Last Updated:July 28, 2025, 02:23 IST
Operation Sindoor: संसद के मानसून सत्र में पहलगाम हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर चर्चा होगी. अमित शाह, राजनाथ सिंह और एस जयशंकर सरकार का पक्ष रखेंगे. विपक्षी नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे सरकार को घेरने के ...और पढ़ें

हाइलाइट्स
संसद में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी.अमित शाह, राजनाथ सिंह और जयशंकर सरकार का पक्ष रखेंगे.राहुल गांधी और खरगे सरकार को घेरने के लिए तैयार हैं.नई दिल्ली. संसद के मानसून सत्र का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद सोमवार से पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर तीखी चर्चा होने की संभावना है, क्योंकि सत्तारूढ़ गठबंधन और विपक्ष राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े इन दो मुद्दों पर आमने-सामने होंगे. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी दलों द्वारा लोकसभा और राज्यसभा में चर्चा के दौरान अपने शीर्ष नेताओं को मैदान में उतारे जाने की उम्मीद है.
सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर इन मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखेंगे. ऐसे संकेत हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपनी सरकार के ‘मजबूत’ रुख के ट्रैक रिकॉर्ड से अवगत कराने के लिए हस्तक्षेप कर सकते हैं. लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव तथा अन्य नेताओं के साथ मिलकर सरकार को घेरेंगे.
बिहार SIR की भेंट चढ़ा मानसून सत्र का पहला हफ्ता
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य मुद्दों पर विपक्ष के विरोध के कारण सत्र का पहला सप्ताह लगभग हंगामे की भेंट चढ़ गया था. इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 25 जुलाई को कहा था कि विपक्ष सोमवार को लोकसभा में और मंगलवार को राज्यसभा में पहलगाम हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा शुरू करने पर सहमत हो गया है.
लोकसभा और राज्यसभा में 16-16 घंटे की बहस
दोनों पक्षों ने प्रत्येक सदन में 16 घंटे की बहस पर सहमति व्यक्त की है, जो सामान्यत: तय समय से अधिक होती है. लोकसभा की सूचीबद्ध कार्यसूची के मुताबिक सदन में ‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा’ होगी. अनुराग ठाकुर, सुधांशु त्रिवेदी और निशिकांत दुबे जैसे नेताओं के अलावा, सत्तारूढ़ राजग द्वारा उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों को भी मैदान में उतारे जाने की उम्मीद है, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत का पक्ष रखने के लिए 30 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं. इनमें शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के हरीश बालयोगी शामिल हैं.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा में PM मोदी हो सकते हैं शामिल
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सोमवार को चर्चा की शुरुआत करेंगे. इस चर्चा में भाग लेने वाले अन्य मंत्रियों में गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हैं. भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर और निशिकांत दुबे भी इस चर्चा में हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी इस चर्चा में हस्तक्षेप करने की संभावना है. ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा मंगलवार को राज्यसभा में शुरू होगी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य मंत्री भाग लेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यसभा की चर्चा में भी हस्तक्षेप कर सकते हैं.
कांग्रेस को मिला 3 घंटे का समय
ऑपरेशन सिंदूर पर कुल 16 घंटे की बहस में कांग्रेस को लगभग 3 घंटे का समय आवंटित किया गया है. पार्टी की तरफ से लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपनी बात रखेंगे. इसके अलावा गौरव गोगोई, प्रणिति शिंदे और प्रियंका गांधी भी अन्य संभावित वक्ताओं में शामिल हैं. हालांकि, कांग्रेस की तरफ से बोलने वाले वक्ताओं की अंतिम लिस्ट सोमवार सुबह अपडेट की जाएगी.
हालांकि, अब भी बड़ा सवाल है कि क्या शशि थरूर को कांग्रेस द्वारा वक्ता के रूप में चुना जाएगा. थरूर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर भारत का पक्ष रखने के लिये अमेरिका सहित अन्य देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था. थरूर ने आतंकवादी हमले के बाद सरकार की कार्रवाई का उत्साहपूर्वक समर्थन किया, जिससे उनके अपनी पार्टी से संबंध खराब हो गए हैं. विपक्षी दल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के पीछे कथित खुफिया चूक और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच ‘संघर्ष विराम’ कराने का दावा किए जाने के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रहे हैं. पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे.
राहुल गांधी ने विदेश नीति पर केंद्र को घेरा
राहुल गांधी ने बार-बार सरकार की विदेश नीति पर हमला किया है. उनका दावा है कि भारत को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अंतरराष्ट्रीय समर्थन नहीं मिला. वह सत्तारूढ़ गठबंधन पर निशाना साधने के लिए ट्रंप के लगातार मध्यस्थता के दावों का हवाला देते रहे हैं. सरकार ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया है.
PM मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सराहा
पीएम मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सराहना की है. पहलगाम हमले के बाद इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था. प्रधानमंत्री और सरकार के मुताबिक, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ अपने उद्देश्यों में 100 प्रतिशत सफल रहा और इसने भारत के स्वदेशी हथियारों की क्षमता को साबित किया. भाजपा और उसके सहयोगियों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री मोदी की नई नीति को रेखांकित किया है, जिसमें पाकिस्तान के भीतर आतंकवादी पनाहगाहों पर हमला करना और सिंधु जल समझौते को स्थगित करना शामिल है.
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने आतंकवादियों के ठिकानों पर सटीक हमले किए थे. इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भी कार्रवाई करने की कोशिश की गई और दोनों देशों के बीच चार दिनों तक संघर्ष चला. भारत ने दावा किया है कि पड़ोसी देश के कई हवाई ठिकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है और पाकिस्तान के आग्रह के बाद दोनों पक्ष सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमत हुए हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान से जुड़े आतंकवाद के खिलाफ नयी नीति अपनाई है और वह आतंकवादियों तथा उनके प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं करेगा. सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध का एक मुद्दा यह है कि विपक्ष ने निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची के जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर संसद में चर्चा की मांग की है.
विपक्ष ने एकजुट होकर सत्र के पहले सप्ताह में मुख्य रूप से इसी मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित की. उसका दावा है कि इस कवायद का उद्देश्य चुनावी राज्य में भाजपा नीत गठबंधन को मदद पहुंचाना है, जबकि निर्वाचन आयोग का कहना है कि उसका पूरा ध्यान केवल यह सुनिश्चित करने पर है कि केवल पात्र लोग ही मतदान करें. रिजिजू ने कहा है कि संसद में हर मुद्दे पर एक साथ चर्चा नहीं की जा सकती और सरकार नियमों के अनुसार एसआईआर पर बहस की मांग पर बाद में निर्णय लेगी.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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