उदयपुर में सिटी पैलेस के बाहर देर रात पथराव, माहौल तनावपूर्ण

1 hour ago
उदयपुर में पूर्व राजघराने में राजतिलक की रस्म पर विवाद, उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर पुलिस-विश्वराज के समर्थक आए-सामनेउदयपुर में पूर्व राजघराने में राजतिलक की रस्म पर विवाद, उदयपुर सिटी पैलेस के बाहर पुलिस-विश्वराज के समर्थक आए-सामने

उदयपुर. मेवाड़ पूर्व राज परिवार का संपत्ति विवाद गहराता जा रहा है. देर रात विश्वराज सिंह के साथ आई भीड़ जबरन सिटी पैलेस के गेट पर पहुंची. इसी दौरान सिटी पैलेस के अंदर से पथराव हुआ. बाहर से कुछ लोगों ने पैलेस के ऊपर चढ़ने की कोशिश की. उसके बाद सिटी पैलेस के अंदर मौजूद लोगों ने एक्शन लिया. विश्वराज सिंह देर रात जगदीश चौक और सिटी पैलेस के बीच बैठे रहे.

उदयपुर के पूर्व सांसद और पूर्व राजपरिवार के सदस्य महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे विश्वराज के राजतिलक की रस्म पर बवाल जारी है. महेंद्र सिंह मेवाड़ के भाई और विश्वराज के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ ने परंपरा निभाने से रोकने के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर दिए थे. चित्तौड़गढ़ में महाराणा के रूप में चितौड़ में राजतिलक के बाद विश्वराज सिंह समर्थकों के साथ उदयपुर सिटी पैलेस पहुंचे. वह सिटी पैलेस स्थित धूणी माता के दर्शन करना चाहते थे. सिटी पैलेस के दरवाजे बंद होने पर विश्वराज के समर्थकों ने बैरिकेटिंग हटाई. भीड़ पुलिस से जा भिड़ी. विश्वराज सिंह समर्थकों के तीन कारें के काफिले के साथ बेरिकेटिंग हटाकर घुसी. पुलिस और विश्वराज समर्थकों की भीड़ आमने सामने हो गई. पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया.

सिटी पैलेस पर नियंत्रण विश्वराज के चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ का है. दो नोटिस जारी कर अरविंद सिंह मेवाड़ ने विश्वराज को राजतिलक की रस्म के लिए सिटी पैलेस आने पर रोक लगा दी थी. कानूनी में नोटिस में साफ कहा गया था कि ट्रस्ट से किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति को सिटी पैलेस में प्रवेश नहीं दिया जाएगा. ट्रस्ट के ट्रस्टी अरविंद सिंह मेवाड़ हैं. धूनी माता के दर्शन के लिए काफिला अंदर जाना चाहता था. विश्वराज को सिटी पैलेस के अंदर जाने दिया गया लेकिन बाकी गाड़ियों को पुलिस ने दरवाजे पर ही रोक लिया.  पुलिस से विश्वराज को रोकने के लिए सुरक्षा मांगी थी. पुलिस दोनों पक्षों को रोकने की कोशिश कर रही है. महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद मेवाड़ राजवंश की गद्दी के लिए मेवाड़ के राजपूत सामंतों ने महेंद्र सिंह के बेटे विश्वराज सिंह का खून से राजतिलक कर गद्दी पर बैठाया है. इस मेवाड़ राज परिवार का नया महाराणा घोषित किया है.

चित्तौड़ से आए विश्वराज सिंह ने कहा, ‘धूनी माता के दर्शन करना वैसे तो साधारण बात थी. आप सभी जानते हैं कि जो हो रहा है, वो गलत है. कितने लोग जाएंगे, वो आप देख ही रहे हैं. मुझे यही कहना है कि यह पारिवारिक संपत्ति है. किसी एक सदस्य की नहीं है. पुलिस प्रशासन तय करे. मैं दर्शन जरूर करूंगा’

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पुलिस किसी भी प्रकार के टकराव को रोकने के लिए मुस्तैद है. आपसी समझाइश से विवाद को टालने की कोशिश जारी है. जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल और एसपी योगेश गोयल पूरे मामले की मॉनीटरिंग कर रहे हैं. पुलिस ने सिर्फ 3 गाड़ियों को सिर्फ अंदर जाने दिया. बाकी गाड़ियों को गेट पर रोक लिया, इसी वजह से विवाद हुआ.

इससे पहले, चित्तौड़गढ़ किले के फतह प्रकाश महल में विश्वराज सिंह मेवाड़ को गद्दी पर बैठाने की परंपरा निभाने के लिए पगड़ी दस्तूर हुआ. यह रस्म प्रतीकात्मक निभाई जाती है. रस्म कार्यक्रम के दौरान खून से राजतिलक किया गया. राजतिलक कार्यक्रम सुबह 10 बजे शुरू हुआ और करीब 3 घंटे तक चला. 1531 के बाद पहली बार चित्तौडगढ़ दुर्ग में तिलक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. इससे पहले, महाराणा सांगा के बेटे तत्कालीन महाराणा विक्रमादित्य का तिलक हुआ था. उदयपुर की स्थापना 1559 में हुई. 1668 में मेवाड़ की राजधानी बनाने के बाद रस्म उदयपुर में होने लगी. यह पहला मौका है, जब राजतिलक का कार्यक्रम चित्तौड़गढ़ में हुआ.

FIRST PUBLISHED :

November 25, 2024, 18:51 IST

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