आरजी कर कॉलेज के एक्स प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष तो धनकुबेर निकले. कोलकाता कांड में भ्रष्टाचार की जांच कर रही ईडी ने बताया कि तलाशी के दौरान संदीप घोष के घर से संपत्ति के तमाम दस्तावेज मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि उनके पास करोड़ों की दौलत थी. ईडी के मुताबिक, उनके पास कोलकाता के पॉश इलाके में एक-दो नहीं बल्कि 3 आलीशान फ्लैट हैं. मुर्शिदाबाद में एक फ्लैट उनके नाम है. इतना ही नहीं, संदीप घोष की पत्नी डॉ. संगीता घोष के नाम पर भी कोलकाता में 2 फ्लैट और एक फार्महाउस है.
ईडी आरजी कर कॉलेज में हुए भ्रष्टाचार की जांच कर रही है. जांच एजेंसी के मुताबिक, डॉ. संदीप घोष जहां आरजी कर कॉलेज में प्रिंंसिपल के रूप में तैनात थे, तो वहीं उनकी पत्नी उसी मेडिकल कॉलेज में एसिस्टेंड प्रोफेसर के रूप में कार्यरत थीं. बीते दिनों इनके घर पर जब छापेमारी की गई, तो करोड़ों की दौलत के सबूत मिले. दिलचस्प बात ये है कि डॉ. संदीप घोष ने संपत्ति खरीदने के लिए 2021 में पत्नी संगीता घोष को अधिकृत कर दिया था. इसके बाद से उन्होंने कई संपत्तियां खरीदीं. तलाशी के दौरान संदीप घोष से संबंधित कई अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं. जो सबूत मिले हैं, उससे साफ संकेत मिलता है कि इन संपत्तियों को भ्रष्टाचार के जरिये जुटाए गए पैसे से खरीदा गया.
बिना परमिशन दो प्रॉपर्टी खरीदी
तलाशी के दौरान पता चला कि डॉ. संगीता घोष ने राज्य सरकार के अधिकारियों से परमिशन के बिना दो प्रॉपर्टी खरीदी थीं. ईडी के अधिकारियों ने संदीप घोष और उनकी पत्नी संगीता घोष की संपत्तियों और बैंक खातों का विवरण मांगा है. जांच में कई घरों की लोकेशन मिल चुकी है. संगीता घोष ने इसके बारे में खुद पूरी जानकारी ईडी अफसरों को दी है. इतना ही नहीं, दीप के बैंक खाते से लेनदेन से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई कार्यालय में जमा कर दिए हैं. सूत्रों का कहना है कि आने वाले दिनों में ईडी संगीता घोष को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है.
बिना मंजूरी लोगों की भर्ती कर ली
इससे पहले सीबीआई ने संदीप घोष के बेलेघाटा स्थित घर पर तलाशी ली थी. जांच एजेंसी को संदीप के खिलाफ कई शिकायतें मिली हैं. सीबीआई ने यह भी दावा किया है कि 2022-23 में 84 एमबीबीएस हाउस स्टाफ की अवैध नियुक्ति की गई. रिक्रूटमेंट कमेटी की मंजूरी के बिना लोगों की भर्ती कर दी गई. संदीप घोष ने बिना लाइसेंस वाली 3 कंपनियों को टेंडर दिए. इसके बदले उन्होंने मोटा कमीशन वसूला. संदीप घोष को इन आरोपों की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया है.
23 सितंबर तक कस्टडी में भेजा
इस बीच संदीप घोष समेत चार आरोपियों को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया गया, लेकिन अदालत ने उन्हें 23 सितंबर कस्टडी में भेजने का आदेश दिया. दिलचस्प बात है कि सीबीआई ने कोर्ट से उनकी कस्टडी की डिमांड नहीं की, इसके बावजूद अदालत ने ये फैसला सुनाया. इससे साफ है कि सीबीआई के पास अभी संदीप घोष की कस्टडी लेने का एक विकल्प मौजूद है. वह चाहे तो कोर्ट से 7 दिन की रिमांड मांग सकती है. सीबीआई के जांच अधिकारी ने दलील दी कि उन्हें कुछ डिजिटल साक्ष्य मिले हैं. इमेज क्लोनिंग जैसी कई जांच चल रही हैं, जिनमें अभी वक्त लगेगा. सारी जांच हो जाने के बाद वह फिर से संदीप घोष को हिरासत में लेगी.
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FIRST PUBLISHED :
September 10, 2024, 23:43 IST