डिजिटल इंडिया की मिसाल, इस स्कूल ने रचा इतिहास, बिना कागज के हो रही परीक्षा

9 hours ago

Last Updated:July 23, 2025, 16:08 IST

Paperless Exam: डॉ. के.बी. हेडगेवार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुजिरा ने पर्यावरण संरक्षण और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देते हुए 21 से 26 जुलाई तक 11वीं-12वीं की परीक्षा पूरी तरह पेपरलेस फॉर्मेट में आयोजित की है.

डिजिटल इंडिया की मिसाल, इस स्कूल ने रचा इतिहास, बिना कागज के हो रही परीक्षाइस स्कूल में Paperless परीक्षा आयोजित की जा रही है.

Paperless Exam: डॉ. के.बी. हेडगेवार उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, कुजिरा ने पर्यावरण की रक्षा और डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की है. स्कूल ने 11वीं और 12वीं के 347 छात्रों की परीक्षा 21 जुलाई से 26 जुलाई तक पूरी तरह पेपरलेस तरीके से करा रही है. इस परीक्षा में एक भी कागज़ की शीट इस्तेमाल नहीं की गई. इसके लिए स्कूल ने ‘लिटिलमोर इनोवेशन लैब्स’ के साथ मिलकर LMExams नामक डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग किया, जिससे छात्र पूरी परीक्षा डिजिटल तरीके से दे रहे हैं. प्रधानाचार्य दीपक अमोनकर ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह पेपरलेस है.

शिक्षा और पर्यावरण की संगम-यात्रा

विद्यालय के प्रबंधक सुभाष देसाई ने कहा कि यह पहल शिक्षा में सुधार और पर्यावरण की रक्षा दोनों को साथ लेकर चलती है. इस डिजिटल परीक्षा प्रणाली की वजह से लगभग 30,000 कागज़ की शीट की बचत होगी, जो करीब 3 से 4 बड़े पेड़ों को कटने से बचा सकती है. प्रधानाचार्य विलास सातारकर ने बताया कि अगर यही तरीका पूरे गोवा के स्कूलों में अपनाया जाए, तो हर साल 50 लाख से ज्यादा पेपर शीट की बचत हो सकती है. इससे गोवा की शिक्षा व्यवस्था और भी पर्यावरण–अनुकूल और टिकाऊ बन सकती है.

सुरक्षित, ऑफलाइन और यूजर फ्रेंडली तकनीक

LMExams एक खास डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म है जो परीक्षाओं के लिए तैयार किया गया है. इससे सवाल सुरक्षित तरीके से छात्रों तक पहुंचते हैं और छात्र अपने जवाब हाथ से लिख सकते हैं. यह कोई टैबलेट या लैपटॉप नहीं, बल्कि सिर्फ परीक्षा के लिए बनाया गया एक अलग उपकरण है. स्कूल के प्रधानाचार्य दीपक अमोनकर का मानना है कि यह सिर्फ तकनीक का बदलाव नहीं है, बल्कि हमारी परीक्षा और शिक्षा प्रणाली को नए तरीके से सोचने का एक मौका है. इस तरह के नवाचार से छात्र आने वाले समय की चुनौतियों के लिए बेहतर तैयार हो सकते हैं.

राष्ट्रव्यापी मिसाल और एनईपी के अनुरूप पहल

गोवा शिक्षा विकास निगम के अध्यक्ष गोविंद पर्वतकर ने कहा कि यह मॉडल देश भर के स्कूलों के लिए एक अच्छा उदाहरण बन सकता है. उन्होंने बताया कि यह तरीका नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की सोच के अनुसार है, जो भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इस मॉडल की खास बात यह है कि इसके लिए न तो ज्यादा खर्च की जरूरत है और न ही इंटरनेट की. फिर भी, इससे सुरक्षित और अच्छी गुणवत्ता वाली परीक्षाएं कराई जा सकती हैं.

Munna Kumar

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...

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