क्या फ्यूचर में टीचर्स की जगह लेगा AI? इस एजुकेशन दिग्गज ने कर दी बड़ी भविष्यवाणी

3 hours ago

AI Tutors: आज की इस आधुनिक दुनिया में तकनीक की भूमिका सबसे तेजी से बढ़ रही है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) बन चुका है. AI अब महज एक ऑप्शन नहीं, बल्कि इंसानी जीवन की अहम जरूरत बन गई है. हेल्थ सर्विस से लेकर मैन्युफेक्चरिंग, एजुकेशन, ट्रान्सपोर्ट और सिक्योरिटी तक हर क्षेत्र में AI बदलाव ला रहा है. यह तकनीक न सिर्फ काम को आसान बना रही है, बल्कि सटीकता और एफिशिएंसी भी बढ़ा रही है. अब  AI को लेकर डुओलिंगो के CEO और सह-संस्थापक लुइस वॉन आह्न ने बड़ी भविष्यवाणी कर दी है.  

उन्होंने कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्राइमरी टीचर बन सकता है और स्कूलों का इस्तेमाल सिर्फ बच्चों की देखभाल के लिए किया जा सकता है. सारा गुओ द्वारा होस्ट किए गए नो प्रायर्स पॉडकास्ट के दौरान वॉन आह्न ने कहा कि एआई ट्यूटर्स से स्किल्स एबिलिटी के मामले में टीचर्स से बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है. हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि स्कूल बंद हो जाएंगे या कोई टीचर नहीं होगा. इसके बजाय स्कूलों की मुख्य भूमिका बदल जाएगी. उन्होंने कहा कि सीखने की प्रक्रिया उन्नत एआई सिस्टम द्वारा संचालित होगी.

जबकि स्टूडेंट्स के बड़े समूहों वाली ट्रेडिशनल क्लासेस में व्यक्तिगत शिक्षण ( personalized learning ) एक महत्वपूर्ण चुनौती है. वॉन आहन का मानना ​​है कि एआई हर एक स्टूडेंट की अनूठी गति और सीखने की ज़रूरतों के अनुसार लेसंस को अनुकूलित करके इस समस्या को हल कर सकता है. शिक्षकों के उलट जो 30 या उससे ज्यादा की काल्स में प्रत्येक बच्चे की प्रगति की निगरानी करने के लिए संघर्ष कर सकते हैं, एआई सिस्टम कमज़ोरियों को जल्दी से पहचान सकते हैं और असल व्कत में सामग्री को समायोजित कर सकते हैं, जिससे सटीकता का एक ऐसा लेवल मिलता है जिसे मैन्युअल रूप से हासिल करना मुश्किल होता है.

 हाई क्वालिटी एजुकेशन बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा कि एजुकेशन में AI को शामिल करना एक ग्रेजुअल प्रोसेस होगी. एजुकेशन सिस्टम्स अक्सर नियमों, कल्चरल एक्सपेक्टेशन और पुराने बुनियादी ढांचे की वजह से बदलाव का विरोध करती हैं. इसके बावजूद, उनका मानना ​​है कि क्लासेस में एआई की भूमिका का विस्तार जारी रहेगा, खासकर उन देशों में जहां बड़े पैमाने पर हाई क्वालिटी एजुकेशन प्रदान करना एक बड़ी चुनौती है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया का फ्यूचर 
वॉन आह्न ने कहा, ' एजिकेशन में बदलाव होने जा रहा है. टीचर्स की तुलना में एआई के साथ पढ़ाना ज़्यादा आसान है.' बिना किसी शक के कहा जा सकता है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया का फ्यूचर है. स्कूल और कॉलेज के स्टूडेंट्स न केवल होमवर्क और क्लास असाइनमेंट के लिए बल्कि इम्तिहान की तैयारी के लिए भी AI का इस्तेमाल कर रहे हैं.

AI के नुकसान
हालांकि, क्या हर चीज़ के लिए AI पर निर्भर रहना बुद्धिमानी है? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर अत्यधिक निर्भरता संज्ञानात्मक काम ( सोचने, याद रखने, समझने, और फैसले लेने की क्षमता ) को ख़राब कर सकती है. अपनी पढ़ाई के हर जानकारी के लिए AI पर निर्भर रहना आपकी मानसिक व्यस्तता को कम कर सकता है, जिससे आपके सक्षम और जानकार होने पर भी आत्म-संदेह पैदा हो सकता है. अगर आप एक स्टूडेंट हैं और आपके पास AI टूल तक पहुंच है, तो यह सीखना महत्वपूर्ण है कि उनका प्रभावी ढंग से इस्तेमाल कैसे किया जाए.

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