नई दिल्ली: जब हम कोई बाइक या कार खरीदते हैं तो सबसे पहले यही पूछते हैं कि ‘एक लीटर पेट्रोल-डीजल में कितने किलोमीटर चलेगी?’ अगर इसका जवाब हमें संतुष्ट करता है तो ही हम उस नई कार या बाइक खरीदने की दिलचस्पी दिखाते हैं. बाइक और कार की माइलेज तो लोगों को बहुत आसानी से पता रहती है. मगर बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट जैसे बसें, ट्रेन और हवाई जहाज जिनसे में डेली सफर करते हैं, वे कितने किलोमीटर का माइलेज देते हैं. इसके बारे में किसी ने इतना सोचा भी नहीं होगा. एक लीटर डीजल में ट्रेन कितना माइलेज देती है, 99 फीसदी लोगों को इसका सही जवाब नहीं पता
दरअसल, माइलेज किसी वाहन की ईंधन दक्षता के बारे में बताती है. माइलेज शब्द की परिभाषा यह है कि एक गाड़ी या वाहन एक लीटर ईंधन की खपत करके कितनी दूरी तय करता है. किसी भी अन्य वाहन की तरह, ट्रेन का माइलेज कई कारकों पर निर्भर करता है. सीधे तौर पर यह कहना मुश्किल है कि एक ट्रेन प्रति लीटर कितने किलोमीटर की दूरी तय करेगी, क्योंकि इसका माइलेज पैसेंजर और ट्रेन के प्रकार – एक्सप्रेस, हाई-स्पीड, पैसेंजर और उसमें चलने वाले डिब्बों की संख्या पर निर्भर करता है.
ट्रेन के माइलेज को प्रभावित करने वाला सबसे बड़ा कारक यह है कि इसमें कितने डिब्बे लगे हैं. अगर डिब्बों की संख्या कम हो तो मशीन कम भार खींच सकती है. डीजल इंजन के माइलेज की गणना प्रति घंटे के आधार पर की जाती है. 24-25 कोच वाली ट्रेनों का इंजन हर 1 किमी पर 6 लीटर डीजल खाता है. मतलब कि 24-25 कोच वाली ट्रेन एक किलोमीटर चलने में 6 लीटर डीजल का यूज करेगी. हैरानी की बात यह है कि सुपरफास्ट ट्रेनें यात्री ट्रेनों की तुलना में कम डीजल का उपयोग करती हैं.
पैसेंजर ट्रेन के इंजन हर 1 किमी के लिए 5-6 लीटर डीजल की खपत करते हैं. इसका कारण यह है कि यात्री ट्रेनों को लगभग सभी स्टेशनों पर रुकना पड़ता है. 12 डिब्बों को खींचने वाली एक एक्सप्रेस ट्रेन 1 किमी दूरी तय करने में 4.5 लीटर डीजल खर्च करती है. इस प्रकार, सुपर फास्ट ट्रेनें एक लीटर डीजल पर 230 मीटर तक की यात्रा कर सकती हैं और यात्री ट्रेनें लगभग 180-200 मीटर की दूरी तय कर सकती हैं. अब अगर कोई पूछे कि ट्रेनें कितना माइलेज देती हैं तो आप झट से जवाब दे सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED :
September 9, 2024, 11:04 IST