Last Updated:September 02, 2025, 12:17 IST
सभी अमेरिकी अखबारों और मीडिया में चीन, रूस और भारत के राष्ट्र प्रमुखों की मुलाकात छाई हुई है. इसे वहां खूब प्रमुखता दी गई है. इसके बाद ट्रंप की नीतियों की आलोचना भी की जा रही है.

तकरीबन पूरी अमेरिकी मीडिया ने व्लादिमीर पुतिन, शी चिनपिंग और नरेंद्र मोदी की मुलाकात को प्रमुखता से कवर किया है. अखबारों से लेकर टीवी तक इस मुलाकात की खबर ही छाई हुई है. इस मुलाकात पर पर्याप्त तवज्जो देते हुए अमेरिकी मीडिया ने शी, पुतिन और मोदी की बैठक के बहाने ट्रंप की नीतियों और फैसलों को काफ़ी आलोचना के साथ कवर किया है, खासकर उनकी टैरिफ और विदेश नीति को लेकर.
फॉक्स न्यूज ने ट्रंप की भारी टैरिफ नीति को बुली करने वाला बताया है. इस बैठक को ट्रंप की एकतरफा नीतियों के खिलाफ भारत, रूस और चीन की प्रतिक्रिया के रूप में पेश किया है. उसने मोदी की चीन यात्रा और पुतिन-शी से मुलाकात को सीधे ट्रंप से जुड़े व्यापार विवाद के संदर्भ में रिपोर्ट किया.
सबने कहा – ट्रंप की नीतियां जिम्मेदार
टाइम मैगजीन सहित कई आउटलेट्स ने लिखा कि ट्रंप की टैरिफ नीति से भारत और चीन दोनों नाराज़ हैं. इससे अमेरिका का वैश्विक प्रभाव कमज़ोर पड़ा है. न्यूजवीक ने रिपोर्ट किया कि ट्रंप की टैरिफ और रूस-चीन भारत की दोस्ती, अमेरिकी दबाव की प्रतिक्रिया है. ट्रंप ने खुलेआम स्वीकार किया कि उनका रवैया भारत के साथ व्यापार संबंधों को बिगाड़ रहा है. सीएनबीसी जैसे चैनलों ने भी ट्रंप की नीतियों के चलते अमेरिका के व्यापारिक रिश्तों में उत्पन्न तनाव और नई वैश्विक ब्लॉकिंग को हाईलाइट किया.
SCO समिट की मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की तस्वीर ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी. (फोटो AP)
ये अमेरिका के लिए कूटनीतिक झटका
ट्रंप ने सोशल मीडिया पर खुद भी प्रतिक्रिया दी, लेकिन अमेरिकी मीडिया ने उनके बयानों को “चेतावनी”, “एकतरफा नुकसान” और “टैरिफ बुलिंग” जैसे तीखे शब्दों के साथ उभारा है. कई लेखों में यह भी कहा गया कि ट्रंप की नीतियों की वजह से भारत, रूस और चीन का गठजोड़ अमेरिका के लिए कूटनीतिक झटका हो सकता है. ट्रंप की आलोचना अमेरिकी मीडिया में स्पष्ट रूप से दिखी है – खास तौर पर उनकी टैरिफ नीति, भारत और रूस-चीन से रिश्तों को लेकर
द न्यू यॉर्क टाइम्स ने चीन में हुई एससीओ की मीटिंग की तस्वीरों और संदेशों को विस्तार से दिखाया, इसे अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व के विकल्प के रूप में पेश किया. उसने इस खबर को अपनी वेबसाइट और अखबार में पहले पन्ने पर सबसे ऊपर जगह दी.
ब्लूमबर्ग ने इसे ट्रंप की टैरिफ नीति और विश्व व्यवस्था के बदलते समीकरण के रूप में दिखाया. रायटर्स ने बैठक की अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और नाटो तथा यूक्रेन मुद्दे के सन्दर्भ में एक रिपोर्ट प्रकाशित की.
SCO समिट की मोदी-पुतिन-शी की तस्वीर से ट्रंप पर दबाव बढ़ा. (फोटो AP)
अमेरिकी टीवी पर इस मीटिंग को प्रमुखता
अमेरिकी टीवी चैनल्स पर भी एससीओ की मीटिंग और रूस, चीन व भारत के राष्ट्रप्रमुखों की साथ मुलाकात पर प्रमुखता से चर्चा की. एनबीसी न्यूज ने तीनों नेताओं के बीच गर्मजोशी, हाथ मिलाना और अमेरिका के प्रति भेजे गए संदेश पर विस्तार से चर्चा की. एबीसी न्यूज ने मोदी और पुतिन की मुलाकात, वैश्विक स्थिरता और अमेरिका-भारत संबंधों के तनाव को रिपोर्ट किया.सीएनएन ने शी जिनपिंग की अमेरिका के खिलाफ बयानबाज़ी और बैठक के कूटनीतिक मायनों को हाईलाइट किया.
हाथ मिलाने, हंसने और गले मिलने की तस्वीरें वायरल
अमेरिकी मीडिया में इस मुलाकात की “हाथ मिलाने, गले मिलने और हंसने” जैसी तस्वीरें काफी वायरल हो रही हैं. ये काफी चर्चा में हैं. कई चैनलों व अखबारों ने इसे ‘अमेरिका-विरोधी मैसेज’ के तौर पर ट्रंप प्रशासन के टैरिफ फैसलों के जवाब में देखा है. सोशल मीडिया और प्रमुख न्यूज़ वेबसाइट्स पर भी इन लीडर्स की तस्वीरें छाई हुई हैं.
एससीओ समिट में पीएम मोदी की पुतिन और जिनपिंग के साथ खास केमेस्ट्री नजर आई. (Reuters)
शी, पुतिन और मोदी की मीटिंग को अमेरिकी प्रेस जैसे द न्यूयॉर्क टाइम्स, फॉक्स न्यूज, ब्लूमबर्ग, राइटर्स, एनबीसी न्यूज, एबीसी न्यूज और सीएनएन ने प्रमुखता से उभारा है.
वाल स्ट्रीट जर्नल ने टिप्पणी की कि यह एक प्रतीकात्मक शक्ति प्रदर्शन था, जो विशेष रूप से ट्रंप की भारत-चीन-रूस को अलग करने की नीति को चुनौती देता है.
विघटन की धुरी
वाशिंगटन-स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर ए न्यू अमेरिकन सेक्युरिटी (CNAS) ने इस समूह को “Axis of Upheaval” यानि विघटन की धुरी बताया, जो पश्चिमी नेतृत्व को चुनौती दे सकता है, साथ ही इसे “सुविधाजनक साझीदारी” भी कहा गया.
मोदी एससीओ मीटिंग में पुतिन के साथ पहुंचे
एससीओ पर सवाल भी
वाशिंगटन पोस्ट में इस पर कई रिपोर्ट्स दी गई हैं. एक रिपोर्ट में ये विश्लेषण था कि SCO बैठक अमेरिका के वैश्विक नेतृत्व को चुनौती दे सकती है, लेकिन SCO की प्रगति और प्रभाव अभी साफ नहीं हैं. इसमें यह भी कहा गया कि यह संस्था क्षेत्रीय एकता में तो बढ़ रही है, लेकिन अभी तक बड़े ठोस नतीजे सामने नहीं आए हैं.
चीन के ग्लोबल टाइम्स ने क्या कहा
चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने मोदी और पुतिन की बैठक को सकारात्मक रूप में पेश किया. इसमें बताया गया कि दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा, खेती, अंतरिक्ष, संस्कृति आदि कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। मोदी ने इसे “विशेष और रणनीतिक साझेदारी” बताया जो वैश्विक और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है.
एक अन्य रिपोर्ट में ग्लोबल टाइम्स ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें मोदी और पुतिन हाथ पकड़कर एक-दूसरे से बातचीत करते दिखे, जिसे शिखर सम्मेलन शुरू होने से ठीक पहले रिकॉर्ड किया गया था, इसे आत्मीयता और सहयोग का प्रतीक माना गया.
Sanjay Srivastavaडिप्टी एडीटर
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...और पढ़ें
लेखक न्यूज18 में डिप्टी एडीटर हैं. प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया में काम करने का 30 सालों से ज्यादा का अनुभव. लंबे पत्रकारिता जीवन में लोकल रिपोर्टिंग से लेकर खेल पत्रकारिता का अनुभव. रिसर्च जैसे विषयों में खास...
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Location :
Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
September 02, 2025, 12:15 IST