Last Updated:September 17, 2025, 07:01 IST
Donald Trump Tariff India News: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भारतीय उत्पादों पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ़ की काट के लिए अब बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. इस मामले में विभिन्न मंत्रालयों के बीच बातचीत भी पूरी हो चुकी है और सरकार जल्द ही इसका ऐलान भी कर सकती है. जानें क्या है पूरा प्लान...

भारतीय उत्पादों पर अमेरिका की तरफ से लगाए गए 50% टैरिफ़ की काट के लिए सरकार अब बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है. खबर है कि केंद्र सरकार जल्द ही पांच वर्षीय निर्यात प्रोत्साहन मिशन को मंजूरी देने पर मंथन कर रही है. इस मामले में विभिन्न मंत्रालयों के बीच बातचीत भी पूरी हो चुकी है और सरकार जल्द ही इसका ऐलान भी कर सकती है.
हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यह कार्यक्रम न केवल अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित सेक्टरों को सहारा देगा, बल्कि लंबे समय में निर्यात को नई गति देने के लिए भी काम करेगा. प्रस्तावित मिशन में वित्तीय और गैर-वित्तीय उपाय दोनों शामिल होंगे. इसमें क्षेत्र-विशेष रणनीतियां, अनुपालन को आसान बनाने के कदम और व्यापार सुविधा उपाय भी होंगे.
क्या है पूरा प्लान…
ड्राफ्ट प्रस्तावों के अनुसार, कृषि और समुद्री उत्पाद जैसे क्षेत्रों को विशेष राहत देने की योजना है. छोटे और मध्यम उद्यमों को, जो भारत के कुल निर्यात में 46% की हिस्सेदारी रखते हैं, सस्ते लोन और ब्याज सब्सिडी के जरिये तुरंत पैसे उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके लिए इस वर्ष के केंद्रीय बजट में निर्यात प्रोत्साहन हेतु रखे गए 25,000 करोड़ रुपये के कोष का इस्तेमाल किया जाएगा. बताया जा रहा है कि सरकार शुरुआती दौर में ही लगभग 10,000 करोड़ रुपये का पैकेज जारी कर सकती है ताकि टैरिफ़ से प्रभावित निर्यातकों को तुरंत राहत मिल सके.
इस मिशन का मकसद एक्सपोर्ट फंडिंग की बड़ी कमी को भी दूर करना है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का कुल निर्यात 437 अरब डॉलर रहा, जिसके लिए 283 अरब डॉलर की वित्तीय आवश्यकता थी, लेकिन उपलब्ध कराए गए एक्सपोर्ट लोन महज 124.7 अरब डॉलर तक सीमित रहे. इस मिशन के जरिये इस अंतर को पाटने की कोशिश होगी.
निर्यात को पोत्साहन और दिशा…
सूत्रों के मुताबिक, इस मिशन में दो योजनाएं होंगी- पहली ‘निर्यात प्रोत्साहन’, जो थोड़े समय की राहत पैकेज होगी, और दूसरी ‘निर्यात दिशा’, जो दीर्घकालिक रणनीति पर आधारित होगी. हालांकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल 1 फरवरी को पेश बजट में पहले ही इस मिशन की घोषणा कर दी थी और इसे निर्यात को बढ़ाने के इंजन के रूप में पेश किया था. सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा था कि यह मिशन मंत्रालयवार लक्ष्य तय कर संचालित होगा और MSME को गैर-शुल्क बाधाओं से निपटने, आसान ऋण सुविधा और क्रॉस-बॉर्डर फैक्टरिंग सपोर्ट उपलब्ध कराएगा.
अमेरिका से ट्रेड डील पर फिर शुरू बात
अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील पर बातचीत भी फिर से शुरू हुई है. अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल इस हफ्ते नई दिल्ली पहुंचा है, जिसका नेतृत्व दक्षिण और मध्य एशिया के सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच कर रहे हैं. अगर दोनों देशों के बीच सहमति बनी तो यह द्विपक्षीय व्यापार समझौते की छठी औपचारिक वार्ता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है.
अमेरिकी सरकार ने पहले तो 31 जुलाई को भारत से अमेरिका जाने वाले निर्यात पर 25% टैरिफ़ लगाया था, जो 7 अगस्त से लागू हुआ. इसके बाद 6 अगस्त को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से कच्चा तेल खरीदने के चलते भारत पर अतिरिक्त 25% शुल्क भी लगा दिया. इस तरह भारतीय निर्यात पर कुल 50% अमेरिकी टैक्स लग गया है, जो दुनिया में सबसे अधिक है.
अधिकारियों का कहना है कि यह निर्यात मिशन अधिक लचीला और त्वरित होगा और इसका वित्तीय असर शुरुआती अनुमान से कहीं अधिक हो सकता है. इसे वाणिज्य मंत्रालय, MSME मंत्रालय और वित्त मंत्रालय मिलकर संचालित करेंगे. सरकार को उम्मीद है कि यह मिशन न केवल अमेरिकी टैरिफ़ के असर को कम करेगा बल्कि भारत को वैश्विक निर्यात प्रतिस्पर्धा में भी मजबूत बनाएगा.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 17, 2025, 06:48 IST