क्‍या शरद पवार को कुछ नहीं समझते तेजस्‍वी? संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

3 hours ago

Last Updated:May 13, 2025, 18:25 IST

Politics on special session of Parliament: ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ सीजफायर पर चर्चा के लिए विपक्ष विशेष सत्र की मांग कर रहा है. लेकन,एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष क...और पढ़ें

क्‍या शरद पवार को कुछ नहीं समझते तेजस्‍वी? संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

भारत-पाक युद्ध विराम मुद्दे पर शरद पवार ने संसद के विशेष सत्र की मांग को खारिज किया है तो तेजस्वी यादव ने समर्थन.

हाइलाइट्स

शरद पवार ने संसद सत्र की मांग को ठुकराया, विपक्ष को झटका.शरद पवार ने संवेदनशील मुद्दा कहा,सर्वदलीय बैठक की सलाह दी.विपक्ष संसद सत्र बुलाने की मांग पर अड़ा, तेजस्वी ने मांग दोहराई.

पटना. यह संवेदनशील मुद्दा है और सदन में लाना संभव नहीं…संसद सत्र बुलाने की मांग पर शरद पवार का यह रूख विपक्षी पार्टियों की उस मांग को झटका कहा जा रहा जिसके तहत संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की जा रही है. दरअसल, ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई में जब पाकिस्तान पस्त पड़ा तो दोनों देशों ने अस्थायी युद्ध विराम घोषित किया है. इसके बाद से ही विरोधी दल केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग पर अड़े हैं. अब इसको आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने अपनी यह मांग दोहराई है और कहा है कि सरकार को लोकसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए. उन्होंने कहा की सेना के शौर्य पर पूरे देश को गर्व है और इस शौर्य पर बात होनी चाहिए. तेजस्वी यादव ने कहा सभी पार्टियां विशेष सत्र के दौरान अपनी-अपनी बात बेहतर तरीके से रख सकती हैं.वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो बात कही हमलोग भी उसके साथ हैं. देश की सुरक्षा सबसे ऊपर होनी भी चाहिए. वहीं शरद पवार के यह कहने पर कि विशेष सत्र की जगह ऑल पार्टी मीटिंग बुलाई जानी चाहिए, इसके जवाब में तेजस्वी यादव ने कहा कि सबकी अपनी राय है और अपनी सोच है.

दरअसल, 11 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा होने के बाद राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की थी कि सरकार जल्द से जल्द संसद का एक सत्र बुलाए. इसमें तमाम मुद्दों पर चर्चा हो, ताकि सभी राष्ट्र प्रथम को लेकर अपना संकल्प व्यक्त कर सकें.बता दें कि पहलगाम आतंकी हमला और इसके बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कांग्रेस सरकार के साथ खड़ी दिख रही थी, लेकिन पाकिस्तान के साथ युद्धविराम की घोषणा के बाद कांग्रेस का रुख आक्रामक हो गया है.

शरद पवार ने दी सर्वदलीय बैठक की सलाह

कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने अमेरिका की मदद से सीजफायर के ऐलान करके तीसरे की मध्यस्थता रास्ता खोल दिया है. वहीं, कांग्रेस पार्टी समेत अन्य विरोधी दलों की विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग पर शरद पवार ने दो टूक लहजे में कहा है कि ”यह एक संवेदनशील और गंभीर मुद्दा है. संसद में इस तरह के गंभीर मुद्दे पर चर्चा संभव नहीं है. ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय हित के लिए जानकारी को गोपनीय रखना जरूरी है, विशेष सत्र बुलाने के बजाय बेहतर होगा कि हम सब एक साथ (सर्वदलीय बैठक) बैठें.”

कांग्रेस का रुख आक्रामक, तेजस्वी ने मांग दोहराई

कांग्रेस नेता जयराम रमेश भी इस तरह की मांग कर चुके हैं. राजद नेता मनोज झा और अब तेजस्वी यादव भी लगातार इस मांग को दोहरा रहे हैं. इस पर शरद पवार ने सर्वदलीय बैठक की मांग को ठीक बताया, लेकिन विशेष सत्र की मांग को उचित नहीं माना है. शरद पवार का स्पष्ट रूप से कहना है कि उस फोरम ऐसे गंभीर विषय की चर्चा संभव नहीं होनी चाहिए. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेवा की कार्रवाई में पाकिस्तान पस्त पड़ा तो गिड़गिड़ाते हुए सीजफायर की मांग की. भारत सरकार ने राष्ट्रहित को देखते हुए युद्ध विराम पर अस्थाई सहमति दे दी.

शरद पवार के रुख से विपक्ष की राजनीति को झटका

हालांकि, इसके पहले भारत-पाक संघर्ष में भारतीय सेना के भी पांच जमीन जवान शहीद हो गए. इनमें कई जवान घायल भी हैं. हालांकि, दूसरी और पाकिस्तान में 100 से अधिक आतंकवादियों के मारे जाने के साथ ही 40 से अधिक आर्मी अफसर और सेना के जवान मारे गए हैं. इसके बाद शनिवार से लागू सीजफायर के बाद से ही विपक्ष की ओर से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की जा रही है, ताकि पूरी स्थिति को पर चर्चा हो और देश के सामने रखा जा सके. लेकिन, शरद पवार के इस रूख से विपक्ष को गहरा झटका लगा है.

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Vijay jha

पत्रकारिता क्षेत्र में 22 वर्षों से कार्यरत. प्रिंट, इलेट्रॉनिक एवं डिजिटल मीडिया में महत्वपूर्ण दायित्वों का निर्वहन. नेटवर्क 18, ईटीवी, मौर्य टीवी, फोकस टीवी, न्यूज वर्ल्ड इंडिया, हमार टीवी, ब्लूक्राफ्ट डिजिट...और पढ़ें

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