Last Updated:January 31, 2025, 21:31 IST
Russia Ukraine War : यूक्रेन संकट खत्म करने की भारत कोशिशों के बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के चीफ ने एनएसए अजित डोभाल से बात की है. माना जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन के आने के बाद हालात बदले हैं और यू...और पढ़ें
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख ने अजित डोभाल से बात की.
हाइलाइट्स
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद से यूक्रेन की हालत खराब.यूक्रेन किसी भी तरह जंग खत्म कराने की कोशिश में, भारत की ओर ही नजर.इससे पहले अजित डोभाल ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से की थी बात.यूक्रेन संकट खत्म करने की भारत लगातार पहल कर रहा है. पीएम मोदी पहले भी कह चुके हैं, वे जहां तक संभव होगा, ये जंग खत्म कराने में मदद करेंगे. इसी मकसद से प्रधानमंत्री ने रूस और यूक्रेन का दौरा भी किया था. दोनों नेताओं से बात भी की थी. लेकिन अमेरिका में चुनाव की वजह से मामला कुछ ठंडा पड़ गया है. अब खबर आ रही है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के खास दूत एंड्री यरमक ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से फोन पर बात की है. इसके पीछे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का फूटीकौड़ी कनेक्शन है.
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से एक बयान में कहा गया कि एंड्री यरमक ने भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर से बात की है. अमेरिका में सत्ता परिवर्तन और डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन आने के बाद बदले हालात पर चर्चा हुई है. इसके अलावा भारत और यूक्रेन के बीच संबंधों पर भी दोनों ने विस्तार से बात की है. इसके बाद जो बात कही गई, वो बहुत महत्वपूर्ण है. यूक्रेन की ओर से कहा गया कि अजित डोभाल के साथ चर्चा में युद्ध खत्म करने के तरीकों पर बात हुई. हमने यूक्रेन को न्यायसंगत और स्थायी शांति कैसे मिल सकती है, इसपर विचार विमर्श किया गया.
कैसे बदले हालात
बाइडन प्रशासन यूक्रेन को भारी भरकम मदद दे रहा था. इतना ही नहीं, यूरोपीय देशों पर भी हजारों करोड़ डॉलर और हथियार गोला-बारूद देने का दबाव डाल रहा था. अमेरिका की मदद से यूक्रेन कई बार रूस पर भारी पड़ता भी नजर आया. लेकिन बाइडन के जाने के बाद हालात पूरी तरह बदल गए हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने साफ ऐलान कर दिया है कि वे फूटी कौड़ी भी नहीं देना चाहते. इसके बाद से यूक्रेन के हाथ-पांव फूल रहे हैं. क्योंकि यूरोपीय देशों की ताकत अब नहीं बची कि वो यूक्रेन को मदद कर पाएं. क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप कई यूरोपीय देशों पर टैरिफ लगाने का ऐलान कर चुके हैं. ऐसे में यूक्रेन किसी भी हालत में यह युद्ध खत्म करना चाहता है. और अब उसे सिर्फ भारत नजर आ रहा है.
पुतिन से मिले थे डोभाल
भारत पहले भी युद्ध खत्म कराने की कोशिश कर चुका है. बीते साल 23 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जंग के बीच खुद यूक्रेन गए. राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की. 1992 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की वह पहली यूक्रेन यात्रा थी. तब पीएम मोदी ने युद्ध खत्म करने में मदद का भरोसा दिया था. साफ कहा था कि जंग के मैदान में शांति नहीं आ सकती. कुछ दिनों पहले पीएम मोदी के निर्देश पर अजित डोभाल रूस पहुंचे और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात भी की थी. तब से कहा जा रहा है कि भारत यूक्रेन युद्ध रुकवाने के लिए पूरी ताकत से लगा हुआ है.
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
January 31, 2025, 21:31 IST