कतर में हमास अधिकारियों की एक बैठक पर इजरायल ने हमला बोल दिया. अब इस हमले के बाद तुर्की की भी चिंता बढ़ा दी है. तुर्की को इस बात का डर है कि इजरायल का अगला निशाना हम भी हो सकते हैं. तुर्की रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रियर एडम. जेकी अक्तुर्क ने गुरुवार (11 सितंबर) को अंकारा में चेतावनी दी कि इजरायल ने कतर में जैसा किया वैसा ही अपनी लापरवाह हमलों को और विस्तार देगा और पूरे क्षेत्र को अपनी खुद की देश सहित आपदा में धकेल देगा. इजरायल और तुर्की कभी मजबूत क्षेत्रीय साझेदार और मित्र थे लेकिन दोनों देशों के बीच संबंध 2000 के दशक के अंत से मुश्किलों में फंस गए और 7 अक्टूबर 2023 को दक्षिणी इजरायल में हमास के नेतृत्व वाले हमले की वजह से इजरायल और तुर्की के बीच रिश्ते अब एकदम निचले स्तर पर पहु्ंच गए हैं.
इजरायल और तुर्की के बीच तनाव तब बढ़ा जब दोनों देशों ने पिछले साल बशर असद सरकार के पतन के बाद पड़ोसी सीरिया में प्रभाव के लिए प्रतिस्पर्धा की. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन लंबे समय से फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास के समर्थक रहे हैं. तुर्की के राष्ट्रपति ने गाजा युद्ध की शुरुआत से इजरायल की आलोचना की है. एर्दोगन ने अपने तीखे बयानों से इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर नरसंहार के आरोप लगाते हुए नेतन्याहू की तुलना नाजी नेता एडोल्फ हिटलर से कर दी थी.
हमास के अधिकारियों का तुर्की कनेक्शन
हमास अधिकारी नियमित रूप से तुर्की का दौरा करते हैं और कुछ पहले से वहां रहते हैं. इजरायल ने पहले तुर्की पर हमास को अपने क्षेत्र से हमलों की योजना बनाने की अनुमति देने का आरोप लगाया था और साथ ही आतंकियों की भर्ती और फंडिंग का आरोप भी लगाया था. एर्दोगन कतर के नेताओं के करीबी हैं और तुर्की का इस अमीरात के साथ मजबूत सैन्य और व्यावसायिक संबंध हैं. वह इस सप्ताह के अंत में अरब और मुस्लिम नेताओं के शिखर सम्मेलन के लिए कतर जाने वाले हैं. इजरायल के ईरान, सीरिया, यमन और अब कतर के क्षेत्रों पर हमलों के बाद, अंकारा इजरायल की पड़ोसी राज्यों के हवाई क्षेत्र को स्वतंत्र रूप से उपयोग करने से चिंतित हैं.
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तुर्की के पास बेहतरीन ऑर्मी
कतर अमेरिका का निकट सहयोगी है और उस पर हमला करके जो कि गाजा युद्धविराम वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है. इजरायल ने एक ऐसी रेखा पार की है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था. इससे यह सवाल भी उठता है कि हमास के लक्ष्यों का पीछा करने में इजरायल कितनी दूर जाएगा. नाटो की सदस्यता के माध्यम से तुर्की को इजरायली हमले के खिलाफ कतर की तुलना में अधिक सुरक्षा प्राप्त है. जो तुर्की को अमेरिका के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों से मिलती है. तुर्की की सैन्य शक्ति भी खाड़ी देश कतर की तुलना में काफी अधिक है. क्योंकि इसकी सशस्त्र सेनाएं नाटो देशों में अमेरिका के बाद दूसरे सबसे बड़े आकार की हैं. इजरायल के साथ बढ़ते तनाव के बीच तुर्की ने अपनी रक्षा को मजबूत किया है.
तुर्की की निवारण और कूटनीति का मिश्रण
तुर्की सीरिया में सैन्य निवारण और कूटनीति का मिश्रण अपनाता प्रतीत होता है, जिसका उद्देश्य इज़राइल के साथ सीधे टकराव से बचने के लिए तनाव को कम करना है। तुर्की और इज़राइली अधिकारियों ने अप्रैल में सीरिया में डी-एस्केलेशन मैकेनिज्म स्थापित करने के लिए बातचीत की थी. यह कदम इजरायली हमलों के बाद उठाया गया था, जो एक सीरियाई हवाई अड्डे पर हुए थे, जिसे तुर्की कथित तौर पर उपयोग करने की योजना बना रहा था। नेतन्याहू ने उस समय कहा था कि सीरिया में तुर्की के अड्डे "इज़राइल के लिए खतरा" होंगे। अंकारा और दमिश्क ने पिछले महीने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें तुर्की सीरिया की सशस्त्र सेनाओं को सैन्य प्रशिक्षण और सलाह प्रदान करेगा।
अमेरिका के साथ मजबूत संबंध इजरायल के खिलाफ सुरक्षा गारंटी नहीं
एर्दोगन को यह भी इस बात की उम्मीद हो सकती है कि वाशिंगटन इजरायली सैन्य घुसपैठ के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगा. जबकि नेतन्याहू ने तुर्की के साथ टकराव में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से समर्थन मांगा था. ट्रंप ने इसके बजाय सीरिया पर कब्जा करने के लिए एर्दोगन की प्रशंसा की और नेतन्याहू से तुर्की के साथ अपने व्यवहार में उचित रहने का आग्रह किया लेकिन कतर में हुए हमले से पता चला कि वाशिंगटन के साथ मजबूत संबंध होने का मतलब ये नहीं है कि इजरायल के खिलाफ सुरक्षा की गारंटी हो. जर्मन मार्शल फंड के अंकारा में निदेशक ओजगुर उनलुहिसार्सिकली ने कहा कि नाटो सदस्य के क्षेत्र पर इजरायली हवाई हमला बेहद असंभावित होगा. लेकिन इजरायली एजेंटों द्वारा तुर्की में संभावित हमास लक्ष्यों पर छोटे पैमाने पर बम या बंदूक हमले एक स्पष्ट संभावना हो सकती है. उन्लुहिसार्सिकली ने आगे कहा, 'कतर हमले ने दिखाया कि इज़राइली सरकार जो कर सकती है उसकी कोई सीमा नहीं है.'
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