Last Updated:August 07, 2025, 17:52 IST
Tariff Effect on Jewellery Sector : अमेरिका के 50 फीसदी टैरिफ लगाने का वैसे तो सभी सेक्टर पर कुछ न कुछ असर पड़ेगा, लेकिन सबसे असर जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर पर पड़ता दिख रहा है. माना जा रहा है कि इससे निर्यात...और पढ़ें

नई दिल्ली. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया है. इसके बाद अलग-अलग उद्योग संगठन अपने सेक्टर पर पड़ने वाले प्रभावों का आकलन कर रहे और सरकार से इससे उबरने की मांग भी कर रहे हैं. इस बीच एक ऐसे सेक्टर ने अपनी परेशानियां उजागर की हैं, जिस पर टैरिफ का सबसे ज्यादा असर पड़ने की आशंका जताई जा रही है. सेक्टर से जुड़े संगठनों का कहना है कि टैरिफ की वजह से उनका निर्यात 75 फीसदी तक गिर सकता है. इतना ही नहीं, छोटे-मझोले उद्यमों पर ताले लगने की वजह से हजारों नौकरियों पर भी संकट बढ़ गया है.
जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर के संगठनों का कहना है कि अमेरिका द्वारा भारत से होने वाले रत्न और आभूषण निर्यात पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने से द्विपक्षीय व्यापार को गहरा झटका लगा है. 27 अगस्त 2025 से लागू हो रहे नए टैरिफ के तहत कटे और पॉलिश किए गए हीरे, लैब-ग्रोन डायमंड्स, सोना, चांदी, प्लैटिनम और नकली आभूषणों सहित कई वस्तुओं पर 50% तक आयात शुल्क लगाया जाएगा. इससे जेम्स एंड ज्वैलरी बिजनेस के निर्यात पर 75 फीसदी तक असर पड़ सकता है. जाहिर है कि इससे छोटे-मझोले उद्यमों का टिके रहना मुश्किल होगा.
अभी तक कितना लगता है टैरिफ
जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर का कहना है कि अब तक इन वस्तुओं पर 0% से 13.5% तक शुल्क लगाया जाता था, जो 1 अगस्त 2025 से बढ़ाकर पहले 25% किया गया और अब यह सीधा 50% तक पहुंच चुका है. इस गंभीर स्थिति पर कामा ज्वेलरी के मैनेजिंग डायरेक्टर कोलिन शाह ने कहा कि इस फैसले का सबसे बड़ा असर रोजगार पर पड़ेगा. अगले 4 से 5 महीनों में अनुमानित 1.25 लाख लोगों की नौकरियां जा सकती हैं. इसका सबसे ज्यादा असर पीएम मोदी के राज्य गुराजत के सूरत और मुंबई के डायमंड कटिंग और आभूषण निर्माण उद्योग से जुड़े कर्मचारियों पर दिखेगा.
कितना रहा भारत का निर्यात
साल 2022 से 2024 तक भारत के जेम्स एंड ज्वैलरी उद्योग का निर्यात औसत करीब 2.96 अरब डॉलर रहा है. लेकिन, जबसे टैरिफ वॉर शुरू हुआ है तब से अब तक साल 2025 में यह घटकर 1.49 अरब डॉलर पर आ गया है. इससे साफ पता चलता है कि अभी टैरिफ पूरी तरह लागू भी नहीं हुआ और इसमें 50 फीसदी की गिरावट आ चुकी है. 27 अगस्त से जब 50 फीसदी टैरिफ लागू हो जाएगा तो इस सेक्टर के निर्यात में और भी गिरावट का अनुमान साफ देखा जा रहा है.
क्या है इस चुनौती का हल
कोलिन शाह ने बताया कि सरकार को लंबे समय से लंबित विशेष आर्थिक क्षेत्र सुधारों को शीघ्रता से लागू करना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए. मौजूदा हालात में बाजार विविधीकरण बहुत जरूरी हो गया है. साथ ही, विशेष रूप से ब्रिक्स जैसे उभरते हुए बाजारों के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट करना बेहद आवश्यक है. इसके अलावा, ‘मेक इन इंडिया’ ब्रांड को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने के लिए सरकार को बड़ा बजट आवंटित करना चाहिए, जिससे इस आर्थिक अनिश्चितता से निपटने में उद्योग जगत को मदद मिल सके.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 07, 2025, 17:52 IST