Last Updated:November 20, 2025, 11:39 IST
एयर इंडिया के प्रपोजल पर बात बनी तो भारतीय कैरियर्स को सैकड़ों मिलियन डॉलर का फायदा तो होगा ही, साथ ही पाकिस्तान का दिमाग भी ठिकाने लग जाएगा. क्या है पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें आगे...
Xinjiang Military Airspace & Air India: एयर इंडिया ने जैसा सोचा है, यदि वैसा ही हुआ, तो ऑपरेशन सिंदूर के बाद हवाई रास्ते पर लगा एक बड़ा रोड़ा तो हट ही जायेगा, साथ ही पाकिस्तान का बचा खुचा गुरुर भी घुटनों पर आ जायेगा. दरअसल, एयर इंडिया ने शिनजियांग एयर स्पेस को लेकर एक प्रपोजल भारत सरकार को भेजा है. शिनजियांग चीन का ऐसा संवेदनशील मिलिट्री एयर स्पेस है, जिसके इस्तेमाल के लिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की इजाजत जरूरी है. एयर इंडिया ने सरकार से गुहार लगाई है कि वह शिनजियांग मिलिट्री एयरस्पेस को लेकर चीन से बातचीत करे.
साथ ही, चीन को इस बात के लिए राजी करे कि वह इस एयरस्पेस को भारतीय एयरक्राफ्ट के लिए उपलब्ध करा दे. यदि ऐसा होता है तो इससे उसके अंतरराष्ट्रीय रूट छोटे होंगे और ट्रावल टाइम भी कम हो जाएगा. एयर इंडिया ने यह मांग ऐसे समय उठाई है, जब भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें पांच साल बाद बहाल होने जा रही हैं. दोनों देशों के बीच यह एयर कनेक्टिविटी 2020 में हिमालयी सीमा पर हुई झड़प के बाद बंद कर दिया गया था. अब जब उड़ानें फिर से शुरू हुई हैं तब एयर इंडिया अपने अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क को मजबूत करने के लिए यह बड़ा कदम उठाया है.
एयर इंडिया पर यह दबाव इसलिए भी बढ़ा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय कैरियर्स के लिए अपना एयरस्पेस बंद कर दिया था. भारतीय कैरियर्स के लिए यह एयर स्पेस क्लोजर अभी तक जारी है. जिसकी वजह से एयर इंडिया की फ्यूल कॉस्ट करीब 29% तक बढ़ गई है. साथ ही, कुछ लंबी दूरी की फ्लाइट्स का ट्रैवल टाइम तीन घंटे तक बढ़ गया है. यदि चीन एयर इंडिया की फ्लाइट्स को शिनजियांग मिलिट्री एयरस्पेस से गुजरने की इजाजत दे देता है तो ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की तरफ से लगाया गया रोडा असरहीन हो जाएगा.
एयर इंडिया ने भारतीय सरकार से अनुरोध किया है कि वह चीन से कूटनीतिक बातचीत करे और उसे शिनजियांग के हॉटान, काशगर और उरुमची एयरपोर्ट को डाइवर्जन की स्थिति में उपयोग करने की अनुमति दिलाए. एयरलाइन का कहना है कि इससे अमेरिका, कनाडा और यूरोप की फ्लाइट्स का ट्रैवल टाइम कम हो जाएगा. एयरलाइन का अनुमान है कि पाकिस्तान एयरस्पेस बंद होने से उसे सालाना 455 मिलियन डॉलर का नुकसान हो रहा है. यह आंकड़ा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2024-25 के वित्त वर्ष में एयरलाइन का कुल घाटा 439 मिलियन डॉलर था. ऐसे में यह नुकसान उसके लिए बड़ी चुनौती बन गया है.
Anoop Kumar MishraAssistant Editor
Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें
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First Published :
November 20, 2025, 11:39 IST

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