जाको राखे साइयां... अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जिंदा बचे विश्वाश कुमार रमेश

21 hours ago

Last Updated:June 12, 2025, 19:39 IST

Ahmedabad Plane Crash Survivor: अहमदाबाद विमान हादसे में 40 वर्षीय विश्वाश कुमार रमेश चमत्कारिक रूप से जीवित बचे, जबकि 242 यात्रियों में से वे इकलौते हैं जो अस्पताल में हैं. उन्होंने कहा कि जब आंख खुली, तो चारो...और पढ़ें

जाको राखे साइयां... अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जिंदा बचे विश्वाश कुमार रमेश

रमेश अहमदाबाद में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे में चमत्कारिक रूप से जिंदा बच गए हैं.

हाइलाइट्स

विश्वाश कुमार रमेश अहमदाबाद प्लेन क्रैश में जीवित बचे.हादसे में 242 यात्रियों में से केवल विश्वाश अस्पताल में हैं.विश्वाश के भाई अजय का अब तक कोई पता नहीं चला.

Ahmedabad Plane Crash Survivor: “जब आंख खुली, तो चारों ओर लाशें ही लाशें थीं… मैं डर गया. खड़ा हुआ और बस दौड़ने लगा…” ये शब्द हैं 40 वर्षीय विश्वाश कुमार रमेश के हैं. रमेश अहमदाबाद में गुरुवार को हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे में चमत्कारिक रूप से जिंदा बच गए हैं. लंदन जाने वाली फ्लाइट में सवार 242 लोगों में वे इकलौते हैं जो इस समय अस्पताल में जीवित पाए गए हैं.

विश्वाश ने बताया, “टेकऑफ के करीब 30 सेकंड बाद जोरदार आवाज आई और फिर विमान ज़मीन से टकरा गया. सब कुछ इतना तेज़ हुआ कि समझने का मौका ही नहीं मिला.” उनके सीने, आंखों और पैरों में गंभीर चोटें हैं. लेकिन वे होश में हैं और बात कर पा रहे हैं. अहमदाबाद के सिविल अस्पताल, असारवा के जनरल वार्ड में जब पत्रकारों ने उनसे बात की तो वे कांपते शब्दों में हादसे का मंजर बयां कर रहे थे.

भाई साथ थे, अब नहीं मिल रहे
रमेश कुमार विश्वाश ब्रिटिश नागरिक हैं और पिछले कुछ दिनों से भारत में अपने परिवार से मिलने आए थे. वे अपने भाई अजय कुमार रमेश (45) के साथ लंदन लौट रहे थे. लेकिन अब अजय का कोई पता नहीं चल पा रहा है.

हम दीव घूमने गए थे. अजय मेरे साथ था, लेकिन वह फ्लाइट में अलग सीट पर बैठा था. अब उसका कोई अता-पता नहीं. कृपया मेरी मदद कीजिए.

हादसे की कहानी
यह फ्लाइट लंदन जा रही थी और गुरुवार दोपहर 1:38 बजे टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद अहमदाबाद में क्रैश हो गई. विमान में सवार 230 यात्रियों में से 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई यात्री थे. हादसे के बाद जब विश्वाश कुमार रमेश को होश आया तो आसपास विमान के टुकड़े और बिखरे शव पड़े थे. किसी ने उन्हें उठाकर एंबुलेंस में डाला और अस्पताल पहुंचाया. उनके पास अब भी अपना बोर्डिंग पास मौजूद है. वे एकमात्र गवाह हैं उस भयावह हादसे के.

अस्पताल में मातम
अहमदाबाद सिविल अस्पताल में परिजन अपने रिश्तेदारों की तलाश में इधर-उधर भटकते दिखे. उन्हीं में से एक थे पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के सहयोगी शैलेश मंडलिया. उन्होंने कहा-

“हम रूपाणी साहब को ढूंढ रहे हैं. अगर आपको कोई जानकारी मिले तो कृपया बताएं.”

इस हादसे में विश्वाश का बच जाना किसी चमत्कार से कम नहीं. उनकी कहानी बताती है कि किस तरह कुछ सेकंड्स में जिंदगी और मौत के बीच फर्क तय हो जाता है.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

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