Last Updated:March 27, 2025, 17:56 IST
कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव की तीसरी जमानत याचिका बेंगलुरु अदालत ने खारिज कर दी. उन पर 14.2 किलोग्राम सोने की तस्करी का आरोप है. रान्या राव वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं.

लोअर कोर्ट से रान्या राव की जमानत याचिक खारिज हो गई. (Image:News18)
हाइलाइट्स
रान्या राव की जमानत याचिका खारिज.14.2 किलोग्राम सोने की तस्करी का आरोप.रान्या राव अभी जेल में रहेंगी.बेंगलुरु. बेंगलुरु की एक सत्र अदालत ने आज कन्नड़ अभिनेत्री रान्या राव की जमानत याचिका खारिज कर दी. जो एक हाई-प्रोफाइल सोने की तस्करी मामले में उनकी तीसरी याचिका थी. इस फैसले से यह तय हो गया कि रान्या राव अभी और हिरासत में रहेंगी. उनके खिलाफ 14.2 किलोग्राम सोने की तस्करी के आरोपों की जांच जारी है, जिसकी कीमत 12.56 करोड़ रुपये से अधिक है. यह फैसला आरोपों की गंभीरता और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले आर्थिक अपराधों पर अदालत के रुख को दिखाता है.
रान्या राव वरिष्ठ कर्नाटक आईपीएस अधिकारी रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं. उनको 3 मार्च को दुबई से आने के बाद केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था. राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों ने उन्हें रोका और उनके शरीर पर छिपा हुआ सोना पाया. सोना उनकी कमर और पिंडलियों पर बंधा हुआ और उनके जूतों और जेबों में छिपा हुआ था. डीआरआई का आरोप है कि राव ने दुबई में सोना खरीदने के लिए हवाला चैनलों का इस्तेमाल किया, जिसको उन्होंने पूछताछ के दौरान कथित तौर पर कबूल किया. इस कबूलनामे के साथ-साथ उनके बार-बार दुबई जाने का इतिहास, उनकी जमानत खारिज करने के प्रमुख कारण बताए गए. जनवरी 2025 से रान्या राव ने 27 बार दुबई की यात्राएं की. इसके साथ ही उनके पास यूएई निवासी पहचान पत्र है.
अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि राव की हरकतों ने भारत की आर्थिक स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा किया. उन्हें एक संगठित तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा बताया गया. उनके सहयोगी, तेलुगु अभिनेता तरुण राजू (जो विराट कोंडुरु के नाम से भी जाने जाते हैं), को भी इस मामले में गिरफ्तार किया गया था और उनकी जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी गई थी. इसके अलावा, सोने के व्यापारी साहिल साकरिया जैन को हाल ही में 29 मार्च तक डीआरआई की हिरासत में भेजा गया. उन पर रान्या राव को तस्करी किए गए सोने को नष्ट करने में मदद करने का आरोप है. इससे जांच का दायरा बढ़ गया है. जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) संभावित अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़े होने की जांच कर रहे हैं. जिसमें सरकारी अधिकारियों के भी शामिल होने की आशंका है.
वहीं रान्या राव की कानूनी टीम ने डीआरआई की विधियों पर सवाल उठाया. उनके शारीरिक तलाशी के लिए सहमति की वैधता पर सवाल उठाया और प्रक्रियात्मक खामियों का आरोप लगाया. हालांकि, अदालत ने अभियोजन पक्ष के रुख को बरकरार रखा, चल रही जांच की आवश्यकता को प्राथमिकता दी ताकि ऑपरेशन के पूरे दायरे का पता लगाया जा सके. इस मामले ने राव के पारिवारिक संबंधों के कारण भी ध्यान आकर्षित किया है. उनके सौतेले पिता को संभावित प्रभाव की जांच के बीच अनिवार्य अवकाश पर रखा गया है. जैसे-जैसे न्यायिक प्रक्रिया आगे बढ़ रही है, यह हाई-प्रोफाइल मामला सार्वजनिक और मीडिया की रुचि को आकर्षित करता रहा है. जो भारत में विशेषाधिकार, अपराध और आर्थिक सुरक्षा के मुद्दों को उजागर करता है.
First Published :
March 27, 2025, 17:56 IST