कौन थे संभाजी महाराज, जिनको लेकर मचा है बवाल, औरंगजेब से क्या थी दुश्मनी?

1 month ago

Last Updated:March 04, 2025, 12:59 IST

Current Affairs, Aurangzeb vs Sambhaji Maharaj: वीर शिवाजी के बेटे संभाजी महाराज और औरंगजेब को लेकर बहस छिड गई है. ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि संभाजी महाराज कौन थे और औरंगजेब ने उनको क्‍या क्‍या सजा दी?

कौन थे संभाजी महाराज, जिनको लेकर मचा है बवाल, औरंगजेब से क्या थी दुश्मनी?

Aurangzeb vs Sambhaji Maharaj, abu azmi: क्‍या है संभाजी और औरंगजेब की पूरी कहानी?

Current Affairs, Aurangzeb vs Sambhaji Maharaj: वीर शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर हाल ही में एक फिल्म आई छावा. इस फिल्म में संभाजी महाराज और औरंगजेब के बीच की लड़ाइयों और बातचीत को दिखाया गया है. इसके अलावा, इस फिल्म में औरंगजेब की क्रूरता भी दिखाई गई है. इस फिल्म के आने के बाद संभाजी महाराज और औरंगजेब को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं. इसी बीच, महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी के एक बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया.

Abu Azmi on Aurangzeb: अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की और कहा कि औरंगजेब क्रूर शासक नहीं था, उसने कई मंदिर बनवाए और उसके शासन में भारत ‘सोने की चिड़िया’ था. उनका कहना था कि इतिहास को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है. आजमी ने यह भी कहा कि औरंगजेब और संभाजी के बीच की लड़ाई धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता की थी. उनके इस बयान के बाद संभाजी महाराज और औरंगजेब की चर्चा जोरों पर है. आइए, आपको बताते हैं संभाजी महाराज से जुड़ी कुछ रोचक बातें…

Sambhaji Maharaj Story: बचपन से ही वीर थे छत्रपति संभाजी 
छत्रपति संभाजी महाराज का जन्म 14 मई 1657 को महाराष्ट्र के पुरंदर किले में हुआ था. बचपन से ही वे अपने पिता की तरह वीर योद्धा थे. उनके दादा शाहजी भोसले और दादी जीजाबाई थीं. बचपन में ही उनकी माता का निधन हो गया, जिसके कारण उनका पालन-पोषण उनकी दादी ने किया. संभाजी महाराज को साहित्य में गहरी रुचि थी और उन्होंने अपने पिता के सम्मान में संस्कृत भाषा में बुधभूषण की रचना भी की थी.

Chhatrapati Sambhaji Maharaj: शिवाजी के बाद संभाजी बने राजा
छत्रपति शिवाजी की मृत्यु के बाद संभाजी को राजा बनाया गया. अपने शासनकाल में उन्होंने 120 युद्ध लड़े और सभी में जीत हासिल की. राजा बनने के बाद संभाजी ने मथुरा के रहने वाले अपने एक सहयोगी कवि कलश को अपना सलाहकार नियुक्त किया. मराठी भाषा का ज्ञान न होने के कारण इस नियुक्ति को लेकर आंतरिक विद्रोह हुआ और कुछ लोग मुगलों से मिल गए, जिसकी वजह से संभाजी को मुगलों से हार का सामना करना पड़ा.

धोखे से बनाए गए बंदी
संभाजी महाराज को मुगलों ने धोखे से बंदी बना लिया. फ्रांसीसी गवर्नर जनरल मार्टिन की डायरी के मुताबिक, संभाजी महाराज के करीबी लोगों ने ही उन्हें धोखा दिया और संगमेश्वर में उन पर हमला किया गया. इसके बाद मुगलों ने उन्हें बंदी बना लिया. इस घटना से मराठा साम्राज्य को बड़ा झटका लगा, जिसकी भरपाई नहीं हो सकी.

औरंगजेब ने दी कई यातनाएं 
संभाजी महाराज को बंदी बनाकर औरंगजेब ने उन्हें अमानवीय यातनाएं दीं. उन्हें इस्लाम कबूल करने का आदेश दिया गया, लेकिन उन्होंने इसे मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्हें मारा-पीटा गया और आदेश दिया गया कि वे अपना किला और खजाना मुगलों को सौंप दें और इस्लाम कबूल कर लें. जब उन्होंने इस आदेश को भी नहीं माना, तो उनकी ज़ुबान तक काट ली गई. अंततः, 11 मार्च 1689 को उनकी निर्मम हत्या कर उनके शरीर के टुकड़े फेंक दिए गए. उनकी मौत के बाद मराठा समुदाय एकजुट हो गया.

संभाजी के सलाहकार को बनाया जोकर 
शिवाजी और संभाजी की बहादुरी को लेकर कई किताबें लिखी गई हैं. इन्हीं में से एक, डेनिश किनकेड की किताब Shivaji: The Grand Rebel में बताया गया है कि संभाजी और उनके सलाहकार मित्र कवि कलश को जोकरों जैसी पोशाक पहनाकर पूरे शहर में घुमाया गया और उन पर पत्थर फेंके गए. इसके बाद, जब उन्होंने इस्लाम कबूल नहीं किया, तो उनकी आंखें निकाल दी गईं.

First Published :

March 04, 2025, 12:59 IST

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