जबरदस्त हरियाली, बारिश, शेर, तेंदुआ और भेड़िये... कभी ऐसा होता था अरब, कैसे बना रेगिस्तान?

1 month ago

Arabia before 400 Years ago: आज जो अब इलाके रेगिस्तान से भरे पड़े हैं, वो कभी जबरदस्त हरियाली वाले हुआ करते थे, यहां तक कि इन इलाकों में शेर, तेंदुए और भेड़िये जैसे खतरनाक जानवर भी रहा करते. यह खुलासा हाल ही में की गई एक रिसर्च में हुआ है. एक नए अध्ययन में सामने आया है कि आज से लगभग 400 साल पहले यहां बारिश वर्तमान की तुलना में पांच गुना ज्यादा थी. इस खोज से यह साफ होता है कि जैसे-जैसे शहरीकरण बढ़ रहा है, इस इलाके को जलवायु परिवर्तन और खतरनाक मौसम की घटनाओं के लिए तैयार रहने की आवश्यकता है.  

रिसर्च में क्या सामने आया?

मियामी यूनिवर्सिटी के रोसेनस्टिएल स्कूल ऑफ मरीन, एटमॉस्फेरिक एंड अर्थ साइंस के वैज्ञानिकों के ज़रिए की गई रिसर्च से यह पता चला है कि पिछले 2000 वर्षों में अरब देश कहीं ज्यादा आर्द्र (नमी युक्त) था. तब यहां का वातावरण आज के शुष्क रेगिस्तान जैसा नहीं था, बल्कि यह एक हरी-भरी घास वाला जगह (सवाना जैसा) था. यहां पर शेर, तेंदुए और भेड़िये जैसे जंगली जानवर घूमते थे.

क्या बोले रिसर्च के मुख्य प्रोफेसर?

रिसर्च के मुख्य लेखक प्रोफेसर सैम पर्किस के मुताबिक,'जैसे-जैसे सऊदी अरब में नियॉम (NEOM) जैसे बड़े परियोजनाएं चल रही हैं, यह जरूरी हो जाता है कि जलवायु से जुड़ी तैयारियों को मजबूत किया जाए. अरब में खतरनाक मौसम की घटनाओं का खतरा बढ़ता जा रहा है, इसलिए हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कदम उठाने चाहिए.'

कैसे की गई यह खोज?

वैज्ञानिकों ने 'ओशन एक्सप्लोरर' नामक अनुसंधान पोत (Research Vessel) की मदद से एक मील से ज्यादा गहराई में यंत्र भेजा. यह यंत्र खाड़ी-ए-अकाबा (Gulf of Aqaba) में मौजूद एक गहरे समुद्री नमकीन पानी के तालाब से तलछट के नमूने लेकर आया. इस नमकीन पानी की खासियत यह है कि यह तलछट की परतों को बिना किसी गड़बड़ी के सुरक्षित रखता है, जिससे वैज्ञानिकों को पिछले हजारों वर्षों की बारिश का सटीक रिकॉर्ड मिला. 

पहले ही परेशानियों से जूझ रहा है मिडिल ईस्ट

मध्य पूर्व पहले से ही जलवायु संकट का हॉटस्पॉट माना जाता है. अरब इलाकों में हाल के वर्षों में ज्यादा बारिश और अचानक आने वाली बाढ़ (flash floods) में काफी इजाफा हुआ है. ठंड में होने वाली भारी बारिश की वजह से अरब इलाकों में बाढ़ और मानवीय संकट खड़े हो रहे हैं, वहीं गर्मियों में जबरदस्त सूखा देखने को मिलता है.  

आफतों से बचने के लिए ज्यादा रिसर्च जरूरी

2024 की सर्दियों में अरब प्रायद्वीप में आई विनाशकारी बाढ़ इस बात का सबूत हैं कि चरम मौसम की घटनाएं कितनी खतरनाक हो सकती हैं. इस वजह से वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य की जलवायु और बारिश के रुझानों को समझने और कुदरती आफतों से बचने के लिए ज्यादा रिसर्च किए जाने चाहिए.

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