Last Updated:September 09, 2025, 18:57 IST
खबरों में लगातार आ रहा है कि नेपाल में जिन युवाओं के गुस्से से वहां की सत्ता पलट गई, उसे जेन जेड कहा जाता है. जानते हैं क्या होती ये जेनरेशन.

नेपाल में सड़कों पर उतर आए युवाओं के उस विकराल झुंड को जेन जेड कहा जा रहा है, जिसके विद्रोह ने वहां की सत्ता पलट दी. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली दुबई भाग गए. राष्ट्रपति ने इस्तीफा दे दिया. अन्य मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया. वित्त मंत्री को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया. संसद समेत कई भवनों को आग लगा दी गई. क्या है जेनरेशन जेड, दुनियाभर में ये किस रूप में जानी जाती है.
नेपाल में 8 सितंबर 2025 को शुरू हुए जेन जेड के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन ने देश की सियासी जमीन हिला दी. ये आंदोलन मुख्य रूप से भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद, और सोशल मीडिया पर सरकारी प्रतिबंध के खिलाफ था. दरअसल 4 सितंबर 2025 को सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप जैसे 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि ये कंपनियां नेपाल में रजिस्टर नहीं थीं. जेन जेड ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला माना. सड़कों पर उतर आए.
कौन सी जेनरेशन कहलाती है जेन जेड
तो कौन सी जेनेरेशन कहलाती है जेन जेड, जिसके विद्रोह ने नेपाल में पलट दी. जेन जेड उन लोगों को कहा जाता है जो 1997 से 2012 के बीच जन्मे हैं. यह पीढ़ी इंटरनेट और सोशल मीडिया के युग में पली-बढ़ी है, जिसके कारण यह तकनीक-संपन्न तो है ही. ये जागरूक और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय भी मानी जाती है. ये ज़िलेनियल्स भी कहे जाते हैं. ये आज के समय की सबसे चर्चित और प्रभावशाली पीढ़ी है. टेक्नोलॉजी उनके डीएनए में है, वो नए ऐप्स और ट्रेंड्स को बहुत तेजी से अपनाते हैं.
डिजिटल नेटिव्स पीढ़ी
ये पीढ़ी “डिजिटल नेटिव्स” के रूप में जानी जाती है, क्योंकि ये इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के युग में बड़ी हुई है. दुनिया भर के सर्वेक्षणों और अध्ययनों के अनुसार, जेन जेड को एक जागरूक, विविधता-प्रिय, पर्यावरण को लेकर जागरूक और सामाजिक न्याय की हिमायती पीढ़ी माना जाता है. वे लिंग, यौन अभिव्यक्ति, नस्ल और व्यक्तिगत शैली के मामले में अधिक खुले हैं.
वर्चुअल के रियल वर्ल्ड साथ – साथ
ये पीढ़ी “हाइपरकॉग्निटिव” है, यानी ये कई स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करके फैसला लेते हैं. इंफार्मेशन को लेकर ज्यादा अपडेट रहते हैं. ये वर्चुअल के साथ रियल वर्ल्ड के साथ बखूबी तालमेल बिठाते हुए चलती है. हालांकि ये चिंताग्रस्त पीढ़ी भी है – क्लाइमेट चेंज, आर्थिक अस्थिरता और मेंटल हेल्थ जैसी समस्याओं से.
क्या ये विरोधाभासों से भरी पीढ़ी भी है?
ये भी कहा जाता है कि जेन जेड एक विरोधाभासों से भरी पीढ़ी है – ये आशावादी तो हैं, लेकिन वास्तविकतावादी भी. डेलॉएट के 2025 सर्वे के अनुसार, 89% जेन जेड को लगता है कि काम में “उद्देश्य” जरूरी है. ये पैसा कमाने के साथ-साथ वेल-बीइंग और ग्रोथ पर फोकस करते हैं. अधिक व्यक्तिवादी हैं.
बड़े होते हुए 2008 के आर्थिक संकट और कोविड-19 जैसी घटनाओं को देखने के कारण यह पीढ़ी वित्तीय रूप से अधिक व्यावहारिक है. उनमें खुद का व्यवसाय शुरू करने की प्रवृत्ति अधिक है.
ये ब्रांड्स के शौकीन हैं. हालांकि इन्हें ब्रांड्स के पुराने ढर्रे वाले विज्ञापन पसंद नहीं. वे उन्हीं ब्रांड्स और पर्सनालिटीज को फॉलो करते हैं जो “रीयल” और “ऑथेंटिक” दिखते हैं, जो अपनी कमजोरियां भी दिखाने से नहीं घबराते.
भारत दुनिया का सबसे युवा देशों में एक है. यहां जेन जेड की आबादी बहुत बड़ी है. भारत में अनुमानित तौर पर करीब 37 करोड़ जेन जेड के सदस्य हैं, जो देश की आबादी का 27फीसदी से ज्यादा हैं.
इनकी विशेषताएं इन्हें पुरानी पीढ़ियों से अलग बनाती हैं, लेकिन मिलेनियल्स से काफी समानताएं हैं. ये अधिक प्रोग्रेसिव हैं, लेकिन पुरुषों में कंजर्वेटिव ट्रेंड्स भी दिख रहे हैं.
दुनियाभर में जेन जेड क्या कर रही है?
जेन जेड न केवल उपभोक्ता और वर्कर के रूप में सक्रिय है, बल्कि सामाजिक परिवर्तन की अगुआई कर रही है. ये सोशल मीडिया को एक्टिविज्म का हथियार बनाती हैं – जैसे टिकटॉक पर प्रोटेस्ट ऑर्गनाइज करना या इंस्टाग्राम पर जागरूकता फैलाना. पिऊ रिसर्च के अनुसार, ये क्लाइमेट चेंज पर सबसे ज्यादा सक्रिय हैं और उससे संबंधित प्रोटेस्ट में काफी हिस्सा लेते हैं.
कुल मिलाकर, जेन जेड दुनिया को बदल रही है – प्रोटेस्ट से पॉलिसी तक, डिजिटल से रियल वर्ल्ड तक. ये चुनौतियों का सामना कर रही हैं, लेकिन इनकी एक्टिविटी से सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है.
जेन जेड के बाद की पीढ़ी क्या कही जाती है
जेन जेड के बाद की पीढ़ी को जेनरेशन अल्फा कहा जाता है. यह नाम ऑस्ट्रेलियन रिसर्चर मार्क मैक्रिंडल ने 2008 में दिया था, जो ग्रीक अल्फाबेट के पहले अक्षर “अल्फा” से लिया गया है. यह पीढ़ी पूरी तरह से 21वीं शताब्दी में पैदा हुई पहली पीढ़ी है. इन्हें 2013 से लेकर 2025 तक माना जाता है. 2025 के बाद जो पीढ़ी शुरू होगी, उसको जेनरेशन बीटा कहा जाएगा, 2025 से 2039 तक चलेगी.
जेनरेशन अल्फा की खासियतें
यह पीढ़ी जेन जेड से भी अधिक तकनीक-केंद्रित है, ये जन्म से ही स्मार्टफोन, AI, और डिजिटल वर्ल्ड में पली-बढ़ी हैं. मैक्रिंडल रिसर्च के अनुसार, ये सबसे समृद्ध, तकनीकी रूप से सक्षम और लंबी उम्र वाली पीढ़ी होंगी. ये शिक्षा में लंबा समय बिताएगी. कम उम्र में कमाई शुरू करेंगी और माता-पिता के साथ ज्यादा देर रहेगी. जेन अल्फा को “iPad किड्स” भी कहा जाता है, क्योंकि ये टैबलेट्स और स्क्रीन्स के साथ बड़े हो रहे हैं.
Sanjay Srivastavaडिप्टी एडीटर
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...
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Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
September 09, 2025, 18:55 IST