कट्टर हिंदू का मतलब... RSS चीफ की सुन लें ये बात, तो खत्‍म हो जाएंगे सारे फसाद

11 hours ago

Last Updated:July 28, 2025, 23:55 IST

Mohan Bhagwat News: मोहन भागवत ने कट्टर हिंदू की परिभाषा स्पष्ट की, कहा कि सच्चा हिंदू सभी धर्मों का सम्मान करता है. उन्होंने हिंदुत्व को समावेशी बताया और धार्मिक विवादों पर चिंता जताई. उनका यह बयान सभी धर्मों ...और पढ़ें

कट्टर हिंदू का मतलब... RSS चीफ की सुन लें ये बात, तो खत्‍म हो जाएंगे सारे फसादमोहन भागवत ने अपनी बात कही. (File Photo)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने केरल में एक कार्यक्रम के दौरान कट्टर हिंदू की परिभाषा को लेकर उठ रहे विवादों पर स्थिति स्‍पष्‍ट की. उन्होंने कहा कि कट्टर हिंदू का मतलब किसी अन्य धर्म या समुदाय का विरोध करना या उनपर हमला करना नहीं है. यह एक गलत धारणा है. सच्चा हिंदू वह है जो सभी को साथ लेकर चलता है और सभी धर्मों का सम्मान करता है.

हिंदुत्व का मूल स्वभाव समावेशी
भागवत ने जोर दिया कि हिंदुत्व का मूल स्वभाव समावेशी है, जो भारत की सांस्कृतिक विविधता को मजबूत करता है. उन्होंने कहा कि भारत की परंपरा सभी को अपनी आस्था के अनुसार पूजा करने की आजादी देती है. भागवत ने धार्मिक विवादों पर चिंता जताते हुए कहा कि कुछ लोग हिंदुत्व को गलत तरीके से पेश करते हैं, जिससे समाज में तनाव पैदा होता है. उन्होंने हिंदुओं से अपील की कि वे अपनी संस्कृति को समझें और इसे दूसरों के खिलाफ इस्तेमाल करने के बजाय एकता का प्रतीक बनाएं.

गाय के नाम पर हिंसा गलत
भागवत पहले गाय संरक्षण के नाम पर हिंसा को भी गलत ठहरा चुके है. उनका मानना है कि ऐसा करने वाला सच्चा हिंदू नहीं हो सकता. उन्होंने भारत की 140 करोड़ आबादी को एकजुट करने की बात कही और जोर दिया कि हिंदुत्व का लक्ष्य किसी के खिलाफ नहीं, बल्कि सभी के साथ मिलकर देश को मजबूत करना है. भागवत के इस बयान को RSS की समावेशी छवि को मजबूत करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. यह बयान देश में चल रहे धार्मिक और सामाजिक तनावों के बीच एक महत्वपूर्ण संदेश देता है.

मोदी सरकार की तारीफ
मोहन भागवत ने की मोदी सरकार की तारीफ की. उन्‍होंने कहा कि अपने स्वत्व पर देश खड़ा हो गया, तो क्या चमत्कार होता है, ये हमने पिछले 11 साल से देखा है. हमको आने वाले 10 साल मे ये देखना है कि हम विदेशी प्रभाव से सम्पूर्ण मुक्त कैसे होते हैं. नीति कैसी हो ये हम बोल नहीं रहे, हम बोल रहे है कि छोटी छोटी बातें क्या हो, वो हम कर रहे हैं. उसके आधार पर प्रतिमान खड़े कर रहे है और नीति में क्या है क्या नहीं, इसका विचार ना करते हुए उसके परिणाम देखकर सामान्य लोग इसको स्वीकार कर रहे हैं.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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