क्या राणा सांगा ने दिया था बाबर को भारत आने का न्योता? इतिहासकार ने बताया सच

3 days ago

Last Updated:March 27, 2025, 18:29 IST

Rana Sanga Controversy : महाराणा सांगा पर विवादित टिप्पणी करने वाले सपा गद्दार सांसद रामजी लाल सुमन ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है. करणी सेना ने उनके आवास पर बुधवार को हमला कर दिया. विवाद के बीच जाने माने इ...और पढ़ें

क्या राणा सांगा ने दिया था बाबर को भारत आने का न्योता? इतिहासकार ने बताया सच

जयपुर. सपा सांसद रामजी लाल सुमन के राणा सांगा पर दिए गए बयान पर महाभारत जारी है. अखिलेश यादव ने आरोप लगते हुए कहा कि रामजी लाल सुमन के घर इसलिए अटैक हुआ है क्योंकि वह दलित हैं. बीजेपी ने कहा कि अखिलेश जातीय संघर्ष कराने चाहते हैं. इधर, आगरा में सपा सांसद रामजीलाल सुमन के घर पर करणी सेना ने बुधवार को हमला कर दिया और जमकर तोड़फोड़ की. 14 पुलिसकर्मी घायल हो गए. सांसद के बेटे की तहरीर पर पुलिस मुकदमा दर्ज किया और करणी सेना के 20 से ज्यादा सदस्यों को पकड़ा है. सपा सांसद ने माफी मांगने से भी इनकार कर दिया है. सुमन ने यह भी कहा कि उन्होंने कोई गलत बयान नहीं दिया. दरअसल, 21 मार्च को रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में राणा सांगा पर टिप्पणी करते हुए उनको गद्दार बताया था. सवाल यह है कि क्या राणा सांगा ने बाबर को बुलाया था? बाबरनामा में इसका जिक्र जरूर मिलता है लेकिन यह दावा सत्य प्रतीत नहीं होता.

राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के महाराणा सांगा को गद्दार कहने पर चल रहे विवाद के बीच जाने माने इतिहासकार प्रोफेसर बीएल गुप्ता ने कहा, ‘बाबर को राणा सांगा ने नहीं बुलाया था. पंजाब के गर्वनर दौलत खान लोदी ने बुलाया था. इसके विपरीत बाबर ने महाराणा सांगा से बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए मदद मांगी थी.’ गुप्ता ने कहा, ‘बाबरनामा का दावा गलत है. बाबर के आने से पहले ही राणा सांगा दो बार इब्राहिम लोदी को हरा चुका था. महाराणा सांगा उस समय उतर भारत का सबसे शक्तिशाली शासक थे. एक भी युद्ध नहीं हारे थे. बाबर को डर था कि सांगा ने लोदी की मदद की तो वह उसे हरा नही पाएगा.’

जीएन शर्मा, गौरीशंकर हीराचंद ओझा जैसे कई अन्य इतिहासकार भी यही कहते हैं. कई इतिहासकारों का कहना है कि इब्राहिम लोदी के खिलाफ गठबंधन की उम्मीद में बाबर ने राणा सांगा को न्यौता दिया था. 1523 में दिल्ली सुल्तान के भाई आलम खान लोदी, पंजाब के गवर्नर दौलत खान लोदी और इब्राहिम लोदी के चाचा अलाउद्दीन ने बाबर से मदद मांगी थी. आलम खान बाबर के दरबार में गया था. 21 अप्रैल, 1526 को पानीपत के प्रथम युद्ध ने बाबर ने इब्राहिम लोदी को हरा दिया. इसके बाद बाबर के सामने सबसे बड़ी चुनौती थे राणा सांगा. 21 फरवरी, 1527 को बयाना में राणा सांगा और मुगल सेना के बीच पहली बार युद्ध हुआ. इस युद्ध में मुगलों की हार हुई. मार्च 1927 में, भरतपुर से 60 किलोमीटर दूर खानवा में फिर से दोनों सेनाएं आमने-सामने हुईं. इस युद्ध में राणा सांगा की आंख में एक तीर लग गया. वह युद्ध क्षेत्र से दूर हो गए और राजपूत यह युद्ध हार गए.

कौन थे राणा सांगा
राणा सांगा का पूरा नाम महाराणा संग्राम सिंह था. मेवाड़ में उन्होंने 1509 से 1528 तक शासन किया. सिसोदिया राजपूत राजवंश के राजा राणा रायमल के सबसे छोटे पुत्र थे. अपने जीवन में 100 से ज्यादा लड़ाइयां लड़ी. उनके शरीर में 80 से ज्यादा घाव थे. उन्होंने मेवाड़ में अपने साम्राज्य का विस्तार किया. राजपूताना के सभी राजाओं को संगठित करके दिल्ली-गुजरात और मालवा को मुगल बादशाहों के आक्रमणों से बचाया.

Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

March 27, 2025, 18:29 IST

क्या राणा सांगा ने दिया था बाबर को भारत आने का न्योता? इतिहासकार ने बताया सच

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