Last Updated:July 28, 2025, 13:48 IST
Bagha News: बिहार के बगहा में रामनगर थानाध्यक्ष रहे पुलिस इंस्पेक्टर ललन कुमार के खिलाफ गंभीर आरोपों में FIR दर्ज की गई है. उन पर 80 वर्ष के भोला साह को बिना सत्यापन गलत गिरफ्तार कर प्रताड़ित करने का आरोप है. र...और पढ़ें

हाइलाइट्स
बगहा में थानाध्यक्ष ललन कुमार पर बुजुर्ग की गलत गिरफ्तारी, प्रताड़ना के लिए FIR.भोला साह को बिना सत्यापन हिरासत में रखा, आरोपी थानाध्याक्ष पर FIR करवाई गई. मामले में पुलिस की मनमानी और नियमों का उल्लंघन उजागर, ललन पहले से निलंबित.बेतिया. बिहार में बगहा के रामनगर थाने में तैनात रहे पुलिस इंस्पेक्टर ललन कुमार के खिलाफ गंभीर अनियमितता और मनमानी का मामला सामने आया है. उन पर 80 वर्षीय बुजुर्ग भोला साह को बिना सत्यापन गलत गिरफ्तारी और प्रताड़ना का आरोप लगा है. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के हस्तक्षेप के बाद ललन के खिलाफ रामनगर थाने में FIR दर्ज की गई है. यह मामला पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है और बिहार में कानून-व्यवस्था को पालन करने को लेकर पुलिस स्थिति को उजागर करता है. मामला मठिया गांव के भोला साह से जुड़ा है जिन्हें ललन कुमार ने 2024 में एक वारंट के आधार पर गिरफ्तार किया था. भोला के बेटे राजेंद्र साह के अनुसार, वारंट में उनके पिता का नाम गलत था फिर भी ललन कुमार ने बिना जांच-पड़ताल के उनके पिता भोला साह को हिरासत में लिया. दो दिनों तक थाने में रखने के बाद उन्हें कोर्ट भेजा गया जहां जुर्माना भरने के बाद रिहाई हुई.
बता दें कि पुलिस इंस्पेक्टर ललन कुमार के खिलाफ रामनगर थाना में एफआईआर दर्ज कराया गया है जहां वे खुद थानाध्यक्ष थे. पुलिस इंस्पेक्टर ललन कुमार ने हमनाम होने पर भोला साह को गिरफ्तार कर प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप है. एफआईआर में बताया गया है कि भोला साह का बिना सत्यापन ही गिरफ्तार किया गया और निर्दोष होने के बाद भी दो दिनों तक थाना पर रखने के बाद न्यायालय भेज दिया गया. मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद दोषी पाते हुए तत्कालीन थानाध्यक्ष ललन पर एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है.
आरोपी पुलिस इंस्पेक्टर ललन कुमार के खिलाफ राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के निर्देश के बाद एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की गई है.
पिता का नाम अलग, वारंट पर पिता का नाम अलग
न्याय के लिए पुलिस अधिकारियों का दरवाजा खटखटा चुके पीड़ित के पुत्र ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाया था. पीड़ित भोला साह के मुताबिक, उनके पिता का नाम अलग था जबकि वारंट पर पिता का नाम अलग था फिर भी तत्कालीन थानाध्यक्ष ने उन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया. उन्हें दो दिनों तक थाना में ही रखा गया फिर कोर्ट में वारंट के साथ भेजा गया जहां जुर्माना के बाद उन्हें रिहा किया गया.
अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाया
राजेंद्र साह का दावा है कि उनके बुजुर्ग पिता के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ और गिरफ्तारी के दौरान नियमों का पालन नहीं किया गया. न्याय की गुहार के लिए राजेंद्र ने पहले डीजीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया, लेकिन कोई राहत न मिलने पर उन्होंने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग का दरवाजा खटखटाया. आयोग ने मामले की सुनवाई की और ललन कुमार को दोषी पाया. आयोग के निर्देश पर रामनगर थाने में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई.
बिहार के बगहा में बिना सत्यापन गिरफ्तार करने के बाद परिजनों की न्याय गुहार पर आरोपी पुलिसवाले पर कार्रवाई शुरू की गई.
बिहार में पुलिस की जवाबदेही पर सवाल खड़े हुए
बगहा के एसपी सुशांत कुमार सरोज ने बताया कि इस मामले की जांच चल रही है. ललन पहले ही एक अन्य मामले में डीआईजी द्वारा निलंबित किए जा चुके हैं. इस घटना ने बिहार में पुलिस की जवाबदेही पर सवाल खड़े किए हैं. भोला साह जैसे बुजुर्ग के साथ गलत व्यवहार और बिना सत्यापन गिरफ्तारी ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा किया है. यह मामला पुलिस सुधारों की जरूरत को बताता है.अब सबकी नजर इस बात पर है कि जांच के बाद ललन के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है और क्या भोला साह को न्याय मिल पाएगा.
पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें
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Location :
Bettiah,Pashchim Champaran,Bihar