Last Updated:May 26, 2025, 22:42 IST

कलकत्ता हाईकोर्ट ने
कोलकाता. कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि किसी कर्मचारी को लंबी और निरंतर सेवा के बाद मिलने वाली पेंशन और अन्य रिटायरमेंट लाभों में एक दिन की भी देरी नहीं की जा सकती. जस्टिस गौरांग कंठ ने 23 मई के अपने आदेश में कहा कि ऐसे मामलों में देरी से रिटायर कर्मचारियों को कठिनाई होती है, जो जीविका के लिए इस बकाया राशि पर निर्भर होते हैं.
यह टिप्पणी पश्चिम बंगाल के एक नगर निकाय की चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी द्वारा दायर याचिका के जवाब में आई. याचिकाकर्ता ने कहा कि वह 30 नवंबर, 2023 को सेवानिवृत्त हुईं और उनका अंतिम मासिक वेतन लगभग 40,000 रुपए था. हालांकि, उनके पदनाम में विसंगतियों के कारण, उनके पक्ष में अभी तक कोई पेंशन स्वीकृत नहीं की गई है.
जस्टिस कंठ ने कहा कि अदालत वर्तमान स्थिति पर अपनी गंभीर चिंता व्यक्त करने के लिए विवश है, जहां प्रशासनिक दक्षता और पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से अद्यतन डिजिटल अवसंरचना के परिणामस्वरूप संक्रमणकालीन अकुशलताएं उत्पन्न हो गई हैं, जिससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए पेंशन लाभों को अंतिम रूप देने में अस्थायी रूप से बाधा उत्पन्न हो रही है.
आदेश में उन्होंने कहा कि न्यायालय सभी संबंधित पक्षों को यह याद दिलाना उचित समझता है कि पेंशन कोई दान का कार्य नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों द्वारा उनकी लंबी और समर्पित सेवा के परिणामस्वरूप अर्जित कानूनी रूप से लागू अधिकार है. आदेश में आगे कहा गया है कि पेंशन के वितरण में किसी भी प्रकार की अनुचित देरी अस्वीकार्य है और यह समानता और न्याय के सिद्धांतों के विपरीत है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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Location :
Kolkata,West Bengal