तबाही के बाद अब राहत के आसार, क्‍या अपने घरों को लौट पांएगे हजारों लोग

13 hours ago

Last Updated:June 07, 2025, 12:22 IST

Assam Flood News: लगातार मूसलाधार बारिश की वजह से नॉर्थईस्‍ट के कई राज्‍यों में हालात बेकाबू हो गए. बाढ़ और लैंडस्‍लाइड की वजह से असम में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं.

तबाही के बाद अब राहत के आसार, क्‍या अपने घरों को लौट पांएगे हजारों लोग

असम में बारिश में कमी आने से रहात की उम्‍मीद जगी है. (फोटो: पीटीआई)

गुवाहाटी. असम में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार देखने को मिला है, क्योंकि ब्रह्मपुत्र समेत प्रमुख नदियों का जलस्तर घटने की प्रवृत्ति में है. हालांकि, राज्य के 18 जिलों में अभी भी चार लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. राज्य के अधिकांश जिलों में बारिश की तीव्रता कम रही है और कुछ क्षेत्रों में छिटपुट वर्षा दर्ज की गई है, जिससे नदियों के जलस्तर में गिरावट आई है. इसके बावजूद, ब्रह्मपुत्र नदी धुबरी में, कोपिली नदी धर्मतुल में, बराक नदी कटकाल (हैलाकांडी) में और कुशियारा नदी श्रीभूमि में अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.

कामरूप (मेट्रो) जिले में एक व्यक्ति के लापता होने की खबर है. गुवाहाटी के रूपनगर इलाके में शनिवार तड़के भूस्खलन की घटना हुई, जिसमें एक व्यक्ति के लापता होने की आशंका है. अब तक इस साल की पहली बाढ़ और भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलनों में 21 लोगों की जान जा चुकी है. बाढ़ ने 1,296 गांवों को प्रभावित किया है, जो 18 जिलों के 54 राजस्व क्षेत्रों में फैले हुए हैं. करीब 16,558 हेक्टेयर कृषि भूमि अभी भी जलमग्न है, जबकि 2.96 लाख से अधिक मवेशी इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हैं. राज्य सरकार द्वारा 328 राहत शिविरों में 40,313 विस्थापित लोगों को शरण दी गई है, जबकि 1.19 लाख से अधिक प्रभावित लोगों को विभिन्न राहत वितरण केंद्रों से सहायता प्रदान की जा रही है.

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मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को एक सप्ताह में दूसरी बार बराक घाटी का दौरा किया और प्रभावित लोगों को समय पर पुनर्वास अनुदान का आश्वासन दिया। उन्होंने यह भी कहा कि दुर्गा पूजा से पहले क्षतिग्रस्त सड़कों और अन्य ढांचों की मरम्मत कर दी जाएगी. बाढ़ का असर काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य पर भी पड़ा है. यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल काजीरंगा के बड़े हिस्से बाढ़ के पानी में डूब गए हैं, वहीं पोबितोरा अभयारण्य का 70 प्रतिशत हिस्सा ब्रह्मपुत्र और कोपिली नदियों के पानी से प्रभावित है.

वन्यजीवों, विशेष रूप से एक सींग वाले गैंडों और अन्य जानवरों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ रही है। एक वन अधिकारी ने बताया कि वनकर्मी हालात पर नजर रखे हुए हैं और वन्यजीवों पर बाढ़ के असर को कम करने के प्रयास जारी हैं. बता दें कि मानसून के सक्रिय होने के बाद से ही नॉर्थईस्‍ट में जोरदार बारिश हो रही है. इसके चलते बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई. पिछले कुछ दिनों से बारिश में कमी आने से सुधार दिखने लगी है.

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Manish Kumar

बिहार, उत्‍तर प्रदेश और दिल्‍ली से प्रारंभिक के साथ उच्‍च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्‍ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्‍लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें

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Guwahati,Kamrup Metropolitan,Assam

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