डोनाल्ड ट्रंप को सता रहा किस चीज का डर? दुनियाभर के लोगों से कर रहे चिरौरी

2 hours ago

Trump urges foreign companies: बीते 90 दिनों से दुनिया को अमेरिकी टैरिफ (US Tariff) की धौंस दिखा रहे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के सुर कुछ बदले नजर आ रहे हैं. माना जा रहा है कि भारत-रूस-चीन तीनों से एक साथ संबंध खराब करने के बाद उनके रुख में ये बदलाव दिखा है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अबतक अमेरिका को दुनिया का सबसे बड़ा कंज्यूमर और खरीददार बताने वाले ट्रंप विदेशी कंपनियों के आगे चिरौरी कर रहे हैं. ट्रंप ने अमेरिका में निवेश करने वाली कंपनियों के अधिकारियों से अमेरिकी कर्मचारियों को स्किल्ड बनाने यानी ट्रेंड करने का आग्रह किया है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ घंटे पहले विदेशी कंपनियों से न केवल अमेरिका में निवेश करने, बल्कि जटिल और उच्च तकनीक वाले प्रोडक्ट्स के निर्माण में अमेरिकी कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने में मदद के लिए एक्सपर्ट्स लाने का भी आह्वान किया, ताकि अमेरिकी स्टाफ भी उन कामों में दक्ष हो सके जिसमें वो अबतक फिसड्डी माने जाते हैं. 

किन कंपनियों से अपील

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ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किए अपने बयान में, ट्रंप ने अमेरिका के लिए उन्नत विनिर्माण कौशल, खासकर सेमीकंडक्टर और जहाज बनाने वाली कंपनियों से मदद की अपील की है. उन्होने उच्च तकनीक की हैवी मशीनरी वाले उद्योगों में काम करने वाली विदेशी कंपनियों से हुनर सीखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, 'जब विदेशी कंपनियां, जो बेहद जटिल उत्पाद, मशीनें और कई अन्य चीजें बना रही हैं, वो बड़े निवेश के साथ अमेरिका आती हैं, तो मैं चाहता हूं कि वे अपने विशेषज्ञता वाले लोगों को कुछ समय के लिए हमारे लोगों को इन अनोखे और जटिल उत्पादों को बनाने का तरीका सिखाने और प्रशिक्षित करने के लिए लाएं, क्योंकि वे हमारे देश से बाहर निकलकर अपनी धरती पर वापस आ रही हैं.'

ट्रंप क्यों कर रहे चिरौरी?

ट्रंप अमेरिकी कर्मचारियों के कौशल निर्माण पर यानी उन्‍हें दक्ष बनाने पर जोर दे रहे हैं. इसलिए वो उनकी स्किल में इजाफा करने के लिए कंपनियों से गुजारिश कर रहे हैं. उनका मानना है कि ऐसा होने पर कहीं न कहीं अमेरिकी डॉलर्स की बचत होगी और उन्हें दूसरे देशों पर कम से कम निर्भर होना होगा. 

अमेरिकी राष्ट्रपति ने तर्क दिया कि विदेशी निवेश के दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने और अमेरिकी औद्योगिक शक्ति को पुनर्स्थापित करने के लिए इस प्रकार का नॉलेज ट्रांसफर होना जरूरी है. उन्होंने आगे कहा, 'अगर हम ऐसा नहीं करते, तो चिप्स, सेमीकंडक्टर, कंप्यूटर, जहाज, रेलगाड़ियां या अन्य प्रोडक्ट, जिन्हें बनाने का तरीका हमें दूसरों से सीखना होगा, या कई मामलों में दोबारा सीखना होगा, क्योंकि हम पहले इसमें बहुत अच्छे थे, लेकिन अब नहीं है'.

जहाज निर्माण का उदाहरण देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका पहले एक दिन में एक जहाज बनाता था, लेकिन अब मुश्किल से एक साल में एक जहाज बना पाता है. ऐसे में अमेरिकी लोगों की नॉलेज बढ़ने का फायदा अमेरिका को होगा. 

मैं डरा नहीं रहा: ट्रंप

ट्रंप ने आगे कहा, 'मैं बाहरी देशों या कंपनियों द्वारा अमेरिका में किए जाने वाले निवेश को डराना या हतोत्साहित नहीं करना चाहता. हम उनका स्वागत करते हैं, हम उनके कर्मचारियों का स्वागत करते हैं और हम गर्व से यह कहने को तैयार हैं कि हम उनसे सीखेंगे और उनके अपने खेल में उनसे भी बेहतर प्रदर्शन करेंगे'.

ट्रंप की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिका घरेलू विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने पर जोर देने के साथ वाशिंगटन द्वारा कुछ देशों पर लगाए गए टैरिफ के कारण पैदा हुई वैश्विक आर्थिक चिंताओं के बीच निर्माताओं से अमेरिका में निवेश करने का आह्वान कर रहा है. इस महीने की शुरुआत में, ट्रंप ने कहा था कि कुछ कंपनियां इन टैरिफ से बचने और उसकी सुरक्षात्मक नीतियों का लाभ उठाने के लिए अमेरिका में अपने उत्पाद बनाना पसंद कर रही हैं, और उन्होंने चीन, मेक्सिको और कनाडा की कंपनियों, खासकर कार निर्माताओं, की ओर इशारा किया था.

तब उन्होंने कहा था हज़ारों कंपनियां अमेरिका आ रही हैं. परंपरागत रूप से ऑटो मोबाइल मेनुफेक्चरर कंपनियां. वो चीन, मेक्सिको, कनाडा से आ रही हैं. वे यहां निर्माण करना चाहती हैं क्योंकि, पहली बात, उन्हें यहां रहना पसंद है, और दूसरी बात, टैरिफ उनकी रक्षा कर रहे हैं. तीसरी बात, वे टैरिफ का भुगतान करने से बचना चाहती हैं. क्योंकि जब वो अमेरिका में अपनी कार बनाते हैं तो उन्हें कोई टैरिफ नहीं देना पड़ता.

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