Last Updated:July 28, 2025, 20:34 IST
PART TIME JOB IN KASHMIR: जैसे जैसे दुनिया हाई टेक तकनीक विकसित हो रही है. वैसे ही भारत उन सभी को बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर रहा है. फोटे कैमरे ने मोमाईल रील का सफर तय कर लिया. सियाचिन से सैनिक वीडियों कॉल कर ...और पढ़ें

हाइलाइट्स
कश्मीरी युवा मोबाइल रील बनाकर 4-5 हजार रुपये रोज कमा रहे हैं.जोजिला पास पर रील की कीमत टूरिस्ट सीजन में 700-800 रुपये तक होती है.भारत में इंटरनेट और फोन कनेक्टिविटी अब 19,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच गई है.PART TIME JOB IN KASHMIR: पहले समय में जब किसी भी पर्यटन स्थल पर घूमने जाते थे तो हाथों में कैमरा लिए लोग आपसे फोटो खिंचाने के लिए रिक्वेस्ट करते थे. छोटी सी एल्बम लिए पोज दिखाए जाते थे. यह अमूमन हर देश और हर टूरिस्ट डेस्टिनेशन का भी यही हाल है. कारगिल के 26 साल पूरे होने पर हर साल की तरह द्रास वॉर मेमोरियल में भारतीय सेना के वीरों को श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम था. दिल्ली से हम भी सेना के साथ श्रीनगर पहुंचे. इसके आगे का सफर सड़क के जरिए तय करना था. श्रीनगर से द्रास की दूरी लगभग 140 किलोमीटर है. बीच रास्ते में गांदरबल के पास गाड़ी पंचर हो गई. सभी नीचे उतरे और सड़क के साथ बह रही नदी के किनारे खड़े हो गए. तभी दो-तीन कश्मीरी युवा हाथों में मोबाइल लिए आए और उसमें यात्रियों की बनाई गई रील दिखाकर रील बनवाने का आग्रह करने लगे. उनसे जब पूछा कि आखिर कितने में बनती है रील और कितने लोग हैं इस जगह रील बनाने वाले? जवाब था 150 से 200 रुपये में रील बनाते हैं और कई सारे युवा हैं जो इस काम को कर रहे हैं।
जोजिला पास पर बढ़ गई रील की कीमत
गाड़ी का पंचर ठीक हुआ और हमने द्रास की तरफ बढ़ना शुरू किया. द्रास जाने के लिए सबसे खतरनाक और महत्वपूर्ण जोजिला पास से गुजरना होता है. जोजिला के व्यू प्वाइंट पर गाड़ियां रुकीं तो फिर वही हुआ जो गांदरबल में हुआ था. कई सारे युवा हाथों में मोबाइल लिए पास आने लगे और रील दिखाकर रील बनाने की गुजारिश करने लगे. एक युवा जिसने बताया कि वह श्रीनगर में इंजीनियरिंग कर रहा है और पार्ट-टाइम में रील बनाने का काम कर रहा है. हमारा सवाल फिर से वही था. कितने में बनाते हो रील और कितने लोग ये काम कर रहे हैं जोजिला पर? उस युवक ने बताया कि अभी टूरिस्ट सीजन नहीं है तो एक रील का 200 से 250 रुपये तक लिए जाते हैं. सीजन के दौरान एक रील 700 से 800 रुपये दे देते हैं यात्री. सीजन के समय एक दिन में 4 से 5 हजार रुपये रील से कमाते हैं. हालांकि पहलगाम के अटैक के बाद टूरिस्टों का आना कम हो गया था लेकिन अब फिर से आने लगे हैं. युवक ने बताया कि अब यात्रा भी अच्छी चल रही है और लोग आ रहे हैं. हमने एक सवाल और पूछा कि जोजिला को बायपास करने का काम जारी है. टनल जल्द आ जाएगी तब आपका यह पार्ट-टाइम काम तो बंद हो जाएगा? युवक का कहना था कि अच्छा है कि जोजिला टनल बन जाएगी तो हम लोकल लोगों को काफी आसानी रहेगी. और रील बनाने के लिए इसी रूट पर और भी कई सारी जगह हैं जहां यह काम किया जा सकता है. जोजिला से आगे बढ़े तो गुमरी में भी ऐसा ही नजारा दिखा. यह श्रीनगर से कारगिल तक के रास्ते में आम है.
इंटरनेट कम्यूनिकेशन से जुड़ गया पूरा भारत
11000 फीट की ऊंचाई पर सांस आना मुश्किल होता है वहां इंटरनेट आ रहा है. रील बन भी रही है और साथ के साथ डिलीवर भी की जा रही है. वीडियो कॉल से कश्मीर के नजारे घर के लोगों को भी दिखाए जा रहे हैं. कारगिल विजय दिवस समारोह के बाद हम 14200 फीट की ऊंचाई पर स्थित सैंडो टॉप पर भी गए. राहत देने वाली बात तो यह रही कि लैंड कनेक्टिविटी के साथ-साथ फोन कनेक्टिविटी भी जबरदस्त हो गई है. सेना के बेस तक सड़क और फोन पर 4G की कनेक्टिविटी लगातार बनी रही. LoC और LAC पर भारतीय सेना की हर पोस्ट तक सरकार और सेना ने मिलकर इंटरनेट और फोन की सुविधा पहुंचा दी है. पहले कम्यूनिकेशन सबसे बड़ी समस्या हुआ करती थी. कारगिल के युद्ध के बाद से सेना और सरकार ने कम्यूनिकेशन को दुरुस्त करने की मुहिम तेज की. आज सियाचिन की 19,000 फीट की उंचाई पर भी सैनिकों के फोन पर 5G के सिंगनल है.
Location :
Jammu and Kashmir