Brazil Jesus Statue Name: जी20 देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रियो डी जेनेरियो पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत हुआ. 2 दिन की इस यात्रा में वे 18 और 19 नवंबर को 19वें जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. पीएम मोदी 3 देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में ब्राजील पहुंचे हैं. प्राकृतिक सौंदर्य से लबरेज ब्राजील यहां होने वाले मशहूर कार्निवाल, अपनी फुटबॉल टीम के अलावा एक बेहद अहम चीज के लिए भी फेमस है, वो है यहां की पहाड़ी पर बनी ईसा मसीह की बेजोड़ विशालकाय प्रतिमा, जिसमें प्रभु ईशू ने अपने दोनों हाथ फैलाए हुए हैं और शांति का संदेश दे रहे हैं. इस प्रतिमा का नाम है क्राइस्ट द रिडीमर और दुनिया के कोने-कोने से लोग इसे देखने के लिए आते हैं.
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1850 में पहली बार आया था विचार
ईसाई धर्म के प्रतीक के रूप में ईसा मसीह की यह प्रतिमा बनाने का विचार पहली बार 1850 के दशक में आया था. तब कैथोलिक पादरी पेड्रो मारिया बॉस ने कोर्कोवाडो की चोटी पर ईसा मसीह की विशाल प्रतिमा खड़ी करने के लिए राजकुमारी ईसाबेल से धन देने का आग्रह किया था, लेकिन ईसाबेल ने इस विचार पर ध्यान नहीं दिया. फिर 1921 में पर्वत पर एक अभूतपूर्व प्रतिमा स्थापित करने का दूसरा प्रस्ताव रियो के कैथोलिक सर्कल द्वारा लाया गया. इस बार इस प्रतिमा के निर्माण के लिए लोगों का भरपूर समर्थन और पैसा मिल गया.
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मूर्ति के शीर्ष पर लगाई गई हैं छोटी-छोटी कीलें
जब ईसा मसीह की प्रतिमा लगाने के लिए जरूरी धन इकट्ठा हो गया तो बारी आई इसके लिए डिजाइन चुनने की. तब चुने गए डिजाइनों में ईसाई धर्म का प्रतिनिधित्व करने वाले क्रॉस, अपने हाथ में पृथ्वी को लिए ईसा मसीह की मूर्ति आदि शामिल थे. अंतत: खुली बाहों के साथ क्राइस्ट द रिडीमर की प्रतिमा को चुना गया. यह शांति का एक प्रतीक भी है. फिर इस प्रतिमा का निर्माण शुरू हुआ और इसे स्थापित किया गया.
9.5 मीटर (31 फीट) के आधार सहित 39.6 मीटर (130 फीट) लंबी और 30 मीटर (98 फीट) चौड़ी है. इसका वजन 635 टन (700 शॉर्ट टन) है. तिजुका फोरेस्ट नेशनल पार्क में कोर्कोवाडो पर्वत की चोटी पर स्थित इस जगह से पूरा शहर दिखाई पड़ता है. वहीं पक्षियों को मूर्ति पर बैठने से रोकने के लिए प्रतिमा के शीर्ष पर छोटी-छोटी कीलें भी लगाई गयी हैं.
पीएम मोदी की होगी बाइडेन-जिनपिंग से मुलाकात
रियो डी जेनेरियो में 18 व 19 नवंबर को होने वाले सम्मेलन में पीएम मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन शामिल होंगे. इसके बाद पीएम मोदी 19 नवंबर को गुयाना पहुंचेंगे. खास बात ये है कि बीते 50 वर्षों में गुयाना जाने वाले वे पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. बता दें कि पिछले साल भारत की अध्यक्षता में जी20 सम्मेलन का सफल आयोजन हुआ था.