कट्टरपंथियों पर लगाम लगाओ... भारत ने बांग्लादेश को क्यों चेताया?

23 hours ago

Last Updated:June 12, 2025, 18:59 IST

Bangladesh News: बांग्लादेश में रवींद्रनाथ टैगोर के घर पर कट्टरपंथियों के हमले के बाद भारत ने कड़ी चेतावनी दी. भारत-बांग्लादेश के रिश्तों पर असर डालने वाली यह घटना सांस्कृतिक हमला मानी जा रही है.

कट्टरपंथियों पर लगाम लगाओ... भारत ने बांग्लादेश को क्यों चेताया?

टैगोर दोनों देशों की आत्मा में बसे हुए हैं.

हाइलाइट्स

भारत ने बांग्लादेश को कट्टरपंथियों पर लगाम लगाने की चेतावनी दी.रवींद्रनाथ टैगोर के घर पर हमले के बाद भारत ने सख्त रुख अपनाया.टैगोर के घर पर हमला भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर असर डाल सकता है.

Bangladesh News: जब कोई भीड़ किसी कवि के घर पर हमला करती है, तो वह केवल ईंट-पत्थर को नुकसान नहीं पहुंचाती. वह स्मृति पर हमला करती है, पहचान को चुनौती देती है और सहिष्णुता को खामोश करने की कोशिश करती है. 8 जून को यही हुआ बांग्लादेश के सिराजगंज जिले में. जहां रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक आवास रवींद्र कचहरीबाड़ी पर उन्मादी भीड़ ने हमला बोला और उसे क्षतिग्रस्त कर दिया.

इस घटना के बाद भारत सरकार ने बेहद सख्त तेवर अपनाते हुए बांग्लादेश की यूनुस सरकार को साफ शब्दों में चेताया—“कट्टरपंथियों को अब लगाम दो, नहीं तो इसके अंजाम गंभीर हो सकते हैं.”

टैगोर—जिन्हें भारत ही नहीं, बांग्लादेश भी अपना मानता है
रवींद्रनाथ टैगोर कोई साधारण लेखक नहीं थे. वे पहले एशियाई नोबेल पुरस्कार विजेता, भारत के राष्ट्रगान के रचयिता और बांग्लादेश के राष्ट्रीय गान “आमार सोनार बांग्ला” के रचनाकार भी थे. यानी टैगोर दोनों देशों की आत्मा में बसे हुए हैं. लेकिन जब उन्हीं की विरासत पर हमला होता है तो उसका असर सिर्फ दीवारों पर नहीं देशों के रिश्तों पर भी होता है.

घटना पार्किंग विवाद से शुरू हुई थी.

हमला कैसे हुआ?
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना पार्किंग विवाद से शुरू हुई थी. लेकिन जल्दी ही हालात बिगड़े और भीड़ ने टैगोर के स्मृति स्थल पर तोड़फोड़ शुरू कर दी. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में ‘घृणित नारे’ और हिंसक व्यवहार साफ नजर आया.

BJP समेत कई भारतीय राजनीतिक दलों ने इसे केवल “विवाद” नहीं, बल्कि “सुनियोजित सांस्कृतिक हमला” बताया. उनका आरोप है कि बांग्लादेश में सक्रिय कट्टरपंथी संगठन, जैसे कि जैमात-ए-इस्लामी और हेफ़ाज़त-ए-इस्लाम, इस पूरे घटनाक्रम के पीछे हो सकते हैं.

भारत की चेतावनी क्यों मायने रखती है?
भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बयान जारी कर कहा:

यह हमला गुरुदेव टैगोर की समावेशी विचारधारा और सांस्कृतिक विरासत पर एक संगठित प्रहार है. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को अब कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों.

यह पहली बार नहीं है जब भारत ने बांग्लादेश के अंदर हो रहे अल्पसंख्यकों या सांस्कृतिक स्थलों पर हमलों को लेकर आवाज उठाई हो. लेकिन टैगोर जैसे साझा प्रतीक पर हमला, एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है.

‘रवींद्र कचहरीबाड़ी’ वह जगह है जहां टैगोर ने ना सिर्फ अपना समय बिताया बल्कि कई कालजयी रचनाएं भी लिखीं.

भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर असर?
विशेषज्ञ मानते हैं कि टैगोर जैसे व्यक्तित्व पर हमला सिर्फ एक सांस्कृतिक मुद्दा नहीं एक राजनयिक चेतावनी भी है. भारत-बांग्लादेश के बीच दशकों से घनिष्ठ सांस्कृतिक, भाषाई और सामाजिक संबंध हैं. लेकिन हाल के सालों में वहां की राजनीति में कट्टरपंथियों के प्रभाव ने इस रिश्ते को नई चुनौती दी है. यदि बांग्लादेश सरकार इन हमलों को “आंतरिक मामला” कहकर टालती रही तो यह रणनीतिक रिश्तों को भी प्रभावित कर सकता है.

टैगोर का घर सिर्फ एक मकान नहीं
‘रवींद्र कचहरीबाड़ी’ वह जगह है जहां टैगोर ने ना सिर्फ अपना समय बिताया बल्कि कई कालजयी रचनाएं भी लिखीं. यह स्थान एक तरह से भारत और बांग्लादेश की साझा चेतना का स्मारक है. इसलिए जब यहां हमला होता है, तो भारत सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं देता—वह अपनी सांस्कृतिक चेतना की रक्षा करता है.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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