Last Updated:February 23, 2025, 13:44 IST
क्या आपको मालूम है कि 1947 में बंटवारे के बाद पाकिस्तान क्रिकेट टीम पहली टेस्ट सीरीज खेलने भारत आई तो उसे भारत की मदद की सख्त जरूरत था, तब बीसीसीआई ने उसको इस सीरीज के लिए कितना पैसा दिया था.
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हाइलाइट्स
पाकिस्तान टीम को भारत दौरे के लिए तब के लिहाज से मोटी रकम मिलीBCCI ने पाक टीम के रहने, खाने और यात्रा का खर्च उठायाभारत ने पाकिस्तान को आईसीसी में पहली बार टेस्ट स्तर का दर्जा भी दिलायाभारत और पाकिस्तान के बीच रोमांचक वन-डे क्रिकेट मुकाबले पर सबकी नजरें हैं. क्या आपको मालूम है कि बंटवारे के बाद जब पाकिस्तान क्रिकेट टीम भारत दौरे पर आई तो उसे कितनी रकम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानि बीसीसीआई ने दी थी. इस पैसे ने पाकिस्तान क्रिकेट को बहुत मदद की थी, क्योंकि ना तब उनके पास पैसा था और ना ही क्रिकेट के जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर. एक बात और अगर भारत नहीं होता तो पाकिस्तान को टेस्ट स्तर का दर्जा पाने वाला देश बनने में भी काफी समय लग जाता.
कहा जा सकता है कि पाकिस्तान की क्रिकेट आज जहां कहीं भी है, उसमें भारत और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अलावा तत्कालीन जवाहर लाल नेहरू सरकार का बड़ा योगदान था. पाकिस्तान टीम को तब भारत दौरे के लिए कितने पैसे मिले थे. उसका होटल से लेकर खाने और यात्रा का खर्चा किसने वहन किया था, ये जानना दिलचस्प है.
दो किताबें इस संबंध में काफी जानकारी देती हैं. ये हैं ‘ए हिस्ट्री ऑफ क्रिकेट इन पाकिस्तान’ (A History of Cricket in Pakistan), जिसे उमर नोमन ने लिखा. इस किताब में पाकिस्तानी क्रिकेट के शुरुआती दिनों और 1952 के भारत दौरे का विस्तार से वर्णन है. इसमें बताया गया कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने पाकिस्तानी टीम के खर्चों को कवर करने में कैसे मदद की थी.
अक्टूबर 1952 में भारत और पाकिस्तान के बीच खेली गई पहली क्रिकेट सीरीज में भारत के कप्तान लाला अमरनाथ (दाएं) और पाकिस्तान के कप्तान हफीज कारदार राष्ट्रपति भवन में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद से मिलने गए. (TWITTER )
दूसरी किताब शहरयार खान की लिखी है, जो भोपाल के नवाब परिवार से ताल्लुक रखते थे लेकिन बंटवारे के बाद मां के साथ पाकिस्तान चले गए. वहां भी वह बड़े बड़े पदों पर रहे. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष भी बने. उन्होंने किताब लिखी ‘द क्रिकेट कॉलड्रन-द टब्रुलेंट पॉलिटिक्स ऑफ स्पोर्ट इन पाकिस्तान’ (The Cricket Cauldron: The Turbulent Politics of Sport in Pakistan) इसमें भी पाकिस्तानी क्रिकेट के इतिहास और उसके शुरुआती वित्तीय संघर्षों का जिक्र है.
तब कितने पैसे मिले पाकिस्तान टीम को
1952 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम अब्दुल हफीज कारगर की कप्तानी में भारत आई. तब इस टीम के भारत दौरे के लिए वित्तीय व्यवस्था उस दौर के मानकों के अनुसार काफी साधारण थी. क्रिकेट में आज की तरह स्पॉन्सरशिप और प्रसारण अधिकारों का दौर नहीं था, इसलिए दोनों बोर्ड्स (BCCI और BCCP) ने आपसी सहमति से खर्चों का बंटवारा किया.
बीसीसीआई ने उठाया रहने, खाने और यात्रा का खर्चा
भारत दौरे पर आई पाकिस्तान टीम के आवास, यात्रा, भोजन और सुरक्षा का पूरा खर्च भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने उठाया. मैचों से हुई गेट मनी (टिकट बिक्री से कमाई) का एक हिस्सा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (BCCP) को दिया गया. भारत-पाकिस्तान मैचों को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी थी, जिससे टिकट बिक्री से अच्छी कमाई हुई. BCCI ने तय किया था कि कुल कमाई का एक हिस्सा पाकिस्तान बोर्ड को दिया जाएगा ताकि उनके खिलाड़ियों और स्टाफ का भत्ता कवर हो सके.
वर्ष 1952 में पाकिस्तान की क्रिकेट टीम अपनी पहली इंटरनेशनल सीरीज खेलने भारत आई. सीरीज में पाकिस्तान कप्तान हफीज कारगर और भारतीय टीम के कप्तान लाला अमरनाथ साथ साथ,. (FILE PHOTO)
डेली अलाउंस भी भारत ने दिया
पाकिस्तानी खिलाड़ियों को भारत में खेलने के लिए प्रति दिन भत्ता (डेली अलाउंस) भी दिया गया, जो कि BCCI की जिम्मेदारी थी. आमतौर पर खिलाड़ियों को प्रति दिन ₹10 से ₹15 का भत्ता और प्रति टेस्ट मैच ₹250 से ₹500 के बीच भुगतान किया गया.
भारत ने इस तरह भी की पाकिस्तान की मदद
पाकिस्तान टीम को भारत आने और खेलने के लिए भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने तब के लिहाज से मोटी रकम दी थी. इससे पहले आपको ये बता दें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड 1949 में बना. लेकिन इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल में तब कोई देश पाकिस्तान को टेस्ट का दर्जा देने में मदद नहीं कर रहा था. तब भारत, जिसे पहले से टेस्ट स्टेट्स हासिल था, उसने 1952 में पाकिस्तान को टेस्ट स्तर की टीम की दर्जा दिलाया, जो तब से चला आ रहा है.
दौरे के लिए ये रकम पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को मिली
हालांकि उस समय की सटीक राशि का विवरण आधिकारिक रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन कुछ ऐतिहासिक स्रोतों और रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी टीम को भारत के पूरे दौरे के लिए करीब 3 लाख रुपये दिए गए थे. हालांकि कुछ रिपोर्ट्स ये भी कहती हैं कि BCCI ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को इस दौरे के बाद करीब ₹1.5 लाख से ₹2 लाख का भुगतान किया था. उस समय के लिए यह बहुत बड़ी रकम थी.
पाकिस्तान ने 5 टेस्ट मैच खेले
पाकिस्तान की टीम ने अक्टूबर-नवंबर 1952 में भारत का दौरा किया. तब उसने यहां 5 टेस्ट मैच खेले. भारत ने ना केवल पाकिस्तान को टेस्ट स्तर दर्जा दिलाया बल्कि उसकी पहली सीरीज के लिए खुद अपने देश में इसकी व्यवस्था की. यह दौरा पाकिस्तान के लिए ऐतिहासिक था, क्योंकि यह उनका पहला अंतरराष्ट्रीय टेस्ट सीरीज थी.
1952 के दौरान द टाइम्स ऑफ इंडिया, द डॉन (पाकिस्तान) और द हिंदू जैसे अखबारों में पाकिस्तानी टीम के भारत दौरे और उससे जुड़ी वित्तीय व्यवस्था के बारे में रिपोर्ट्स छपी थीं. इन रिपोर्ट्स में बताया गया था कि भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने पाकिस्तानी टीम के खर्चों को कवर किया था. और उसे दौरे के लिए बड़ी रकम भी दी.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के ऐतिहासिक रिकॉर्ड में पाकिस्तान के 1952 के दौरे का उल्लेख मिलता है. क्रिकेट इतिहासकारों जैसे रामचंद्र गुहा ने अपनी किताब “A Corner of a Foreign Field” में भारत-पाकिस्तान क्रिकेट संबंधों का विस्तार से वर्णन करते हुए इसका जिक्र किया.
पाकिस्तान बोर्ड के पास तब फंड की कमी थी
तब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (BCCP) नया नया बना. उनके पास फंड की भारी कमी थी. कप्तान अब्दुल हफीज़ कारदार ने भी बाद में कहा था कि भारत ने दौरे को सफल बनाने में काफी सहयोग दिया. हालांकि तब भी बंटवारे के जख्म भरे नहीं थे. भारतीय दर्शकों ने पाकिस्तान टीम को मिश्रित प्रतिक्रियाएं दीं—कुछ ने स्वागत किया तो कुछ जगहों पर तनाव भी देखा गया.
किस तरह के होटलों में ठहरी पाकिस्तानी टीम
पाकिस्तान टीम को दिल्ली में ठहराने के लिए मौर्या होटल जैसी बड़ी जगहें उस समय उपलब्ध नहीं थीं, इसलिए उन्हें पुराने प्रतिष्ठित होटलों में ठहराया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम को मेडन होटल या दिल्ली के अन्य ब्रिटिश काल के होटलों में ठहराया गया. सुरक्षा के लिहाज से खिलाड़ियों को विशेष निगरानी में रखा गया.
पाकिस्तान टीम को एक विशेष ट्रेन भारत लाई
तब पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने भारत दौरे के दौरान अधिकतर यात्रा ट्रेन से ही की थी. पाकिस्तान टीम ने लाहौर से दिल्ली तक ट्रेन से यात्रा की थी. उस समय समझौता एक्सप्रेस जैसी कोई ट्रेन नहीं थी, लेकिन खास इंतजाम कर सीमापार एक विशेष ट्रेन चलाई गई. वाघा बॉर्डर पर इमिग्रेशन और सुरक्षा जांच के बाद टीम भारत में दाखिल हुई.
भारतीय रेलवे ने की ये व्यवस्था
पाकिस्तान टीम ने दिल्ली, लखनऊ, मद्रास (अब चेन्नई), बॉम्बे (अब मुंबई) और कोलकाता जैसे शहरों में टेस्ट मैच खेले. खिलाड़ियों के लिए विशेष डिब्बे (स्लीपर या फर्स्ट क्लास) बुक किए गए थे ताकि उन्हें आराम मिल सके. रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा बढ़ाई गई.
Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
February 23, 2025, 13:44 IST