जानिए हैदराबाद के कुतुब शाही वंश की आखिरी शरणगाह के बारे में, पढ़िए पूरी खबर

10 hours ago

Last Updated:October 29, 2025, 19:29 IST

हैदराबाद में कई ऐतिहासिक इमारतें हैं, लेकिन सात कुतुब शाही मकबरे सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक हैं. हैदराबाद के गोलकोंडा किले के पास स्थित सात कुतुब शाही मकबरे शहर की ऐतिहासिक धरोहरों में से एक हैं. यह परिसर कुतुब शाही वंश के शासकों और राजपरिवार के सदस्यों की अंतिम विश्रांति स्थली है.

हैदराबाद. इस शहर में कई ऐतिहासिक इमारतें हैं, लेकिन सात कुतुब शाही मकबरे (Seven Qutb Shahi Tombs) सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक हैं. यह मकबरा परिसर गोलकोंडा किले के पास स्थित है और लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. जानकारी अनुसार, इन मकबरों में किन शासकों और राजपरिवार के सदस्यों को दफनाया गया है आइए जानते हैं-

1. सुल्तान कुली कुतुब-उल-मुल्क (1518-1543)
यह पहला मकबरा कुतुब शाही वंश के संस्थापक और प्रथम सुल्तान का है. उनका मकबरा एक ऊंचे चबूतरे पर बना है और इसकी वास्तुकला ने उनके वंशजों के मकबरों के लिए एक मिसाल कायम की. यह मकबरा लगभग 30 मीटर (98 फीट) ऊंचा है.

2. जमशेद कुली कुतुब शाह (1543-1550)
यह दूसरे सुल्तान का मकबरा है, जो सुल्तान कुली के बेटे थे, 1550 में बना यह मकबरा एक विशेष बात के लिए जाना जाता है. यह एकमात्र ऐसा कुतुब शाही मकबरा है जो चमकदार काले बेसाल्ट पत्थर से नहीं बना है. इसका स्थापत्य शैली भी बगीचे में मौजूद दूसरे मकबरों से काफी अलग है.

3. इब्राहिम कुली कुतुब शाह (1550-1580)
यह मकबरा चौथे सुल्तान का है, जिन्हें इब्राहिम कुली कुतुब शाह वली के नाम से भी जाना जाता है. 1580 में बना उनका मकबरा सुल्तान कुली के मकबरे से थोड़ा बड़ा है. इसकी दक्षिणी दीवार पर आज भी सुंदर तामचीनी टाइल्स के निशान देखे जा सकते हैं.

4. मुहम्मद कुली कुतुब शाह (1580-1612)
यह मकबरा पांचवें सुल्तान का है, जो हैदराबाद शहर के संस्थापक भी थे, उनका मकबरा पूरे परिसर में सबसे भव्य और आलीशान माना जाता है. 1602 में बना यह मकबरा 65 वर्ग मीटर के एक चबूतरे पर स्थित है, जिस तक पहुँचने के लिए सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं.

5. हयात बक्शी बेगम का मकबरा
हयात बख्शी बेगम शाही परिवार की एक प्रमुख सदस्य थी,  वह सुल्तान मुहम्मद कुली कुतुब शाह की बेटी, सुल्तान मुहम्मद कुतुब शाह की पत्नी और सुल्तान अब्दुल्ला कुतुब शाह की मां थी, उन्हें प्यार से “मां साहेबा” कहकर बुलाया जाता था.

6. मीर अहमद का अधूरा मकबरा
यह एक अधूरा मकबरा है, जिसे निजामुद्दीन अहमद का मकबरा भी कहा जाता है. इसकी सबसे खास पहचान यह है कि इस पर कोई गुंबद नहीं है, दिलचस्प बात यह है कि इस वंश के अंतिम सुल्तान, अबुल हसन कुतुब शाह (तानाशाह) को यहां दफनाया नहीं गया था, बल्कि उन्हें खुल्दाबाद में दफनाया गया.

7. फातिमा सुल्ताना का मकबरा
अपने बल्बनुमा गुंबद के कारण यह मकबरा आसानी से पहचाना जा सकता है, यह परिसर के प्रवेश द्वार के पास स्थित है. फातिमा सुल्ताना सुल्तान मुहम्मद कुतुब शाह की बहन थी. इस मकबरे में कई कब्रें हैं, जिनमें से दो पर शिलालेख लगे हैं. मुहम्मद कुली के मकबरे के दक्षिण में मौजूद तीन बेनाम कब्रें माना जाता है कि मुहम्मद कुतुब शाह की पोतियों की हैं. यह मकबरे हैदराबाद के टोलीचौकी के किला रोड पर है यह सप्ताह के सात दिनों में खुला रहता है यहां बड़ो के लिए 10 रुपये और बच्चों के 5 रुपये का टिकट शुल्क है, अगर आप कैमरा ले जाते है तो आपको 50 रुपये कैमरा शुल्क लगेगा.

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW...और पढ़ें

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Location :

Hyderabad,Telangana

First Published :

October 29, 2025, 19:29 IST

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