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जवाहरलाल नेहरू मेरे सपने में आए थे... राहुल गांधी से ये क्यों बोलना चाहते हैं इंजीनियर राशिद?
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां चरम पर है. इस बीच लोकसभा के लिए निर्दलीय निर्वाचित इंजीनियर राशिद की तिहाड़ जेल से रिहाई के बाद सरगर्मियां और बढ़ गई है. इंजीनियर राशिद पर टेरर फंडिंग का आरोप है. वह बारामूला लोकसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं लेकिन, उन्होंने अभी तक लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ नहीं ली है. शपथ लेने के लिए उनको जेल से रिहा नहीं किया गया था. अब जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के बीच उनको जमानत मिली है.
इंजीनियर राशिद जम्मू-कश्मीर में चुनाव के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और महबूबा मुफ्ती पर हमलावर हैं. साथ ही वह भाजपा की भी आलोचना कर रहे हैं. इस वक्त इंजीनियर राशिद पूरे चुनाव अभियान के केंद्र में हैं. उनकी रिहाई की टाइमिंग को भी सवाल उठाए जा रहे हैं.
इस बीच इंजीनियर राशिद ने एक ताजा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें संसद में बोलने का मौका मिलता तो वह राहुल गांधी से कहते कि मुझे पंडित नेहरू सपने में आए थे. उन्होंने कहा कि उन्होंने नए कश्मीरियों के साथ वादा किया था.
कश्मीर में नेहरू
इंजीनियर राशिद के इस बयान से कश्मीर के चुनाव में एक बार फिर पंडित नेहरू का नाम आ गया है. पाकिस्तान के साथ कश्मीर को लेकर विवाद में पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू की भूमिका को लेकर काफी सवाल किए जाते हैं.
देश का एक दक्षिणपंथी धड़ा मानता है कि नेहरू की वजह से पाकिस्तान कश्मीर के एक हिस्से पर कब्जा करने में कामयाब हो गया. क्योंकि उन्होंने 1948 में कश्मीर में जारी जंग के बीच संयुक्त राष्ट्र में जाकर संघर्ष विराम की घोषणा कर दी. उसके बाद कश्मीर के एक हिस्से पर पाकिस्तान कब्जा जमाकर बैठा रहा.
कश्मीर में चुनाव प्रचार के दौरान इंजीनियर राशिद की ओर से पंडित नेहरू का नाम लिए जाने को उनकी रणनीति का हिस्सा माना जा रह है. कश्मीर की जनता में पंडित नेहरू की एक खास छवि है. ऐसे में वह नेहरू की कश्मीर नीति और मौजूदा कांग्रेस की नीति को अलग-अलग बता रहे हैं. वह जनता में यह संदेश देना चाहते हैं कि कश्मीर की मौजूदा समस्याओं के लिए अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार के साथ मौजूदा कांग्रेस की भी हद तक जिम्मेदार है.
Tags: Assembly elections, Jammu kashmir election 2024
FIRST PUBLISHED :
September 12, 2024, 17:38 IST