. यह कदम हाजी अली दरगाह या कुंभ मेला जैसे बड़े आयोजनों में होने वाली घटनाओं को रोकने में सहायक होगा. सूत्रों के अनुसार अमित शाह ने नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए), बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को पंजाब में खालिस्तानी उग्रवाद और सामान्य आपराधिक गतिविधियों से निपटने के लिए अलग-अलग मेथडोलॉजी विकसित करने को कहा है. अधिकारी ने कहा कि खुफिया एजेंसियों को पंजाब-संबंधी मुद्दों का अच्छा ज्ञान रखने वाले अधिकारियों की टीम गठित करनी चाहिए. एनआईए को आतंक-आपराधिक नेक्सस के घरेलू नोड्स को बाधित करने के लिए आउट-ऑफ-द-बॉक्स अप्रोच अपनानी चाहिए, जिसमें जेलों में कैद अपराधियों को एक जेल से दूसरी जेल स्थानांतरित करना शामिल है.

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First Published :

September 15, 2025, 08:10 IST

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