Last Updated:July 15, 2025, 23:15 IST
QR Code Kanwar Yatra Controversy: कांवड़ मार्ग पर QR कोड अनिवार्य करने को लेकर बहस चल रही है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये कि क्या क्यूआर कोड से असली पहचान उजागर हो सकती है.

कांवड़ मार्ग की दुकानों पर क्यूआर कोड लगाने का आदेश यूपी सरकार ने दिया है.
हाइलाइट्स
यूपी-उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ मार्ग की दुकानों पर QR कोड अनिवार्य किया.दुकानदारों की पहचान उजागर हो, इसके लिए किया गया, लेकिन क्या ये संभव है.QR कोड से धर्म की पहचान संभव नहीं, क्योंकि इसमें कोई भी नाम हो सकता है.यूपी और उत्तराखंड सरकार ने कांवड़ मार्ग पर सभी दुकानदारों को क्यूआर कोड (QR Code) लगाने का आदेश दिया है. मकसद है कि दुकानदारों की पहचान उजागर हो. लोगों को पता चले कि वो जहां से सामान खरीद रहे हैं, उसका नाम और पहचान क्या है? सुप्रीम कोर्ट ने इस पर दोनों सरकारों से जवाब मांगा है. लेकिन सबसे बड़ा सवाल क्या QR कोड लगाने से पता चल जाएगा कि दुकानदार हिन्दू है या मुस्लिम? क्या उसकी असली पहचान सामने आ पाएगी? या वह अभी भी पहचान छिपाकर दुकान चला पाएगा? हम आपको इन सभी सवालों के जवाब बताने जा रहे हैं.
QR कोड होता क्या है, क्या इसमें धर्म की जानकारी होती है?
QR कोड एक स्कैन करने लायक कोड होता है जिसमें किसी व्यक्ति या संस्था की जानकारी जैसे नाम, मोबाइल नंबर, UPI ID, बैंक डिटेल्स आदि जुड़ी होती है. यह किसी के भी नाम से हो सकता है. QR कोड में धर्म की कोई जानकारी नहीं होती. वह सिर्फ नाम, फोन नंबर या UPI अकाउंट जैसी चीजें दिखाता है.
क्या QR कोड में जो नाम दिखता है, वो दुकानदार की असली पहचान साबित करता है?
नहीं, QR कोड में दिखने वाला नाम असली हो यह जरूरी नहीं. कोई भी व्यक्ति Paytm, PhonePe, Google Pay जैसे ऐप्स में किसी और के नाम से UPI ID बना सकता है या फर्जी नाम टाइप कर सकता है. QR स्कैन करने पर सिर्फ वही नाम दिखता है जो UPI अकाउंट में डाला गया है. यह आधार, पैन या किसी सरकारी दस्तावेज से ऑटोमेटिक वेरिफाई नहीं होता. हालांकि, बैंक अकाउंट धारक का नाम नीचे नजर आता है.
अगर QR कोड स्कैन करने पर नाम Amit आता है, तो क्या ये पक्का है कि दुकानदार का नाम अमित ही है?
जरूरी नहीं. ऐप में नाम मैनुअली लिखा जाता है. कोई भी व्यक्ति अपना नाम बदलकर Amit लिख सकता है, भले ही असली नाम कुछ और हो. QR कोड स्कैन से सिर्फ पेमेंट डिटेल आती है. धर्म, पता, पहचान पत्र जैसी जानकारी नहीं मिलती.
क्या QR कोड हमेशा उसी के नाम पर होता है जो दुकान चला रहा है?
नहीं, QR कोड किसी रिश्तेदार, दोस्त या यहां तक कि फर्जी पहचान से बना हो सकता है. बहुत से दुकानदार किसी और के बैंक अकाउंट से QR कोड इस्तेमाल करते हैं ताकि टैक्स बच सके या जान-पहचान छुपी रहे.
क्या QR कोड से सरकार या पुलिस तुरंत पहचान निकाल सकती है?
QR कोड से सीधा नाम और नंबर तो दिखता है, लेकिन असली पहचान जानने के लिए बैंक से KYC डेटा निकालना पड़ेगा.
ये प्रक्रिया समय लेती है और जांच के बिना सिर्फ QR देखकर कोई नहीं कह सकता कि दुकानदार कौन है.
क्या कोई दुकानदार किसी और के नाम से QR कोड लगा सकता है?
हां, अगर कोई जानबूझकर किसी और के नाम से बैंक या UPI से जुड़ा QR कोड लगाता है, तो पहचान बदल सकता है. नाम असली हो या न हो, इसकी जांच सिर्फ QR स्कैन से नहीं की जा सकती. फर्जी नाम भी जोड़े जा सकते हैं.
क्या QR कोड लगाने से दुकान मालिक की पहचान पक्की हो जाती है?
नहीं, जब तक QR कोड बैंक या सरकार से KYC (Know Your Customer) से लिंक न हो, तब तक यह पहचान का भरोसेमंद तरीका नहीं है.
अगर कोई QR कोड नकली है तो क्या पुलिस पकड़ सकती है?
हां, लेकिन इसके लिए जांच और बैंक से जानकारी मांगनी पड़ती है. स्कैन से तुरंत कोई पुष्टि नहीं होती. QR कोड से पैसा लेना आसान होता है, लेकिन सुरक्षा या पहचान तय करने का पक्का तरीका नहीं है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,New Delhi,Delhi