Last Updated:October 01, 2025, 11:37 IST
RBI MPC Meeting Update : रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बुधवार को एमपीसी बैठक के फैसलों का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि खुदरा महंगाई की दर नीचे आई है तो विकास दर में उछाल आने की संभावना है.
आरबीआई गवर्नर ने खुदरा महंगाई और विकास दर के नए अनुमान बताए हैं. नई दिल्ली. रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने जब बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के नतीजों का खुलासा करना शुरू किया तो सभी की निगाहें ब्याज दरों पर टिकी थीं. गवर्नर ने इस बार तो रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया लेकिन दो ऐसे आंकड़े पेश किया जो आम आदमी की जेब और जरूरत से सीधे तौर से जुड़े हैं. मिडिल क्लास हो या गरीब अथवा अमीर, गवर्नर की इन बातों का असर इन सभी पर पड़ना तय है. आरबीआई गवर्नर ने आज की बैठक में विकास दर और महंगाई के नए आंकड़े पेश किए हैं.
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश को महंगाई से राहत मिली है, जो खासकर खाने-पीने की चीजों के दाम घटने की वजह से आई है. उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरों में कटौती के बाद महंगाई और नीचे आई है, जो इस साल आगे भी जारी रहेगी. आरबीआई ने चालू वित्तवर्ष के लिए खुदरा महंगाई की दर भी घटा दिया है. दूसरी ओर, टैरिफ के प्रभाव के बावजूद आरबीआई ने विकास दर के आंकड़े बढ़ा दिए हैं. गवर्नर का मानना है कि सरकार की ओर से उठाए गए कदमों के बाद देश की विकास दर में भी उछाल आएगा.
इस साल कितनी महंगाई
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में खुदरा महंगाई दर का अनुमान पहले 3.1 फीसदी था, जो अब घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया है. इसमें सबसे ज्यादा गिरावट वित्तवर्ष की शुरुआत में ही आई थी. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि चालू वित्तवर्ष में जहां खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी से नीचे रहेगी, लेकिन अगले वित्त्वर्ष में खुदरा महंगाई 4 फीसदी से ऊपर ही रहेगी.
क्या कहते हैं महंगाई के आंकड़े
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खुदरा महंगाई के आंकड़े चालू वित्तवर्ष में 2.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पहले 3.1 फीसदी था. अगर इसे तिमाही के हिसाब से देखा जाए तो चालू वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही में यह 1.8 फीसदी रही, जो पहले 2.1 फीसदी रहने का अनुमान था. इसी तरह, तीसरी तिमाही में पहले खुदरा महंगाई 3.1 फीसदी रहने का अनुमान था, जो अब 1.8 फीसदी रही है. हालांकि, चौथी तिमाही से इसमें उछाल आने का अनुमान है, जो 4 फीसदी रह सकती है. पहले इसके 4.4 फीसदी रहने का अनुमान था. वित्तवर्ष 2026-27 की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई अब 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पहले 4.9 फीसदी लगाया था.
क्या कहते हैं विकास दर के आंकड़े
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि महंगाई काबू में रहने और जीएसटी दरें घटने के बाद डिमांड बढ़ने से देश की विकास दर में भी उछाल आएगा. संजय मल्होत्रा ने चालू वित्तवर्ष के लिए पहले विकास दर का अनुमान 6.5 फीसदी रखा था, जो अब 6.8 फीसदी कर दिया है. इससे पहले, चालू वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही के लिए विकास दर का जो अनुमान 6.7 फीसदी था, उसे 7 फीसदी कर दिया है. तीसरी तिमाही के अनुमान में गिरावट आई और यह पहले के 6.6 फीसदी से घटकर 6.4 फीसदी हो गया है. इसी तरह, चौथी तिमाही के विकास दर अनुमान को भी पहले के 6.3 फीसदी से घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया है. अगले वित्तवर्ष 2027 की पहली तिमाही का विकास दर अनुमान भी पहले के 6.6 फीसदी से घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 01, 2025, 11:11 IST

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