Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 अपने चरण पर पहुंच गया है. 20 नवंबर को मतदान होने वाला है, 23 को परिणाम आएगा. इससे पहले आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी हैं. इसी बीच एनसीपी नेता अजीत पवार ने ‘न्यूज़18 इंडिया’ को एक्सक्लूसिव इंटरव्यू दिया है. इस इंटरव्यू में उन्होंने चाचा शरद पवार के साथ अपने रिश्ते, पीएम मोदी में की रैली से दूरी, भारतीय जनता पार्टी के बटेंगे तो कटेंगे का नारा, साथ ही कांग्रेस के साथ अपने संबंध से जुड़े सभी सवालों के जवाब खुल कर जवाब दिए हैं. आईए जानते हैं कि इस सुपर एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में महाराष्ट्र का डिप्टी सीएम अजित पवार ने क्या-क्या खुलासा किया और क्या-क्या बात कही?
न्यूज़18 इंडिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में डिप्टी सीएम अजित पवार से जुड़े सवालों पर कहा कि शरद पवार का एक अलग रास्ता है, मेरा दूसरा. बारामती के लोगों का अधिकार है वो कैसा सोचते हैं. चुनाव को लेकर लोगों के मन में क्या है ये उनका अधिकार है. उन्होंने कहा कि एक वक्त मैं पवार साहब का लाड़ला था. लेकिन, अब मैं काम में इतना बिजी रहता हूं. इस बारे में सोचने का वक्त ही नहीं मिलता है. लेकिन, परिवार तो एक ही है, पवार साहब का थोड़ा अंश तो मेरे अंदर भी है ही. मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है.
लाड़ली बहन योजना गेम चेंजर
महाराष्ट्र चुनाव में सिर्फ चार दिन बाकी हैं. चाहे रैली हों या फिर कोई इंटरव्यू नेता किसी भी प्रकार के बड़े या विवादित बयान देने से बचते हैं. इसी तरह इंटरव्यू में एक सवाल के जवाब में अजित पवार ने कहा कि चुनाव में चार दिन बाक़ी हैं, ऐसे सवाल का जवाब दूंगा तो और इश्यू बन जाएगा. मुझको भरोसा है लाड़ली बहन योजना इस चुनाव में गेम चेंजर साबित होगा. मुझे पूरा भरोसा है कि महायुति 175 सीट जीतेगी और हम सीएम तय करेंगे.
मैं अपने निर्णय पर अडिग हूं
महाविकास या शरद पवार का साथ छोड़ने और महायुति के साथ होने पर उन्होंने कहा फैसला तो हो चुका है. मैं जहां भी जाता हूं, ये सवाल सामने आते हैं. मगर, मैंने एक बार निर्णय लिया है तो उस पर अडिग रहूंगा.
महाराष्ट्र को समन्वय की राजनीति पसंद
अजित पवार ने कहा कि मैं आपको बता दूं कि शिवसेना और बीजेपी की विचारधारा एक जैसी है .एनसीपी और कांग्रेस की विचारधारा एक जैसी है. मगर, महाराष्ट्र के लोग समन्वय की विचारधारा चाहते हैं. इसीलिए मुझे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का नारा पसंद नहीं आया और मैंने किनारा भी कर लिया. मैं ‘सबका साथ सबका विकास’ को मानता हूं. मेरे नजर में ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का मतलब सब साथ हैं तो तरक्की करेंगे.
चुनाव में सहयोगियों से दूरी क्यों?
महायुति या सरकार में रहते हुए भी अजित पवार सहयोगियो की रैली से दूर-दूर दिख रहे हैं. इसपर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. हालांकि, इस इंटरव्यू में उन्होंने साफ कर दिया कि महायुति में सब ठीक है और ये हमारी चुनावी स्ट्रैटजी है. उन्होंने कहा कि कोल्हापुर में हमने मिलकर रैली की है. साथ-साथ नहीं जाना हमारी स्ट्रैटेजी है, क्योंकि वक्त कम हैं, एकनाथ शिंदे के पास उम्मीदवार ज़्यादा हैं. इसलिए हम अलग अलग प्रचार कर रहे हैं. मुंबई की रैली में नहीं आने की वजह मैंने पीएम को पुणे में बता दिया था. उन्होंने कहा सब बस जीत पर फोकस रखो.
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FIRST PUBLISHED :
November 15, 2024, 11:12 IST