इस्‍लाम के नाम पर जंग लड़ने वाला पाक‍िस्‍तान देख ले भारत के सुबह की तस्‍वीर

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Last Updated:May 14, 2025, 19:02 IST

India Pakistan Conflict: पहलगाम में निर्दोषों के खून से हाथ रंगने वालों के आका जरा अपनी आंखों पर पड़ी नफरत की पट्टी हटाकर देखो. तुम्हारी नापाक हरकतों का जवाब भारत ने पहले तुम्हारी सरजमीं पर घुसकर दिया. और अब दे...और पढ़ें

पाकिस्तान तुमने आतंक की फसल बोई थी लेकिन कश्मीर की धरती से अमन का फूल खिल रहा है. जिन बच्चों को तुमने डर और दहशत के साए में जीने पर मजबूर किया आज वे स्कूल जा रहे हैं. शिक्षा की रोशनी में अपना भविष्य तलाश रहे हैं. उनकी आंखों में अब उस खौफ का कोई निशान नहीं जो तुम्हारी बंदूकें पैदा करती थीं. यह नया कश्मीर तुम्हारी नफरत की हर दीवार को तोड़ रहा है. तुम्हारी हर साजिश को नाकाम कर रहा है. यह भारत की एकता और उसके मासूम बच्चों की अटूट हिम्मत का जीता-जागता सबूत है...

पहलगाम के दर्दनाक मंजर के बाद जब भारत ने आतंकियों के गढ़ में घुसकर उन्हें सबक सिखाया तो पाकिस्तान बदले की आग में जल उठा. लेकिन उस आग के धुएं के बीच कश्मीर की यह सुबह एक ठंडी हवा का झोंका लेकर आई है. यह तस्वीर उस उम्मीद की किरण है जो अंधेरे को चीरकर झांक रही है.

कभी पत्थर और बंदूकों के शोर से गूंजती घाटी में आज स्कूली बच्चों की प्रार्थना की शांत संगीत सुनाई दे रही है. स्कूल के मैदान में अनुशासित लाइन, स्कूल ड्रेस पहने ये बच्चे किसी नए भविष्य की नींव रख रहे हैं. इनकी आंखों में डर नहीं बल्कि एक नई सुबह का विश्वास झलक रहा है.

स्कूल के दरवाजे से झांकती यह बच्ची मानो एक नई दुनिया में कदम रख रही हो. किताबों का बोझ उसके कंधे पर है लेकिन चेहरे पर ज्ञान की चमक है. यह तस्वीर उस बदलाव की कहानी कहती है जहां बच्चे अब दहशत के साए से बाहर निकलकर शिक्षा के उजाले में आ रहे हैं.

गेट से गुजरते ये मासूम आपस में हंसते-मुस्कुराते स्कूल की ओर बढ़ रहे हैं. इनके हाथों में अब पत्थर नहीं बल्कि दोस्ती और ज्ञान की डोर है. यह तस्वीर उस सुकून की है जो एक लंबे इंतजार के बाद कश्मीर की फिजा में महसूस हो रहा है.

धूप से चमकते चेहरे जिज्ञासा से भरी आंखें... ये बच्चे क्लास में बैठने और कुछ नया सीखने के लिए उत्सुक हैं. इनके मन में अब कोई डर या कड़वाहट नहीं है बल्कि भविष्य को लेकर सपने पल रहे हैं. यह तस्वीर उस उम्मीद का प्रतीक है जो कश्मीर के हर घर में लौट रही है.

प्रार्थना में डूबा यह बच्चा शायद उस अमन और शांति की दुआ कर रहा है जिसके लिए कश्मीर बरसों से तरस रहा है. उसके छोटे हाथों में वह शक्ति है जो इस घाटी को और खुशियों से भर सकती है. यह तस्वीर उस विश्वास की है जो हर कश्मीरी के दिल में पल रहा है. स्कूल के बाहर किताबों और बैगों के साथ खड़े ये बच्चे एक सामान्य बचपन की तस्वीर पेश करते हैं. कभी हिंसा और अलगाव की खबरों में घिरा रहने वाला कश्मीर अब इन बच्चों की हंसी और खिलखिलाहट से गुलजार हो रहा है. यह तस्वीर उस बदलाव की गवाह है जो धीरे-धीरे इस खूबसूरत वादी में लौट रहा है. ये तस्वीरें सिर्फ तस्वीरें नहीं हैं बल्कि एक बदलते हुए कश्मीर की कहानी हैं. यह उस सुबह की उम्मीद है जहां बंदूक की आवाज की जगह प्रार्थना की शांति है. जहां पत्थर की जगह कलम है और जहां डर की जगह भविष्य के सपने हैं.

पाकिस्तान जो इस्लाम के नाम पर जंग लड़ता है उसे हमारे कश्मीर की इस सुबह की तस्वीर देखनी चाहिए. जहां बच्चे अमन और चैन की दुआ कर रहे हैं और जहां अह शिक्षा ही सबसे बड़ा हथियार है. यह नया कश्मीर भारत की एकता और शांति का प्रतीक है. साथ ही नया कश्मीर दुनिया को यह बता रहा है कि नफरत और हिंसा कभी भी प्रेम और ज्ञान से बड़ी नहीं हो सकती.

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इस्‍लाम के नाम पर जंग लड़ने वाला पाक‍िस्‍तान देख ले भारत के सुबह की तस्‍वीर

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