Last Updated:September 15, 2025, 18:15 IST
भरतपुर की मंडियों में अगस्त-सितंबर में ही मिलने वाली फूट ककड़ी स्वाद और सेहत दोनों का संगम है. बरसात के पानी में पैदा होने वाली यह ककड़ी सिर्फ एक महीने के लिए ही बाजार में आती है और लोगों की पहली पसंद बन जाती है.

भरतपुर. बरसात के मौसम में भरतपुर की मंडियों और बाजारों में एक ऐसा फल नजर आने लगता है, जिसका इंतजार लोग पूरे साल भर करते हैं. इस फल का नाम फूट ककड़ी है. खेतों में बाजरे की फसल के साथ उगने वाली यह फूट ककड़ी स्वाद और सेहत दोनों के लिहाज से खास मानी जाती है.
इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सिर्फ अगस्त से सितंबर तक, यानी करीब एक से डेढ़ महीने के लिए ही बाजारों में मिलती है. यही वजह है कि लोग इसे बड़े चाव से खरीदते और खाते हैं. फूट ककड़ी को लोग सामान्य तौर पर नमक और नींबू डालकर खाते हैं, ऐसा करने पर इसका स्वाद और भी लाजवाब हो जाता है.
इसे बूरे के साथ खाने का भी खास रिवाज
भरतपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में तो इसे बूरे के साथ खाने का भी खास रिवाज है. बरसात के पानी से खेतों में पैदा होने वाली यह फूट ककड़ी ताजगी से भरपूर होती है और खाने के बाद शरीर को ठंडक पहुंचाती है. इसका महत्व सिर्फ स्वाद तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद मानी जाती है. ग्रामीणों के अनुसार फूट ककड़ी का सेवन पेट की समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और पाचन तंत्र को दुरुस्त बनाए रखता है. यही कारण है कि हर साल अगस्त-सितंबर में जैसे ही यह बाजार में आती है, इसकी मांग अचानक बढ़ जाती है.
बड़े पैमाने पर करते हैं किसान इसकी खेती
भरतपुर के उच्चेन क्षेत्र में किसान इसकी खेती बड़े पैमाने पर करते हैं। यहां से यह आसपास के गांवों, कस्बों और भरतपुर मंडी तक पहुंचाई जाती है. सीमित समय तक उपलब्ध होने के कारण इसका भाव 50 से 60 रुपए प्रति किलो तक पहुंच जाता है. किसानों का कहना है कि यह फूट ककड़ी बरसात के पानी और प्राकृतिक वातावरण में ही बेहतर ढंग से पनपती है. इसलिए इसकी खेती सालभर संभव नहीं हो पाती. यही वजह है कि यह केवल सीमित समय के लिए ही उपलब्ध हो पाती है और लोगों के लिए एक मौसमी खास व्यंजन बन जाती है. खास बात यह है कि फूट ककड़ी खाने वालों का मानना है कि इसके स्वाद में ताजगी का ऐसा संगम है, जो किसी और फल या सब्ज़ी में नहीं मिलता.
Location :
Bharatpur,Rajasthan
First Published :
September 15, 2025, 18:15 IST