India Pakistan: पहलगाम हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों को कड़ा सबक सिखाया था. ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था. भारत की इस कार्रवाई की अब भी दुनियाभर में चर्चा हो रही है. अब किंग्स कॉलेज लंदन के प्रोफेसर डॉ. वाल्टर लैडविग ने भी इस पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों को दंडित करना था. न कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष को भड़काना है.
लैडविग ने अपने लेख 'कैलिब्रेटेड फोर्स: ऑपरेशन सिंदूर और भारतीय प्रतिरोध का भविष्य' में कहा की भारत ने कार्रवाई करते समय संयम बरता और आतंकियों को कड़ा सबक सिखाया. ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय वायु सेना (IAF) द्वारा पिछले दशक में विकसित की गई क्षमताओं को प्रदर्शित किया. जिसे पिछले दशक में विकसित किया गया था. साथ ही साथ कहा कि परमाणु युग में ये एक अनोखा उदाहरण है. जहां पर दो परमाणु हथियार संपन्न देशों ने इस तरह के लड़ाई में हिस्सा लिया. जिसमें भारतीय वायुसेना ने अपनी क्षमता को दिखाया.
इसके अलावा उन्होंने पुलवामा आतंकी और बालाकोट हवाई हमलों का भी जिक्र करते हुए कहा कि साल 2019 एक तरह से निर्णायक क्षण था. यह बहुत ही सुनियोजित और सुनियोजित था. जो कि हमारे पास ऐसा नहीं है. 1960 के दशक के अंत में रूस और चीन ने लड़ाई लड़ी थी, यह जमीन पर था लेकिन यह एक नया क्षेत्र है, जहां दो परमाणु हथियार संपन्न देशों ने पारस्परिक हवाई हमलों में भाग लिया है और इसका अध्ययन आने वाले समय में किया जाएगा.
उन्होंने आतंकी ढाचों पर सटीक हमला करने के लिए भारत की नीतियों की सराहना भी की और कहा कि मैं इसे सरकार की नीतियों में एक विकास के रूप में देखता हूं. अगर हम 2016 में वापस जाते हैं, तो सर्जिकल स्ट्राइक इस तरह की रेड पहले भी हुई है. लेकिन उन्होंने कभी ऐसा दिखाया नहीं और कभी उन्हें सार्वजनिक नहीं किया गया. बालाकोट में 2019 के हवाई हमले पिछले मिसाल से हटकर हैं. उनके पास अगला स्तर है, जिसका मतलब है कि कई लक्ष्यों पर कई राउंड में हमला किया गया.
साथ ही साथ कहा किजब पाकिस्तान ने इस कार्रवाई का जवाब दिया, तो दोनों देशों ने तीन रातों तक हमले और जवाबी हमले किए.10 मई को भारत और पाकिस्तान ने शाम 5 बजे से जमीन, हवा और समुद्र पर सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति जताई. इसके अलावा कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक बार जैसे को तैसा का चक्र शुरू हो गया.