Last Updated:September 14, 2025, 14:25 IST
चिली के पैटागोनिया के जंगलों की तस्वीरों ने वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया है. गहरे सन्नाटे और अंधेरे में मैगलैन्स विश्वविद्यालय (यूएमएजी) के एक प्रोजेक्ट में जंगली जानवरों पर नजर रखने वाले एक कैमरा ट्रैप ने 2 सेकंड में तीन तस्वीरें कैद हुईं, जिससे पूरे रिसर्च जगत में हलचल मच गई. दरअसल, इसमें रोशनी काफी तेजी से नीचे की ओर जाती दिखाई दे रही.

चिली के दूर-दराज के पैटागोनिया इलाके में एक ऐसी घटना हुई है, जो वैज्ञानिकों और स्थानीय लोगों को हैरान कर रही है. कल्पना कीजिए, रात के गहरे अंधेरे में जब चारों तरफ सन्नाटा छाया हो, तभी एक छोटा सा कैमरा जो जंगली जानवरों की निगरानी करता हो महज दो सेकंड में तीन तस्वीरें लेता है. अब इन तस्वीरों पर रिसर्च होने लगीं, तरह-तरह की बातें होने लगीं. किसी का मानना है कि साइंस है तो स्थानीय लोग इसे भूत-प्रेततात्मा मान रहे हों. इन तस्वीरों में तेज रोशनी नीचे की ओर आती नजर आ रही है. यह घटना 21 जनवरी 2024 को रात 12 बजकर 22 मिनट पर हुई.
यह प्रोजेक्ट ‘पब्लिक बेसलाइन‘ नाम से चलाया जा रहा है. इसका मकसद पैटागोनिया के टिएरा डेल फ्यूगो इलाके में जमीन पर रहने वाले जानवरों, खासकर बिल्लियों जैसे जंगली जानवरों की निगरानी करना है. इसमें कुल 65 कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं, जो गति और गर्मी महसूस करते ही फोटो या वीडियो ले लेते हैं. प्रोजेक्ट नवंबर 2023 से शुरू हुआ है और अब तक 3 लाख 65 हजार से ज्यादा तस्वीरें और वीडियो इकट्ठा हो चुके हैं. लेकिन इनमें से सिर्फ ये तीन तस्वीरें ही ऐसी हैं, जो बाकी सबको चौंका रही हैं. बाकी सब सामान्य हिरण, लोमड़ी या पक्षी की तस्वीरें हैं. लेकिन, ये रोशनी तो बिल्कुल अजीब!
दूर से शुरू होकर कैमरे के सामने खत्म
प्रोजेक्ट के लीडर बायोलॉजिस्ट एलेक्जेंड्रो ने इसी साल एक पॉडकास्ट में बताया, ‘यह कैमरा एक मैदान के किनारे पर लगाया गया था, जो किसी सड़क से काफी दूर है. सीधे सपाट आसमान की ओर देख रहा था. अचानक कुछ रोशनी दिखीं, जो हम समझ नहीं पा रहे. ये रोशनी पहले दूर से शुरू हुईं, फिर कैमरे की ओर आईं और ठीक सामने रुक गईं, जैसे नीचे उतर रही हों. कैमरा तो चकाचौंध हो गया!‘ उनके साथी रोड्रिगो ब्रावो ने इन तस्वीरों को कई जगह भेजा. जैसे कि चिली की सिविल एविएशन अथॉरिटी (SEFAA) से लेकर ला सेरेना UFO म्यूजियम तक और उन लोगों तक जो हवा में होने वाली अजीब घटनाओं (UAP) का अध्ययन करते हैं. लेकिन कुछ भी पता ना चला.
अनुमान! मकड़ी है शायद
सबकी हैरानी एक ही थी, मगर कोई ठोस जवाब नहीं मिला. कुछ ने कहा शायद कोई मकड़ी या कीड़ा कैमरे के लेंस के बहुत करीब आ गया हो, क्योंकि पहली तस्वीर के किनारे पर कुछ ऐसा दिख रहा है. लेकिन, अगली दो तस्वीरों में वो कीड़ा गायब है. फिर किसी ने ‘प्लाज्मॉइड‘ का नाम लिया. ये एक तरह का प्लाज्मा है, जो प्रकृति में बहुत कम दिखता है. हो सकता है ये बॉल लाइटनिंग जैसी कोई चीज हो. लेकिन कुछ भी पक्का नहीं है. एक रिपोर्ट में ला सेरेना UFO म्यूजियम के टेक्नीशियन ने कहा कि शायद कोई स्पाइडर या मॉथ ने सेंसर को ट्रिगर कर दिया, लेकिन वो तो सिर्फ फोटो लेने का कारण बता सकता है, न कि इस चमकदार, गोले जैसी रोशनी का.
बैड लाइट्स
मजेदार बात तो ये है कि स्थानीय मापुचे आदिवासी समुदाय इन रोशनी को ‘बैड लाइट्स‘ कहते हैं. उनकी मान्यता है कि ये खेतों में भटकने वाली आत्माएं या बुरी आत्माएं हैं. पैटागोनिया में सदियों से ऐसी कहानियां सुनाई जाती हैं, लेकिन पहली बार कोई कैमरा ट्रैप ने इसे कैद किया हो. तो क्या ये वाकई वही ‘बैड लाइट्स‘ हैं? अगर हां, तो ये क्या हैं. कोई अज्ञात हवाई घटना (UAP) या रहस्यमयी उड़न तश्तरी? पेंटागन के कुछ डीक्लासिफाइड फाइल्स में ऐसी ही रोशनी दिखी हैं. आमतौर पर UAP की खराब क्वालिटी वाली तस्वीरें स्पष्ट नहीं होतीं, लेकिन वजहें बताई जाती हैं जैसे विदेशी जासूसी ड्रोन, पक्षी या मौसम के गुब्बारे.
रहस्य सुलाझाने में लगे वैज्ञानिक
UMAG ने तस्वीरें फ्रेडी एलेक्सिस को भी भेजीं, जो चिली के कैथोलिक यूनिवर्सिटी के टीवी चैनल UCVTV पर UFO और अजीब घटनाओं पर कार्यक्रम चलाते हैं. ब्रावो ने कहा, ‘ये UAP हो सकती हैं, लेकिन क्वालिटी खराब होने से पक्का कुछ नहीं कह सकते.’ उन्होंने जोर दिया कि वैज्ञानिक दृष्टि से ये प्रकृति का कोई रहस्य हो सकता है, जिसे समझना ही असली विज्ञान है.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
और पढ़ें
First Published :
September 14, 2025, 14:25 IST