ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया, जब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलती नजर आई, तो CBI कूद पड़ी. कभी ईडी तो कभी सीबीआई के जाल में वे ऐसे उलझे हुए हैं कि जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं. मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन का भी यही हाल है. लेकिन सिर्फ ये ही तीन नेता नहीं हैं. कई और नेता हैं, जो ED-CBI के जाल में ऐसे उलझे हैं कि जेल से बाहर नहीं आ पा रहे हैं.
News18 हिंदीLast Updated :August 1, 2024, 05:28 ISTWritten byGyanendra Mishra
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तमिलनाडु सरकार में मंत्री रहे वी सेंथिल बालाजी (senthil balaji) को पिछले साल 14 जून ईडी ने गिरफ्तार किया था. उन पर पैसे लेकर नौकरी देने का आरोप है. एक साल से भी ज्यादा का वक्त हो गया, लेकिन अभी भी वे सलाखों के पीछे हैं. दो दिन पहले ही हाईकोर्ट ने उनकी रिमांड बढ़ा दी थी. ऐसा नहीं लग रहा कि वे जल्द जेल से बाहर आ पाएंगे.
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तृणमूल कांग्रेस के नेता और पश्चिम बंगाल के मंत्री रहे ज्योति प्रिया मलिक ( Jyoti Priya Mallick) को ED ने 30 अक्तूबर को गिरफ्तार किया था. उन पर करोड़ों रुपये के राशन घोटाले का आरोप है. तभी से वे जेल के अंदर हैं. एक दिन पहले ही ईडी ने उनके सहयोगी बारिक बिस्वास के घर पर छापेमारी की थी. बिस्वास से पूछताछ के अलावा उनके बैंक डिटेल्स भी खंगाले गए.
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दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. बीच में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इलाज के लिए अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन बाद में उन्हें फिर जेल जाना पड़ा. अब उन पर एक नई मुसीबत आन पड़ी है. एलजी वीके सक्सेना ने हाल ही में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत की जांच के आदेश दिए हैं. यह मामला भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) पर लगाए गए 16 करोड़ रुपये के जुर्माने को माफ करने के लिए 7 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोपों से जुड़ा है.
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के साथ भी कुछ ऐसा ही है. ED ने दिल्ली शराब घोटाले में फरवरी 2022 में उन्हें गिरफ्तार किया था. तब से वे बाहर नहीं आ पाए. कुछ घंटों के लिए पैरोल मिलती है, लेकिन फिर उन्हें जेल जाना पड़ता है. दो दिन पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत की गुहार लगाई, लेकिन राहत नहीं मिली. कोर्ट ने कहा कि CBI का जवाब दाखिल हो चुका है, ED का जवाब बाकी है. इसके लिए हम 1 अगस्त तक का समय दे रहे हैं. 5 अगस्त को सुनवाई होगी.
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कर्नाटक के पूर्व मंत्री बी नागेंद्र (B Nagendra) को 22 जुलाई को ED ने गिरफ्तार किया. इन पर बेंगलुरु में कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में गड़बड़ी के आरोप हैं. अब तक इन्हें भी किसी तरह की राहत नहीं मिल पाई है. कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने इसे राजनीतिक गिरफ्तारी बताया. आरोप लगने के बाद मंत्री ने 6 जून को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
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झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम (Alamgir Alam) को भी ED ने 15 मई को गिरफ्तार किया था. उनके सचिव के नौकर के घर से 37 करोड़ रुपए से अधिक कैश बरामद हुआ था. इसी सिलसिले में उनसे पहले पूछताछ की गई, इसके बाद ईडी ने उन्हें अरेस्ट कर लिया गया. चार दिन पहले पीएमएलए कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. तरह-तरह की दलीलें दी गईं, लेकिन कोर्ट से राहत नहीं मिली.
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अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal ) का मामला सबके सामने है. ईडी की गिरफ्तारी का मामला अभी चल ही रहा था कि सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. ईडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली तो अब ईडी ने ऐसा जाल फैलाया है कि वे बाहर नहीं आ पा रहे हैं. हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है, लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट ने इनकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है.