नई दिल्ली: देश में साइबर अपराध इन दिनों काफी बढ़ रहा है. लोगों के बैंक अकाउंट से अचानक से पैसा साइबर आपराध कर गायब कर लिया जाता है. ठगी के लिए डिजिटल अरेस्ट भी इन दिनों खुब सुर्खियां बटोर रहा है. इस बीच साइबर अपराध को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. केंद्र सरकार ने पिछले साल साइबर अपराधों से होने वाले धन को ब्लैक से व्हाइट करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले करीब 4.5 लाख “म्यूल” बैंक अकाउंट को फ्रीज कर दिया है.
सूत्रों के अनुसार, ऐसे खाते बैंकिंग सिस्टम में संचालित होते हैं, लेकिन इनमें से सबसे ज्यादा खाते भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक और एयरटेल पेमेंट्स बैंक में पाए गए. गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करने वाले भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) के अधिकारियों ने हाल ही में प्रधानमंत्री कार्यालय को एक बैठक में यह बात बताई, जिसमें बैंकिंग प्रणाली की कमियों पर चर्चा की गई. उन्होंने यह भी बताया कि धोखेबाज आजकल ऐसे “खच्चर अकाउंट” से भुगतान निकाल रहे हैं – जो आमतौर पर किसी अन्य व्यक्ति के केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग करके बनाए जाते हैं – चेक, एटीएम और डिजिटल माध्यमों से.
यह इस मुद्दे पर आई4सी और पीएमओ के अधिकारियों के बीच आयोजित बैठकों की सीरीज में लेटेस्ट थी. सूत्रों के अनुसार, I4C ने सिटीजन फाइनेंशियल साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली के रिकॉर्ड का हवाला दिया, जहां ऐसी शिकायतें दर्ज की जाती हैं.
कई बैंकों में म्यूल अलाउंट
आंकड़ों के अनुसार, SBI की शाखाओं में लगभग 40,000 म्यूल बैंक अकाउंट पाए गए; पंजाब नेशनल बैंक (ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया सहित) में 10,000; केनरा बैंक (सिंडिकेट बैंक सहित) में 7,000; कोटक महिंद्रा बैंक में 6,000; और एयरटेल पेमेंट्स बैंक में 5,000 खाते पाए गए.
एक सूत्र ने बताया, “जांच में पता चला है कि जालसाज आजकल पैसे निकालने के लिए तीन तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं- चेक, डिजिटल और एटीएम से. जनवरी 2023 से अब तक नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर करीब 1 लाख साइबर शिकायतें दर्ज की गई हैं और पिछले एक साल में करीब 17,000 करोड़ रुपये की नकदी की ठगी की गई है.”
PMO के अधिकारियों तक पहुंची बात
करीब तीन घंटे तक चली बैठक में पीएमओ के अधिकारियों को बताया गया कि केंद्र के उच्चस्तरीय अंतर-मंत्रालयी पैनल ने खामियों की पहचान कर ली है और राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के पुलिस बलों को ऐसे म्यूल बैंक अकाउंट के खिलाफ सक्रिय कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
क्या होता है म्यूल अकाउंट?
म्यूल अकाउंट, ऐसे बैंक खाते होते हैं जिनका इस्तेमाल अवैध गतिविधियों के लिए किया जाता है. इनमें मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी जैसी गतिविधियां शामिल हैं. म्यूल अकाउंट में, कोई व्यक्ति खाता खोलता है, लेकिन उसका संचालन कोई और व्यक्ति करता है. इन खातों का इस्तेमाल, जालसाज़ी से मिलने वाले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए किया जाता है. म्यूल अकाउंट, बैंक अकाउंट या डीमैट अकाउंट हो सकता है.
Tags: Cyber Crime
FIRST PUBLISHED :
November 12, 2024, 10:18 IST