World news in hindi : दुनिया पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. फिर भी लोग इसे बड़ी लाइटली यानी हल्के में ले रहे हैं. कहीं ग्लेशियर सिकुड़ने से हड़कंप मचा है तो कहीं पर शहरों के दुनिया के नक्शे से गायब होने का खतरा मंडरा रहा है. सबसे ज्यादा खतरा इन 28 देशों पर मंडरा रहा है ऐसे में आईए जानते हैं आखिर क्यों है ये खतरा. बचपन में हम सभी ने पर्यावरण बचाने की चर्चा की होगी या इनवॉयरमेंट को बचाने के लिए कुछ नए कदम उठाते हुए देखा होगा. लेकिन बड़े होकर हम सब उस पुराने सबक को भूल चुके हैं, जिसका सीधा असर हमारी-आपकी जिंदगी से जुड़ा है.
कहां सबसे ज्यादा खतरा?
नेचर सिटीज के एक नए अध्ययन से पता चलता है कि न्यूयॉर्क और अमेरिका के कई शहर धीरे-धीरे डूब रहे हैं. यह एक साइलेंट संकट है जो सीधे सीधे मानवीय गतिविधियों से जुड़ा है. नेचर सिटीज में प्रकाशित एक नए अध्ययन से पता चला है कि न्यूयॉर्क, अमेरिका के कई अन्य शहरों के साथ डूब रहा है.
धरती डूब रही है तो गायब होने का खतरा बढ़ा
भूमि उस दर से डूब रही है जो बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा सकती है, घरों को खतरा पहुंचा सकती है और बाढ़ के जोखिम को बढ़ा सकती है. एक हालिया स्टडी में दुनिया के इन 28 शहरों में धंसाव के संकेत मिले हैं. इन इलाकों के शहरी क्षेत्र प्रति वर्ष 2 से 10 मिलीमीटर डूब रहे हैं. शहरी धंसाव का 80% हिस्सा जलभृतों के लिए भूजल के अत्यधिक दोहन से जुड़ा है. न्यूयॉर्क का 10% हिस्सा प्रति वर्ष 5 मिलीमीटर डूब रहा है. इसका कारण पृथ्वी की सतह का धीरे-धीरे या अचानक डूबना है. समुद्र किनारे यानी तटीय शहरों में जमीन के धंसने के मामले तेजी से बढ़े हैं. दुनिया के अलग-अलग सर्वे में ये चिंता जताई जा चुकी है. खासकर मुंबई जैसे तटीय और अंतर्देशीय प्रदेशों में बाढ़ का जोखिम बढ़ जाता है.