Last Updated:August 16, 2025, 09:37 IST
Karnataka CM Tussle: कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर सीएम पद को लेकर हलचल तेज है. डीके शिवकुमार को नवंबर में सीएम बनाने की संभावनाएं हैं. उधर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दामाद ने भी नया दांव...और पढ़ें

कर्नाटक को क्या जल्द ही नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है? दरअसल खबर है कि कांग्रेस में डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को नवंबर में सीएम बनाने की संभावनाओं को लेकर हलचल तेज हो गई है. सूत्रों के मुताबिक, शिवकुमार के समर्थक अब वोक्कालिगा और पंचमसाली लिंगायत समुदायों को एकजुट करने की कोशिशों में जुटे हैं, ताकि उनका राज्यव्यापी समर्थन आधार मजबूत हो सके.
दोनों समुदाय मुख्य रूप से कृषि आधारित हैं और दक्षिण व उत्तर कर्नाटक में उनकी मजबूत पकड़ है. शिवकुमार खेमे का मानना है कि अगर लिंगायत समाज के 60% हिस्से वाले पंचमसालियों को अपने साथ लाया जाए, तो उत्तरी जिलों में उनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी और वे पूरे राज्य में लोकप्रियता हासिल कर सकेंगे.
पंचमसाली नेताओं तक पहुंच
महिला और बाल विकास मंत्री लक्ष्मी हेब्बलकर जैसी पंचमसाली नेता शिवकुमार के करीबी माने जाते हैं. शिवकुमार ने पंचमसाली मठों के संतों से भी संपर्क साधना शुरू कर दिया है और मानसून सत्र के बाद इस आउटरीच अभियान को और तेज करने की योजना है.
2028 चुनाव पर भी नजर
इस रणनीति का लक्ष्य केवल मौजूदा सीएम पद ही नहीं, बल्कि 2028 विधानसभा चुनाव भी है. बीजेपी, जेडीएस के साथ गठबंधन कर एचडी कुमारस्वामी (वोक्कालिगा) और बीवाई विजयेंद्र (लिंगायत) की संयुक्त अगुवाई में मैदान में उतरने की तैयारी में है. ऐसा समीकरण कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है.
टाइम्स ऑफ की रिपोर्ट के मुताबिक, मांड्या से कांग्रेस विधायक रविकुमार गनीगा ने कहा, ‘2023 में पार्टी की जीत में शिवकुमार की भूमिका सबको पता है. अब हम उम्मीद करते हैं कि उन्हें सब समुदायों के समर्थन से सीएम बनने का हक मिलेगा.’
जाति जनगणना पर भी फोकस
सरकार ने सितंबर-अक्टूबर में नई जाति जनगणना कराने की घोषणा की है. इससे पहले की एच कांताराजु आयोग की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने रद्द कर दिया था. नई जनगणना के लिए कैबिनेट ने 624 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. वोक्कालिगा और लिंगायत दोनों ही पिछली जनगणना के विरोध में थे.
पंचमसाली विधायक और वीरशैव-लिंगायत विकास निगम के चेयरमैन विजयनंद कशप्पन्नवर कहते हैं, ‘हमने लंबी लड़ाई के बाद सरकार को कांताराजु रिपोर्ट छोड़ने पर मजबूर किया. अब जरूरी है कि नई गणना में दोनों समुदायों को न्याय मिले. शिवकुमार हमारे नेता हैं, सीएम पद पर फैसला समय आने पर होगा.’
खरगे का भी उछला नाम
इधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम भी सहमति के उम्मीदवार के रूप में चर्चा में है. उनके दामाद व गुलबर्गा सांसद राधाकृष्णन डोड्डमणि ने कहा, ‘स्वाभाविक है कि कार्यकर्ता खरगे जैसे वरिष्ठ नेता को मुख्यमंत्री देखना चाहें. लेकिन सीएम पद को लेकर कोई टकराव नहीं है, फैसला हाईकमान ही करेगा.’
कुल मिलाकर कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर सीएम पद को लेकर समीकरण बदल रहे हैं. शिवकुमार जहां सामाजिक गठजोड़ पर दांव लगा रहे हैं, वहीं खड़गे का नाम भी नए सिरे से राजनीतिक हलचल बढ़ा रहा है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
Bangalore,Karnataka
First Published :
August 16, 2025, 09:33 IST