पुणे: इंफोसिस के को- फाउंडर नारायण मूर्ति ने देश के युवाओं को ऐशो आराम छोड़कर त्याग का जीवन जीने की सलाह दी है. बता दें कि हाल ही में युवाओं को उन्होंने एक बार फिर से 70 घंटे के प्रति सप्ताह काम करने की वकालत की थी. साथ ही चेताया है कि भारत में जलवायु परिवर्तन (Climate Change) की वजह से जो देश के भीतर ही भीतर पलायन हो रहा है, उससे पुणे और बैंगलोर जैसे शहरों में शहरी दबाव बढ़ सकता है. मूर्ति ने कहा कि गांवों से शहरों से की ओर पलायन से कई खतरे हैं… इससे इन शहरों पर दबाव बढ़ सकता है.
उन्होंने कहा कि भारत में क्लाइमेट चेंज के कारण होने वाले माइग्रेशन के खतरों से आगाह किया. मूर्ति ने कहा कि अगर भारत जलवायु परिवर्तन को कंट्रोल नहीं कर पाता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. उन्होंने कहा, और जो होने की संभावना है वह यह है कि राज्यों के ग्रामीण इलाकों से बड़े पैमाने पर पलायन होगा… बैंगलोर, शायद पुणे, शायद हैदराबाद आदि जैसे रहने योग्य शहरों की ओर. जेपी श्रॉफ फाउंडेशन के सस्टेनेबिलिटी क्रूसेड पुरस्कार समारोह में 5एफ वर्ल्ड के संस्थापक गणेश नटराजन के साथ बातचीत में उन्होंने ये बातें कही.
‘इन शहरों में रहना बेहद मुश्किल.. पॉल्यूशन भी बहुत…’
इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट के मुताबिक, इन बड़े शहरों के बारे में बताते हुए मूर्ति ने कहा, इन शहरों में रहना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है, इधर से उधर आना जाना भी मुश्किल हो गया है और प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया है… वे शहर रहने लायक नहीं रह गए हैं… इसलिए, पॉलिसी बनाने वालों के साथ-साथ औद्योगिक क्षेत्र को जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने और भविष्य में बड़े पैमाने पर होने वाले पलायन को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए.
‘देश की बेहतरी के लिए काम करना ही सच्चा राष्ट्रवाद…’
मूर्ति ने आज के युवाओं के लिए ऐशो आराम के जीवन का त्याग करने की जरूरत पर बल दिया और कहा, युवा पीढ़ी को राष्ट्र और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना के साथ काम करना चाहिए. हमें समाज के वंचित वर्गों का ख्याल रखना चाहिए, नहीं तो हम जानवरों से कम नहीं हैं… एक जिम्मेदार नागरिक बनना और देश की बेहतरी के लिए काम करना ही सच्चा राष्ट्रवाद है… केवल राष्ट्रीय ध्वज में ओढ़ लेने से कोई सच्चा राष्ट्रवादी नहीं बन जाता.
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पर्यावरणविद् माधव गाडगिल और आंत्रप्रन्योर आलोक काले के योगदान को भी सम्मानित किया गया था. यहां प्रख्यात वैज्ञानिक डॉक्टर रघुनाथ माशेलकर, महराट्टा चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआईए) इलेक्ट्रॉनिक क्लस्टर फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रदीप भार्गव और वरिष्ठ उद्योगपति जमशेद गोदरेज भी मौजूद थे.
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FIRST PUBLISHED :
December 21, 2024, 08:26 IST