आस्था का अर्थशास्त्र: हर तीर्थ यात्री, एक संभावित निवेशक

3 weeks ago

डॉक्टर आशीष कौल

भारत में धर्म और अर्थशास्त्र का रिश्ता गहरा है. दरअसल, हमारे भारत की पहचान ही आध्यात्मिकता से जुड़ी हुई है. और अब यह आध्यात्मिकता हमारी अर्थव्यवस्था का भी एक अहम हिस्सा बनती जा रही है. सदियों से हमारे यहां भक्ति और व्यापार साथ-साथ चलते आए हैं.  मंदिरों के आसपास बाजार, मेले, हाट – यह परंपरा पुरानी है. लेकिन आज का भारत इस रिश्ते को एक नया आयाम दे रहा है.सालासर बालाजी, हरिद्वार,कटरा , अयोध्या और उज्जैन – ये सिर्फ तीर्थ स्थल नहीं रह गए हैं. आज ये आर्थिक विकास के नए इंजन बन गए हैं. सोचिए, हर तीर्थयात्री अब एक संभावित निवेशक भी है. हर पूजा स्थल अब संपत्ति बाजार का एक प्रवेश द्वार भी है.और ऐसा क्यों हो रहा है? क्योंकि हमारे देश में आस्था और आर्थिक विकास एक-दूसरे के पूरक बन रहे हैं. एक्सप्रेसवे जैसी बुनियादी सुविधाओं ने आस्था के इन केंद्रों को व्यावसायिक गलियारों में बदल दिया है.जैसे हनुमान जी श्री राम के अनुसरण करते हैं, वैसे ही अयोध्या के बाद रियल एस्टेट का बाजार सालासर बालाजी की ओर बढ़ रहा है. यह कोई संयोग नहीं है. रियल एस्टेट पेशेवरों के लिए सालासर एक नया तीर्थ बन गया है, जहां निवेश के अवसर आशीर्वाद की तरह मिल रहे हैं.

कांडला से पानीपत तक का नया एक्सप्रेसवे आध्यात्मिकता और अर्थशास्त्र के बीच एक पुल बन गया है. सालासर से होकर गुजरता यह मार्ग श्रद्धालुओं और निवेशकों दोनों को आकर्षित कर रहा है.कुछ साल पहले तक जहां पहुंचना मुश्किल था, वह अब सिर्फ कुछ घंटों की दूरी पर! जयपुर-बीकानेर हाईवे के यह एक वीकेंड गेटवे और निवेश हब दोनों बन गया है. “सालासर का जयपुर-बीकानेर हाईवे के पास स्थित होना और जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के माध्यम से दिल्ली से इसकी आसान पहुंच (मात्र 3.5 घंटे की यात्रा) , इसकी स्थिति को एक आकर्षक निवेश गंतव्य के रूप में और मजबूत करती है.” शिल्पा नागपाल – निदेशक और संस्थापक, रियल्टी 108 कहती हैं.


आंकड़े कहते हैं कि भारतीय रियल एस्टेट बाजार 2025 तक 332.85 बिलियन डॉलर तक पहुंचने वाला है. और यह 24.25% की सालाना दर से बढ़ रहा है. इसमें प्लॉटेड डेवलपमेंट सबसे आगे है. क्यों? क्योंकि यह किफायती और लचीला है. अब बड़े शहरों की बात करें, तो वहां आवासीय प्लॉट का मूल्य हर साल 13-21% बढ़ रहा है, जबकि अपार्टमेंट सिर्फ 2-6% की वृद्धि दिखा रहे हैं. सालासर में तो कोविड के बाद से भूमि की कीमतें दोगुनी या तिगुनी हो गई हैं. मांग बढ़ रही है, आपूर्ति सीमित है – परिणाम साफ है.


महामारी ने हमारी जीवनशैली बदल दी है. अब लोग स्वतंत्र घरों को पसंद कर रहे हैं. Housing.com की 2022 की रिपोर्ट बताती है कि धार्मिक केंद्रों सहित टियर II/III शहरों में भूमि की कीमतें कई जगह दोगुनी हुई हैं. और उभरते बाजारों की बात करें तो हैदराबाद के मणिकोंडा में 2024 के सिर्फ 4-5 महीनों में ही 3% की वृद्धि हुई है और एक साल में 15-20% वृद्धि का अनुमान है. सालासर में इससे भी अधिक वृद्धि की संभावना है, क्योंकि यहां धार्मिक महत्व और बेहतर कनेक्टिविटी दोनों का फायदा है.


1 बिलियन डॉलर तक राजस्व


2024 की एक रिपोर्ट बताती है कि धार्मिक पर्यटन गलियारे हर साल $500 मिलियन से $1 बिलियन तक का राजस्व उत्पन्न करते हैं. बेहतर कनेक्टिविटी से सालासर का हिस्सा बढ़ रहा है. अयोध्या से सीख लीजिए. राम मंदिर के निर्माण के बाद वहां प्रॉपर्टी की कीमतें आसमान छू रही हैं. सोशल मीडिया पर इसे “भारत का सबसे गर्म निवेश गंतव्य” कहा जा रहा है. सालासर अयोध्या के पदचिह्नों पर चल रहा है, लेकिन अभी प्रवेश की लागत कम है. पुनीत आनंद, अध्यक्ष, प्योर सोल इन्फ्रा कहते हैं, “सालासर भी लगता है वैसे ही विकास के रास्ते पर चल रहा है, पर अभी यहां निवेश करना सस्ता है. इससे शुरुआती निवेशकों को एक बड़ा मौका मिल रहा है कि वे कीमतें बहुत ज्यादा बढ़ने से पहले ही अपनी जगह बना लें.”

मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, सालासर में नए होटल और आवासीय प्लॉट तेजी से विकसित हो रहे हैं. यह एक तीर्थ स्थल और वीकेंड गेटवे दोनों है. यहां अभी निवेश करके आप अगले दो-तीन सालों में अपना पैसा दोगुना कर सकते हैं. ” सालासर बालाजी आने वाले समय में अयोध्या से भी विस्तृत आध्यात्मिक नगर बनने के लिए तैयार हो रहा है. हम भी यहाँ हनुमान जी के चरणों में एक वर्ड रिकॉर्ड स्थापित करने की तैयारी में हैं. हम यहाँ स्थापित करेंगे विश्व की सबसे बड़ी गदा. हमें विश्वास है कि हनुमान ज के आशीर्वाद से आने वाले समय में सालासर भी रियल एस्टेट निवेशकों का सबसे बड़ा हॉट स्पॉट बन कर दिखायेगा. “, ये कहना है सालासर में एक विस्तृत हेरिटेज सिटी बनाने के लिए प्रतिबद्ध रियल एस्टेट कंपनी प्योर सोल के चैयरमेन पुनीत आनंद का.


सालासर का विकास सिर्फ रियल एस्टेट तक सीमित नहीं है. यह एक समग्र विकास का मॉडल बन रहा है:आध्यात्मिकता और वाणिज्य का मिलन यहां नए सहयोग पैदा कर रहा है. स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता और छोटे उद्यमों में निवेश बढ़ रहा है. होटल से लेकर रिटेल तक, हर क्षेत्र फल-फूल रहा है. ट्रूविज़री रियल्टी के संस्थापक निदेशक अमन जैन बताते हैं, “सालासर बालाजी क्षेत्र में आधुनिक सुरक्षा सिस्टम, तेज़ आपातकालीन सेवाएँ और अच्छी शहरी योजना में बड़ा निवेश किया जा रहा है. इससे यहाँ एक सुरक्षित माहौल बन रहा है, जिससे निवेशकों को भरोसा हो रहा है कि लंबे समय तक यह क्षेत्र स्थिर और विकासशील रहेगा.”


यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा कारीगरी और धार्मिक उत्पादों के बाजार को भी बढ़ावा दे रही है. परंपरा और आधुनिकता का यह मेल संपत्ति की स्थिर मांग सुनिश्चित करता है.” और सबसे अच्छी बात, यहां रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं. होटल, रेस्तरां, रिटेल और सेवा क्षेत्र में नौकरियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन स्तर सुधर रहा है.स्थानीय समुदाय भी विकास प्रक्रिया का अभिन्न हिस्सा है. छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप को प्रोत्साहन मिल रहा है. और जब समुदाय विकसित होता है, तो निवेश भी सुरक्षित रहता है.

हर विकास के रास्ते में चुनौतियां आती हैं. सालासर में भी कुछ बाधाएं हैं:भूमि अधिग्रहण एक मुद्दा है, लेकिन सार्वजनिक-निजी भागीदारी इसे सुलझा रही है. पारदर्शी प्रक्रियाएं और उचित मुआवजा सभी पक्षों के हितों की रक्षा कर रहे हैं. विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन भी महत्वपूर्ण है. हरित पहल और पर्यावरण-अनुकूल निर्माण इस संतुलन को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं.

बढ़ती मांग के लिए बुनियादी ढांचे का विकास भी आवश्यक है. सरकारी और निजी निवेश इस दिशा में तेजी से काम कर रहे हैं. सालासर का भविष्य उज्ज्वल है. प्रॉपर्टी लेखा’ के निदेशक और फाउंडर, अभय कुमार ने दावा किया कि ‘अगले पांच वर्षों में यहां रियल एस्टेट की कीमतें वर्तमान दर से बढ़ती रहेंगी. आस्था और अर्थव्यवस्था का यह सामंजस्य स्थिर विकास सुनिश्चित करेगा.‘स्मार्ट सिटी विकास की संभावनाएं बढ़ रही हैं. इससे संपत्ति मूल्यों में और वृद्धि होगी. नए निवेश मॉडल भी उभर रहे हैं, जो छोटे निवेशकों को भी इस विकास में भागीदार बनने का अवसर दे रहे हैं.धार्मिक पर्यटन में लगातार वृद्धि होगी, जो इस चक्र को और मजबूत करेगी. हर नया तीर्थयात्री एक संभावित निवेशक है – और यही है आस्था का अर्थशास्त्र.

सालासर बालाजी आज भारत के उन धार्मिक स्थलों का प्रतीक बन गया है, जहां आस्था और अर्थव्यवस्था का अनूठा संगम दिखाई देता है. यहां 15-30% वार्षिक वृद्धि और 100% से अधिक रिटर्न की संभावना निवेशकों के लिए एक आकर्षक प्रस्ताव है. हर तीर्थयात्री एक संभावित निवेशक है, और हर निवेशक इस आस्था के अर्थशास्त्र से लाभान्वित हो रहा है. आज निवेश करें, कल समृद्धि पाएं – यही सालासर का मंत्र है. क्योंकि यहां आस्था और अर्थशास्त्र का अद्भुत मिलन हो रहा है.

डॉ. आशीष कौल एक बिज़निस री -इंजीनियर , रियल एस्टेट सलाहकार और संस्कृति मंत्रालय के वरिष्ठ फेलो हैं.

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)

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