Last Updated:September 15, 2025, 18:09 IST
सुप्रीम कोर्ट की SIT ने वंतारा जूलॉजिकल रेस्क्यू सेंटर को क्लीन चिट दी, जस्ती चेलमेश्वर की अध्यक्षता में जांच हुई, कानूनों के पालन पर संतोष जताया गया.

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बताया कि गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा जूलॉजिकल रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने अपनी रिपोर्ट में वंतारा को क्लीन चिट दी है. सुप्रीम कोर्ट ने 25 अगस्त को SIT बनाई थी. इसका मकसद था यह देखना कि वंतारा में कानूनों का पालन हुआ या नहीं और भारत और विदेश से जानवरों खासकर हाथियों की खरीद नियमों के मुताबिक हुई या नहीं. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच में शामिल अधिकारियों ने वंतारा की व्यवस्था को लेकर संतोष जताया है.
सुप्रीम कोर्ट की SIT में कौन-कौन शामिल थे?
सुप्रीम कोर्ट ने यह SIT दो जनहित याचिकाओं की सुनवाई के दौरान बनाई थी. आरोप था कि वंतारा में कई गड़बड़ियां हुई हैं. यह आरोप मीडिया रिपोर्ट्स, सोशल मीडिया और एनजीओ की शिकायतों पर आधारित थे. SIT की अध्यक्षता पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्ती चेलमेश्वर ने की. इसमें पूर्व उत्तराखंड और तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस राघवेंद्र चौहान, पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर हेमंत नागराले, और एडिशनल कस्टम्स कमिश्नर अनीश गुप्ता भी शामिल थे.
एसआईटी ने तीन दिन वंतारा में बिताए और फिर सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट सौंपी. इस दौरान उसने सवालों की एक लंबी सूची भेजी थी, जिनमें वित्तीय लेन-देन, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जानवरों की खरीद, वाइल्डलाइफ और जू कानूनों का पालन, जानवरों की देखभाल का स्तर और इंटर-स्टेट व इंटरनेशनल ट्रांसफर की प्रक्रिया शामिल थी. खबरों के मुताबिक, SIT ने जांच में 16 अन्य एजेंसियों की भी मदद ली और हाथियों समेत अन्य प्रजातियों के ट्रांसफर को लेकर वन विभाग और वाइल्डलाइफ अधिकारियों से भी पूछताछ की.
जस्टिस जस्ती चेलमेश्वर कौन हैं?
जन्म: 23 जून 1953, आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में.
पढ़ाई: मछलीपट्टनम के हिंदू हाई स्कूल से बारहवीं तक की पढ़ाई, फिर चेन्नई के लोयोला कॉलेज से फिजिक्स में स्नातक: 1976 में आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापट्टनम से लॉ की डिग्री.
1995 में वरिष्ठ अधिवक्ता बने और उसी साल आंध्र प्रदेश के एडिशनल एडवोकेट जनरल नियुक्त हुए.
1997 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज बने और 1999 में स्थायी जज.
2007 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, 2010 में केरल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने.
2011 में सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए और 2018 में रिटायर हुए.
जस्टिस चेलमेश्वर के अहम फैसले
आईटी एक्ट: वे उस बेंच का हिस्सा थे जिसने IT एक्ट की धारा 66A को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह धारा संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है.
आधार और प्राइवेसी: वे उस पीठ में शामिल थे जिसने कहा कि सरकारी सब्सिडी और अन्य सेवाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं है.
NJAC एक्ट और कोलेजियम सिस्टम: 2015 में NJAC एक्ट पर 5 जजों की बेंच का हिस्सा थे. 4:1 के फैसले में वे अकेले असहमत रहे. उन्होंने मौजूदा कोलेजियम सिस्टम को “अस्पष्ट और जनता व इतिहास दोनों से दूर” बताया और NJAC का समर्थन किया.
CJI के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस: 2017 में न्यायिक भ्रष्टाचार के एक मामले को लेकर उस समय के CJI से टकराव हुआ. इसके बाद वे चार वरिष्ठ जजों में शामिल थे जिन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केस अलॉटमेंट की प्रक्रिया पर सवाल उठाए. उनके साथ जस्टिस रंजन गोगोई, मदन बी. लोकुर और कुरियन जोसेफ भी थे.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
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Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
September 15, 2025, 18:09 IST