Rwanda News: रवांडा से एक आश्चर्यजनक करने वाली खबर आई है. जिससे हर कोई हैरान हो गया है. जानकारी के अनुसार रवांडा कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य पर अवैध रूप से कब्जा कर रहा है. साथ ही शासन परिवर्तन की भी साजिश की जा रही है. हालांकि इसे लेकर सरकार की प्रवक्ता योलांडे माकोलो ने आरोप से इनकार किया और कहा कि उनके सैनिकों को केवल संघर्ष को अपने क्षेत्र में फैलने से रोकने के लिए तैनात किया गया था.
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार प्रवक्ता योलांडे माकोलो ने बताया कि हमें युद्ध में कोई दिलचस्पी नहीं है, हमें विलय में कोई दिलचस्पी नहीं है, हमें शासन परिवर्तन में कोई दिलचस्पी नहीं है. रिपोर्ट के अनुसार कहा जा रहा है कि दक्षिणी अफ्रीकी विकास समुदाय (एसएडीसी) 16 सदस्यों वाला एक क्षेत्रीय समूह डीआर कांगो की स्थिति पर चर्चा करने के लिए एक विशेष बैठक आयोजित कर रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार पिछले सप्ताह गोमा के आसपास एम23 के साथ संघर्ष में दक्षिणी अफ्रीकी देशों के सोलह सैनिक मारे गए हैं. दक्षिण अफ्रीकी समकक्ष के साथ एक्स पर एक सार्वजनिक विवाद में रवांडा के राष्ट्रपति कागामे ने कहा कि एसएडीसी सैनिक "शांति सेना नहीं थी और इस स्थिति में उनका कोई स्थान नहीं है.
यह लड़ाई पूर्वी कांगो में मानवीय संकट को और बढ़ा रही है, खासकर गोमा और उत्तरी किवु प्रांत में, एम23 विद्रोहियों ने कई क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया है, जिससे स्थानीय लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. संयुक्त राष्ट्र के विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) की शेली ठकराल ने कहा कि शहर के लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा आपूर्ति की कमी हो रही है. आपूर्ति श्रृंखला पूरी तरह से ठप हो गई है क्योंकि रास्ते बंद हो गए हैं.
संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, 2025 की शुरुआत से 4 लाख से ज्यादा लोग अपने घरों से भाग चुके हैं. इसके अलावा, कांगो सैनिकों द्वारा यौन हिंसा की घटनाओं की रिपोर्ट भी आई हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण किवु में कम से कम 50 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ है. रवांडा और कांगो के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है. रवांडा का कहना है कि वे अपनी सीमा की सुरक्षा कर रहे हैं, जबकि कांगो का आरोप है कि रवांडा कांगो के खनिज संसाधनों का फायदा उठाने के लिए संघर्ष को बढ़ावा दे रहा है.
माकोलो यह भी कहा कि रवांडा 1994 के रवांडा नरसंहार के लिए जिम्मेदार मिलिशिया की डीआर कांगो में मौजूदगी से चिंतित है, और जो "काम पूरा करने" के लिए रवांडा लौटना चाहते हैं. उन्होंने कांगो के अधिकारियों पर इन समूहों के साथ काम करने का आरोप लगाया. संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठन भी इस स्थिति पर चिंता जता रहे हैं, क्योंकि दोनों पक्षों द्वारा नागरिकों के खिलाफ गंभीर हिंसा की जा रही है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने चेतावनी दी है कि यह संघर्ष एक बड़े क्षेत्रीय युद्ध में बदल सकता है. यह स्थिति बहुत ही जटिल और तनावपूर्ण है, जिसमें कई देशों और समूहों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी हैं. बता दें कि 1990 के दशक में देश में हुए पिछले संघर्षों में कई पड़ोसी देश भी शामिल हुए थे.