हाइलाइट्स
आईएएस संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव से आमने-सामने बैठाकर पूछताछ. दोनों आरोपियों से अलग-अलग कमरों में भी ईडी की अलग-अलग टीमों ने की पूछताछ.भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हैं संजीव हंस और गुलाब यादव, मनी लॉंड्रिंग के केस की जांच.
पटना. मनी लाॉड्रिंग के मामले में ईडी ने शनिवार को पूर्व विधायक गुलाब यादव और आईएएस संजीव हंस को आमने-सामने बिठाकर करीब चार से पांच घंटे तक पूछताछ की. सूत्रों की मानें तो दोनों से करीब 30.-35 सवाल एक साथ किए गए. इसके अलावा दोनों को अलग-अलग भी बिठाकर पूछताछ की गई और इसमें 20 से 22 सवाल दोनों से पूछे गए. दोनों के आपसी तालमेल और दोस्ती के बारे में पूछा गया कि वे अलग-अलग फील्ड से हैं तो एक साथ कैसे जुड़ गए. दोनों ने कैसे अकूत संपत्ति अर्जित की और इतने पैसे उनके पास कहां से आए. महिला वकील को 2.44 करोड़ की संपत्ति किसलिए दी गई थी?
आईएएस संजीव हंस से पूछा गया कि किस-किस विभाग में वे अधिकारी रहे हैं और वहां पर किनको ठेका दिया गया. ठेके के बदले में आईएएस संजीव द्वारा लिए गए लाभ के बारे में भी जानकारी हासिल की गई. उनके जमीन जायदाद अर्जित किए जाने को लेकर भी कई सवाल किए गए. जेल में बंद ऊर्जा विभाग के ठेकेदार प्रवीण चौधरी बिचोलिया शादाब खान और कोलकाता के कारोबारी पुष्पराज बजाज को लेकर भी संजीव हंस से कई सवाल पूछे गए.
पूर्व विधायक गुलाब यादव से ईडी की टीम ने यह पूछा कि कटिहार में जल संसाधन विभाग के ठेकेदार सुभाष यादव से करीब 4 साल पहले 98 लाख रुपया किसके कहने पर उन्होंने लिया था, ली गई यह रकम आखिरकार कहां गई? क्या संजीव हंस के कहने पर उन्होंने यह पैसे लिए थे. गुलाब यादव से यह भी पूछा गया कि 2015 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के शपथ पत्र में नई दिल्ली के फ्लैट की जानकारी उन्होंने क्यों नहीं दी. क्या संजीव हंस ने उन्हें ऐसा करने से रोका था?
गुलाब यादव से यह भी पूछा गया कि उनके बेटे रोशन यादव और एवं इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के करीब के बीच 55 लाख के लेनदेन का मकसद आखिर क्या था. गुलाब यादव से ईडी की टीम ने इस बात की जानकारी चाही कि उनकी पत्नी के साथ संजीव हंस की पत्नी हार्लोबिन कौर उर्फ मोना हंस पुणे में 2017 से सीएनजी पेट्रोल पंप चलती हैं. जिस जमीन पर पेट्रोल पंप है वह आपकी पत्नी अंबिका यादव के नाम से है.
ईडी ने यह भी जानना चाहा कि 2015 में 1.80 करोड़ में यह जमीन खरीदी गई थी इतनी रकम किसने दी और कहां से लाई गई. पत्नी अंबिका यादव को भी इसमें क्यों हिस्सेदार बनाया गया. क्या मानकर आप चल रहे थे कि अवैध तरीके से जमा रकम और उसे अर्जित संपत्ति की जांच कभी नहीं होगी? बता दें कि IAS संजीव हंस और गुलाब यादव से पटना स्थित ED कार्यालय में मुलाकात कराई गई और इसके बाद पूछताछ की गई.
FIRST PUBLISHED :
October 27, 2024, 07:58 IST