Last Updated:August 09, 2025, 15:36 IST
Arichalmunai Beach: तमिलनाडु के रामनाथपुरम ज़िले में स्थित अरिचल्मुनई बीच पर बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर का संगम होता है. इसे भारत की आखिरी रोड भी कहा जाता है.

तमिलनाडु का रामनाथपुरम ज़िला राज्य की सबसे लंबी तटरेखा के लिए प्रसिद्ध है. यह उत्तर में बाघ जलडमरूमध्य और दक्षिण में मन्नार की खाड़ी से घिरा हुआ है. भौगोलिक रूप से यह इलाका समुद्री पर्यटन, मछली पालन और जैव-विविधता के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है.

रामनाथपुरम का तटीय इलाका प्रवाल भित्तियों, रंग-बिरंगी मछलियों और दुर्लभ समुद्री जीवों से भरा है. यहां मिलने वाली जैव-विविधता वैज्ञानिकों और पर्यावरण प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र है. यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य और पारिस्थितिकी संरक्षण के लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है.

रामेश्वरम से लगभग 25 किलोमीटर दूर और धनुषकोडी के पास स्थित अरिचल्मुनई बीच अपने अनोखे भौगोलिक स्वरूप के लिए मशहूर है. यह बीच साफ रेत, नीले पानी और दूर तक फैले क्षितिज के कारण पर्यटकों और फोटोग्राफरों के लिए पसंदीदा स्थान है.

अरिचल्मुनई बीच वह स्थान है जहां बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर मिलते हैं. इस संगम का दृश्य बेहद मनमोहक होता है. यहां खड़े होकर पर्यटक दोनों समुद्रों के अलग-अलग रंग और लहरों की दिशा का अद्भुत नजारा देख सकते हैं.

इस तट की एक खासियत यह है कि मौसम के अनुसार लहरों का स्वरूप बदलता है. उत्तर-पूर्वी मानसून में पूर्वी समुद्र और दक्षिण-पूर्वी मानसून में पश्चिमी समुद्र अशांत हो जाते हैं, जिससे लहरें ऊंची और तेज़ हो जाती हैं.

"अरिचलमुनई" नाम का अर्थ तटीय क्षेत्र का कटाव और दक्षिण-पूर्व दिशा में फैला हुआ बिंदु है. यह नाम तूफानों के दौरान तट के क्षरण और भौगोलिक स्थिति को दर्शाता है, जो यहां की प्राकृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है.

2017 में राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग ने यहां तक पहुंचने के लिए एक पक्की सड़क का निर्माण किया. इससे पर्यटक और सरकारी बसें सीधे धनुषकोडी और अरिचल्मुनई बीच तक पहुंच पाते हैं, जिससे पर्यटन को काफी बढ़ावा मिला है.

तटीय कटाव से सड़क और आसपास के क्षेत्र को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने अवरोधक दीवारें बनाई हैं. यह संरचना तूफानों और ऊंची लहरों के दौरान समुद्री पानी के प्रवेश को रोककर इलाके को जलमग्न होने से बचाती है.