Last Updated:August 07, 2025, 19:44 IST
Dunki Route Exposes: हरियाणा-पंजाब से अमेरिका भेजने का सपना दिखाकर युवाओं को डंकी रूट से ले जाया जा रहा था. NIA ने इस मानव तस्करी रैकेट का पर्दाफाश किया है. मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.

नई दिल्ली: अमेरिका पहुंचने का सपना लाखों भारतीय युवाओं की आंखों में पलता है. लेकिन जब यही सपना उन्हें धोखे, यातना और बर्बादी की ओर ले जाए तो यह सिर्फ एक ट्रैजेडी नहीं, बल्कि एक संगठित अपराध बन जाता है. नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (NIA) ने ऐसे ही ‘डंकी रूट’ से जुड़े मानव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है. इसमें हरियाणा के दो युवकों को गिरफ्तार किया गया है.
रवि कुमार और गोपाल सिंह दोनों हरियाणा के करनाल जिले के रहने वाले हैं. NIA ने इनकी गिरफ्तारी से पहले हरियाणा और पंजाब में चार ठिकानों पर छापेमारी की. करनाल, यमुनानगर और गुरदासपुर में हुई कार्रवाई में कई डिजिटल डिवाइसेज़ और संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए गए हैं.
गोपाल सिंह इस नेटवर्क का एक्टिव एजेंट था. वह होटल बुकिंग, ट्रैवल प्लानिंग, और भुगतान वसूली जैसे सभी काम करता था. साथ ही वह पीड़ितों के परिवारों से लाखों रुपए वसूलने में भी अहम भूमिका निभाता था.
टिकट मिला, लेकिन सफर बना नर्क
यह केस तब सामने आया जब नारायणगढ़, हरियाणा के निवासी शुभम सैनी को अमेरिकी सीमा पर पकड़ा गया और भारत डिपोर्ट कर दिया गया. वापसी के बाद शुभम ने पुलिस को बताया कि उसे 42 लाख रुपए की भारी रकम देकर अमेरिका भेजा गया था. लेकिन रास्ते में उसे बंधक बना लिया गया, टॉर्चर किया गया और अलग-अलग देशों में कई बार पैसा वसूला गया.
शुभम ने बताया कि वह लगभग छह देशों से होते हुए अमेरिका की सीमा तक पहुंचा. लेकिन वहां उसे अमेरिकी एजेंसियों ने पकड़ लिया. डिटेंशन सेंटर में रखे जाने के बाद उसे भारत वापस भेज दिया गया.
जांच जारी, अंतरराष्ट्रीय कड़ियों की तलाश
NIA का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है. इस रैकेट की जड़ें भारत से लेकर कई अन्य देशों तक फैली हुई हैं. एजेंसी अब उन तमाम लोगों की तलाश में है जो इस सीक्रेट डंकी नेटवर्क से जुड़े हैं. NIA के मुताबिक, रवि और गोपाल ने दर्जनों युवाओं को इसी तरह फंसाया और हर केस में लाखों रुपए की ठगी की गई.
युवाओं की जिंदगी से खिलवाड़
यह पूरा मामला सिर्फ एक गिरोह का नहीं बल्कि उस सिस्टम फेलियर की कहानी भी है जिसमें हजारों युवा हर साल नकली एजेंटों के जाल में फंसकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर बैठते हैं. न पासपोर्ट की जांच होती है, न एजेंट का रिकॉर्ड, बस एक सपना और करोड़ों का नुकसान.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
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First Published :
August 07, 2025, 19:44 IST