Worst Sex Life States: कहते हैं, इंटरनेट कभी झूठ नहीं बोलता और जब बात प्यार-मोहब्बत की हो तो खोजे गए डेटा से किसी की भी पोल खुल सकती है. हाल ही में एक स्टडी ने अमेरिका के उन राज्यों का खुलासा किया है, जिनकी सेक्स लाइफ सबसे बेहतर है और किनकी हालत सबसे खराब. यह दिलचस्प रिपोर्ट जॉय लव डॉल्स नामक सेक्स शिक्षा प्लेटफॉर्म ने तैयार की है. इसमें लोगों की ऑनलाइन सर्च हिस्ट्री को खंगाला गया, जैसे “सेक्स जीवन कैसे सुधारें”, “कम कामेच्छा” और “कामेच्छा बढ़ाने वाले उपाय” जैसी खोज क्वेरी को देखा गया.
किन राज्यों की सेक्स लाइफ सबसे ठंडी?
रिपोर्ट के अनुसार, वायोमिंग उस लिस्ट में सबसे ऊपर है, जहां लोग अपनी सेक्स लाइफ से सबसे ज्यादा परेशान हैं. यहां प्रति 1 लाख लोगों में औसतन 50.37 बार ऐसे शब्द सर्च किए गए. यहां के लोग ज्यादातर “पुरुषों की कामेच्छा कैसे बढ़ाएं” और “कामेच्छा बढ़ाने वाले उपाय” जैसे शब्द खोजते हैं, जो बताता है कि यहां यौन इच्छा (सेक्स ड्राइव) कम होना एक बड़ी समस्या है. वर्मोंट (48.14 खोज), नॉर्थ डकोटा (47.20), अलास्का (44.43) और यूटा (43.21) भी इस लिस्ट में टॉप 5 राज्यों में शामिल हैं.
इन राज्यों की सेक्स लाइफ सबसे हॉट
दूसरी तरफ जिन राज्यों में ऐसी खोज कम होती है, वहां माना जाता है कि लोग अपनी रोमांटिक जिंदगी से ज्यादा खुश हैं. विस्कॉन्सिन इस लिस्ट में सबसे ऊपर है. यहां हर 1 लाख लोगों में केवल 28.70 बार ही ऐसी खोज हुई. इसके बाद न्यू मैक्सिको (29.52), ओक्लाहोमा (29.70), मिसिसिपी (30.08) और टेक्सास (30.12) आते हैं. इन राज्यों को अमेरिका के ‘रोमांस के राजा’ कहा जा सकता है.
राजनीति भी डाल रही असर?
रिपोर्ट में एक और दिलचस्प बात सामने आई. जिन पांच राज्यों की सेक्स लाइफ सबसे खराब है, उनमें से चार ने 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी को वोट दिया था. एक्सपर्ट एमी न्गुएन का कहना है, “डेमोक्रेट्स सेक्स एजुकेशन को ज्यादा खुले विचारों से अपनाते हैं, जबकि रिपब्लिकन राज्यों में इस पर उतनी बात नहीं होती, जिससे संतुष्टि कम हो सकती है.” हालांकि, हैरानी की बात यह है कि सबसे खुश राज्यों में से चार ने भी रिपब्लिकन को ही वोट दिया था.
क्या सर्च डेटा सब कुछ बता सकता है?
स्टडी से साफ है कि ऑनलाइन सर्च डेटा भी किसी राज्य की रोमांटिक लाइफ का आईना दिखा सकता है. ये रिपोर्ट बताती है कि सेक्स लाइफ की संतुष्टि सिर्फ रिश्तों पर नहीं, बल्कि लोगों की सोच, कल्चर और शिक्षा नीति पर भी निर्भर करती है.